रायपुर: विष्णुदेव साय कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है. इस मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए हैं. जिसमें सबसे बड़ा फैसला त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर किया गया है. त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन के आधार पर आरक्षण देने का फैसला किया गया है. इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण की एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को कमजोर किया गया है. अब पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक रिजर्वेशन देने का ऐलान किया है.
फैसले से क्या बदलेगा ?: जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा देने का निर्णय ओबीसी वर्ग के लिए किया गया है. इस फैसले के बाद अब ऐसे निकाय जहां पर एसटी वर्ग और एससी वर्ग का कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक है. वहां पर अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा. अगर अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा.
आबादी के आधार पर आरक्षण: इस फैसले में यह भी है कि यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा. निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं. जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष जैसे पद शामिल हैं. उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर इस फॉर्मूले का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या को तय किया जाएगा.
साय कैबिनेट की बैठक के अन्य फैसले: साय कैबिनेट की बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए हैं. इसके तहत खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी हेतु स्वीकृत शासकीय प्रत्याभूति राशि की वैद्यता को 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाया गया है. यह राशि 14 हजार 700 करोड़ रुपये की है. इसके अलावा शिक्षक पंचायत संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल को साल 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम और द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने में एक बार की छूट दी गई है.
नई औद्योगिक विकास नीति को मंजूरी: मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-29 के ड्राफ्ट एवं प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. यह नीति एक नवंबर 2024 से शुरू होगी और राज्य में 31 अक्टूबर 2029 तक प्रभावी रहेगी. इस पॉलिसी में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने के उपाय किए गए हैं. वर्ष 2020 में एमएसएमईडी एक्ट-2006 में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों की परिभाषा में हुए संशोधनों को अपनाया गया है. जिलों के विकासखण्डों को तीन क्षेणियों में विभाजित किया गया है. इसके तहत दिए जाने वाले औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की मात्रा का निर्धारण करने का फैसला किया गया है.
- नवा रायपुर अटल नगर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए रियायती दर पर भूमि का आवंटन होगा. जिससे तमाम उद्योग और सेवाएं विकसित हो सके. अटल नगर विकास प्राधिकरण को शुल्क में छूट दिया गया है. यह साल 2026 तक लागू रहेगा.
- गांव नियानार, जगदलपुर में एनएमडीसी के अधिकारियों कर्मचारियों हेतु आवासीय परिसर के निर्माण के लिए118 एकड़ शासकीय भूमि को सीएसआईडीसी को दिया गया है.
- राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय में राज्य आयुक्त के एक नए पद को मंजूरी दी गई है.
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. इसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को तीर्थ यात्रा कराई जाएगी.
- तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है. इससे विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलेगी.
- अचल सम्पत्ति के अंतरण संबंधी दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण फीस के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया है.
- छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 के संशोधन अध्यादेश 2024 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई है.
कुल मिलाकर साय सरकार का पूरा फोकस अब छत्तीसगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव हैं. आज के कैबिनेट के फैसलों में इन चुनाव की छाप दिख रही है.