ETV Bharat / state

प्रशासन के आदेशों के बाद भी नदी में उतर रहे सैलानी, एक सप्ताह में 5 सैलानियों की हुई मौत - Tourists negligence in Kullu

Tourists negligence in Kullu: कुल्लू जिले में बीते एक सप्ताह में पांच सैलानियों की नदी में पांव फिसलने से मौत हुई है. बावजूद इसके सैलानी बिना डर के नदी के तेज बहाव में उतर रहे हैं.

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 5:02 PM IST

Tourists negligence in Kullu
तेज बहाव में नदी में उतरते सैलानी (ETV Bharat)
कुल्लू में सैलानियों की लापरवाही (ETV Bharat)

कुल्लू: भारत के निचले राज्यों में लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी इन दिनों पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. यहां के नदी-नाले भी सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं. नदी-नालों में सैलानियों के साथ कोई हादसा ना हो. इसके लिए प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे जाने पर रोक लगाई गई है.

जिला कुल्लू में प्रशासन के आदेशों के बाद भी सैलानी नदी में उतर रहे हैं और पांव फिसलने के चलते हादसे भी हो रहे हैं. बीते एक सप्ताह में पांच सैलानियों की नदी में पैर फिसलने से मौत हुई है. बीते सोमवार को भी मनाली के बाहंग में ब्यास नदी के किनारे जाकर फोटो खींच रही उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दो पर्यटक बह गए थे.

बीते 26 मई को भी नेहरू कुंड में फोटोग्राफी कर रहे दो पर्यटक ब्यास नदी में बह गए थे. युवती का शव पुलिस ने बरामद कर लिया था जबकि युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया. इसके अलावा मणिकर्ण घाटी में भी पार्वती नदी में पांव फिसलने से एक युवक की मौत हो गई.

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर है जुर्माने का प्रावधान:

जिला कुल्लू में हर साल उपायुक्त की ओर से नदी किनारे पर्यटकों को जाने से रोकने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों को एक हजार से पांच हजार रुपये का जुर्माना या न्यूनतम आठ दिन की कैद का प्रावधान किया गया है लेकिन बावजूद इसके अब तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है.

इतना ही नहीं कुछ होटल व रेस्तरां संचालकों ने भी नदियों के किनारे पर्यटकों के बैठने के लिए स्थान बना रखे हैं जो अचानक जलस्तर की स्थिति में खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसे लोगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां बीते 14 सालों में 150 लोगों की नदी में बहने से मौत हुई है जिनमें सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हैं. इनमें कुछ सैलानी नदी-नालों के किनारे फोटोग्राफी कर रहे थे तो कुछ सैलानी रिवर राफ्टिंग के दौरान हादसे का शिकार हुए.

ऐसे में ब्यास नदी की धारा सैलानियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा नदी-नालों के किनारे जगह-जगह पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं ताकि सैलानी नदी किनारे जाने से बच सकें. वहीं, सैलानी इन नियमों को अनदेखा कर रहे हैं.

जिला कुल्लू के नदी-नालों में उतरने पर पाबंदी लगाई गई है. इस संबंध में बैठक की गई है, जिसमें पुलिस को चालान करने को कहा गया है. वहीं, तहसीलदार को रेकी करने को कहा गया है. वहीं, जिला कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा जहां-जहां नदी-नालों में जाने के रास्ते बने हैं उन्हें बंद किया जाएगा और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करेगा.

ये भी पढ़ें: चंबा में गहरी खाई में गिरी गाड़ी, 3 की मौत, 9 घायल

कुल्लू में सैलानियों की लापरवाही (ETV Bharat)

कुल्लू: भारत के निचले राज्यों में लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी इन दिनों पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. यहां के नदी-नाले भी सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं. नदी-नालों में सैलानियों के साथ कोई हादसा ना हो. इसके लिए प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे जाने पर रोक लगाई गई है.

जिला कुल्लू में प्रशासन के आदेशों के बाद भी सैलानी नदी में उतर रहे हैं और पांव फिसलने के चलते हादसे भी हो रहे हैं. बीते एक सप्ताह में पांच सैलानियों की नदी में पैर फिसलने से मौत हुई है. बीते सोमवार को भी मनाली के बाहंग में ब्यास नदी के किनारे जाकर फोटो खींच रही उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दो पर्यटक बह गए थे.

बीते 26 मई को भी नेहरू कुंड में फोटोग्राफी कर रहे दो पर्यटक ब्यास नदी में बह गए थे. युवती का शव पुलिस ने बरामद कर लिया था जबकि युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया. इसके अलावा मणिकर्ण घाटी में भी पार्वती नदी में पांव फिसलने से एक युवक की मौत हो गई.

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर है जुर्माने का प्रावधान:

जिला कुल्लू में हर साल उपायुक्त की ओर से नदी किनारे पर्यटकों को जाने से रोकने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों को एक हजार से पांच हजार रुपये का जुर्माना या न्यूनतम आठ दिन की कैद का प्रावधान किया गया है लेकिन बावजूद इसके अब तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है.

इतना ही नहीं कुछ होटल व रेस्तरां संचालकों ने भी नदियों के किनारे पर्यटकों के बैठने के लिए स्थान बना रखे हैं जो अचानक जलस्तर की स्थिति में खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसे लोगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

जिला कुल्लू की अगर बात करें तो यहां बीते 14 सालों में 150 लोगों की नदी में बहने से मौत हुई है जिनमें सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हैं. इनमें कुछ सैलानी नदी-नालों के किनारे फोटोग्राफी कर रहे थे तो कुछ सैलानी रिवर राफ्टिंग के दौरान हादसे का शिकार हुए.

ऐसे में ब्यास नदी की धारा सैलानियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा नदी-नालों के किनारे जगह-जगह पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं ताकि सैलानी नदी किनारे जाने से बच सकें. वहीं, सैलानी इन नियमों को अनदेखा कर रहे हैं.

जिला कुल्लू के नदी-नालों में उतरने पर पाबंदी लगाई गई है. इस संबंध में बैठक की गई है, जिसमें पुलिस को चालान करने को कहा गया है. वहीं, तहसीलदार को रेकी करने को कहा गया है. वहीं, जिला कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा जहां-जहां नदी-नालों में जाने के रास्ते बने हैं उन्हें बंद किया जाएगा और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करेगा.

ये भी पढ़ें: चंबा में गहरी खाई में गिरी गाड़ी, 3 की मौत, 9 घायल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.