आगरा: पुलिस कमिश्नरेट में खलबली मची हुई है. कमिश्नरेट में रिश्वत, लापरवाह और अनुशासनहीनता की वजह से 24 घंटे में 56 पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं. ये सभी आगरा पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड की शुरू की फीड बैक सेल की कॉल से हुआ है. फीड बैक सेल से कॉल करके पासपोर्ट, पुलिस वैरिफिकेशन, चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापन, किरायेदार सत्यापन, कर्मचारी सत्यापन और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वालों से फीड बैक लिया तो पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी, मनमानी और अनुशासनहीनता का खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड के निर्देश पर कमिश्नरेट के सिटी जोन, पूर्वी जोन और पश्चिमी जोन में 24 घंटे में 56 पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का चाबुक चलाया. ये यूपी में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जो फीड बैक सेल की रिपोर्ट पर हुई है.
चार माह पहले पुलिस कमिश्नर ने की शुरुआत: जब से पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गोड़ ने आगरा में चार्ज लिया, तब जमीन कांड की वजह से पुलिस की खूब किरकिरी हो रही थी. कमिश्नरेट में पुलिसकर्मियों की वसूली और मनमानी की चर्चा जोरों पर थी. ऐसे में पुलिस कमिश्नर जे रविदंर गौड ने पुलिस की छवि सुधारने और जनता के हित में सिटीजन चार्टर लागू कराया. उन्होंने पुलिस में बीट प्रणाली लागू की. सभी अधीनस्थों को निर्देश दिए कि, जनता के किसी भी काम और वेरीफिकेशन के नाम पर सुविधा शुल्क नहीं लें. जनता से अपील की कि, अगर कोई सुविधा शुल्क मांगे तो पुलिस हेल्पलाइन को कॉल करके शिकायत करें. इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर ने आवेदक या लाभार्थी से फीड बैक के लिए फीड बैक सेल बनाई.
फीड बैक कॉल में जनत ने बताई हकीकत: आगरा पुलिस कमिश्नर की फीड सेल ने आवेदक या लाभार्थियों को कॉल किया. जानकारी ली कि, बीपीओ घर पर आए या नहीं. क्या बीपीओ ने कोई सुविधा शुल्क लिया ? बीपीओ का व्यवहार कैसा रहा? क्या आप बीपीओ के काम से संतुष्ट हैं ? फीड बैक सेल से इन सवाल से जनता से फीड लिया. कमिश्नरेट में सुविधा शुल्क का पुलिसकर्मी खूब खेल चला रहे थे. फीड बैक सेल की कॉल के साथ ही पुलिस कमिश्नर और हर जोन के डीसीपी को मिल रही थीं. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान शिकायतों की संख्या बढ़ गई.
फीड बैक से नाम आए सामने: डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया, कि फीड बैक सेल की रिपोर्ट के बाद आगरा सिटी जोन में 31 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं. इनमें 16 पुलिसकर्मी वो हैं जिनकी पासपोर्ट वेरीफिकेशन में सुविधा शुल्क लेने की शिकायत मिली थी. ये संख्या तब है कि, 90 प्रतिशत लोगों ने किसी भी तरह का सुविधा शुल्क मांगने की जानकारी नहीं दी. फीड बैक सेल से मिली जानकारी का सत्यापन करके कार्रवाई की गई है. फीड बैक सेल के बेहतर रिजल्ट आ रहे हैं. इससे जहां पुलिस के काम में पारदर्शिता आने के साथ ही भ्रष्टाचार में लिप्त पर सख्त कार्रवाई भी हो रही है.
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में जिस तरह से 24 घंटे में 56 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं. इस कार्रवाई से प्रदेश के पुलिस महकमें में हल्ला मचा हुआ है. इस तरह की इतनी बड़ी कार्रवाई किसी भी जिले में अभी तक नहीं हुई है. अब पुलिस कमिश्नर की ओर से दागी थानेदार और विवेचकों की जांच रिपोर्ट तैयार कराई गई है. जल्द ही लापरवाह थानेदार और विवेचकों पर भी गाज गिर सकती है. इसकी चर्चा पुलिस महकमें में भी हो रही हैं.
पहले भी हुई थी बड़ी कार्रवाई: जब आगरा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं थी. तब भी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का चाबुक चलाया गया था. दो साल पहले आगरा के तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने फाउंड्री नगर चौकी से आरोपी को छोड़ने के मामले में पूरी चौकी पर कार्रवाई की थी. उस समय भी भ्रष्टचार में खूब कार्रवाई की गई थीं.
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड़ ने बताया कि, यदि कोई भी पुलिसकर्मी अगर किसी काम के लिए रुपये की मांग करता है, तो उसकी शिकायत करें. भ्रष्टाचार की शिकायत मेरे व्हाट्सएप नंबर पर कर सकते हैं. इसके साथ ही कमिश्नरेट में जुए और सट्टे की शिकायत भी कर सकते हैं. जो भी पुलिसकर्मी वसूली करेगा. सुविधा शुल्क लेगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यहां पर करें शिकायत
डीसीपी ईस्ट- 9454401010
डीसीपी वेस्ट - 9454401009
डीसीपी सिटी - 9454401007
अपर पुलिस आयुक्त - 9454400376
पुलिस आयुक्त - 9454400246
ट्रैफिक हेल्पलाइन नम्बर- 9454457886
पर्यटन हेल्पलाइन नम्बर- 9454402764
आपातकालीन सुविधा - 112
साइबर क्राइम हेल्पलाइन - 1930
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