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प्रदेश के लिए राहत भरी खबर, राजस्थान की 586 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित - 586 Gram panchayats TB Free

राजस्थान की 586 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है. प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है. चिकित्सा विभाग ने इस साल 9325 ग्राम पंचायतों में इसे लेकर अभियान शुरू किया है.

586 Gram panchayats TB Free
586 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 7:08 PM IST

जयपुर: भारत सरकार के केन्द्रीय क्षय अनुभाग ने राज्य की 586 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया है. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है. चिकित्सा विभाग द्वारा टीबी रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं एवं योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए यह सफलता प्राप्त की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगे भी टीबी मुक्त राजस्थान अभियान को प्रतिबद्धता के साथ संचालित किया जाएगा.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च, 2023 को वाराणसी में आयोजित 'विश्व टीबी रोग दिवस' समारोह में 'टीबी मुक्त पंचायत' अभियान का शुभारम्भ किया था. इस अभियान का उद्देश्य पंचायतीराज सदस्यों को टीबी रोग कार्यक्रम, रोगियों की सहायतार्थ संबल प्रदान करना एवं पंचायत को टीबी मुक्त करने की दिशा में सम्मिलित प्रयास करना है. इस अभियान के तहत राजस्थान का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है.

पढ़ें: एआई से टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना, एक्सरे से AI एल्गोरिदम बताएगा TB होगी या नहीं

टीबी के संभावित रोगियों की खोज: राज्य को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा वर्ष 2024 में 9325 ग्राम पंचायतों में अभियान आयोजित किया जा रहा है. अभियान के दौरान आशा/स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष में दो बार घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की खोज की जाएगी.

पढ़ें: TB free Rajasthan Conference: सीएम गहलोत बोले- 2025 तक राजस्थान होगा क्षय रोग मुक्त

टीबी से उपचारित हो चुके 'टीबी चैम्पियन' द्वारा उपचाररत रोगियों एवं संभावित रोगियों को जागरूकता गतिविधियों द्वारा टीबी रोग के लक्षण, पूर्ण उपचार एवं उपचार के दौरान नियमितता आदि पर समझाइश की जाएगी. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों के छात्रों, ग्राम सभा आदि में 'टीबी रोग-शपथ' भी दिलाई जाएगी. जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर क्षय रोगियों को सामुदायिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए 'नि-क्षय मित्र' बनाए जाएंगे. नि-क्षय मित्र के रूप में कोई भी व्यक्ति, भामाशाह व जनप्रतिनिधि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाकर इसमें सहयोग कर सकता है.

जयपुर: भारत सरकार के केन्द्रीय क्षय अनुभाग ने राज्य की 586 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया है. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है. चिकित्सा विभाग द्वारा टीबी रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं एवं योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए यह सफलता प्राप्त की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगे भी टीबी मुक्त राजस्थान अभियान को प्रतिबद्धता के साथ संचालित किया जाएगा.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च, 2023 को वाराणसी में आयोजित 'विश्व टीबी रोग दिवस' समारोह में 'टीबी मुक्त पंचायत' अभियान का शुभारम्भ किया था. इस अभियान का उद्देश्य पंचायतीराज सदस्यों को टीबी रोग कार्यक्रम, रोगियों की सहायतार्थ संबल प्रदान करना एवं पंचायत को टीबी मुक्त करने की दिशा में सम्मिलित प्रयास करना है. इस अभियान के तहत राजस्थान का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है.

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टीबी के संभावित रोगियों की खोज: राज्य को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा वर्ष 2024 में 9325 ग्राम पंचायतों में अभियान आयोजित किया जा रहा है. अभियान के दौरान आशा/स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष में दो बार घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की खोज की जाएगी.

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टीबी से उपचारित हो चुके 'टीबी चैम्पियन' द्वारा उपचाररत रोगियों एवं संभावित रोगियों को जागरूकता गतिविधियों द्वारा टीबी रोग के लक्षण, पूर्ण उपचार एवं उपचार के दौरान नियमितता आदि पर समझाइश की जाएगी. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों के छात्रों, ग्राम सभा आदि में 'टीबी रोग-शपथ' भी दिलाई जाएगी. जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर क्षय रोगियों को सामुदायिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए 'नि-क्षय मित्र' बनाए जाएंगे. नि-क्षय मित्र के रूप में कोई भी व्यक्ति, भामाशाह व जनप्रतिनिधि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाकर इसमें सहयोग कर सकता है.

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