फरीदाबाद: हरियाणा की औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर अमित की टीम ने साइबर ठगी के मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हैरानी की बात ये है कि पकड़े गए आरोपियों में एक बैंक मैनेजर और एक बैंक मैं कार्यरत रिलेशनशिप मैनेजर है. आरोपी ऑनलाइन पैसा कमाने वालों को टारगटे करते थे.
इस मामले में एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमित, सुनील उर्फ राजू, मयंक, सागर, कृष्णावीर, नीरज कुमार तथा अर्जुन का नाम शामिल है. आरोपी अमित, सुनील, मयंक, सागर और कृष्णावीर उत्तर प्रदेश, आरोपी नीरज नई दिल्ली और अर्जुन पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. आरोपी मयंक एचडीएफसी बैंक में मैनेजर की नौकरी करता था वहीं आरोपी कृष्णावीर इंडसइंड बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर तैनात है.
23 जनवरी को साइबर थाना एनआईटी में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर 8.54 लाख रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था. आजकल हर कोई घर बैठे ऑनलाइन काम करके पैसा कमाना चाहता है. कुछ साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. इसके लिए साइबर अपराधी फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों को टारगेट करते हैं.
आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले व्यक्ति के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया. पीड़ित की शिकायत पर थाने में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच के लिए थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अमित के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. इस दौरान एक से एक कड़ी जोड़ते हुए तथ्यों के आधार पर 29 फरवरी को दिल्ली एनसीआर एरिया से आरोपी अमित, नीरज, मयंक तथा सागर को गिरफ्तार कर लिया. इसके पश्चात उनकी जानकारी के आधार पर आरोपी अर्जुन, सुनील तथा कृष्णवीर को भी गिरफ्तार किया गया.
आरोपियों को अदालत में पेश करके 6 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया. पुलिस रिमांड के दौरान सामने आया कि मामले के मुख्य आरोपी अमित तथा सुनील हैं. जो चीन के किसी मेक नाम के व्यक्ति के साथ टेलीग्राम पर संपर्क में थे. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए एक असली कंपनी की वेबसाइट जैसी ही एक फर्जी वेबसाइट बनाकर उसमें ट्रेडिंग करवाते थे. जब उस वेबसाइट में कोई व्यक्ति पैसा इनवेस्ट कर देता था तो आरोपी उसे अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.
आरोपियों में शामिल बैंक कर्मचारी इन्हें फर्जी खाते उपलब्ध करवाते थे. आरोपियों के कब्जे से 22 हजार 500 रुपए, 4 मोबाइल फोन, 7 चेक बुक तथा 3 डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं.
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