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मानसून में घर ले आएं ये 5 पौधे, इनके पत्तियों के नियमित सेवन से खुद को रख सकते हैं निरोग - Disease Fighting Plants - DISEASE FIGHTING PLANTS

Disease Fighting Plants: बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है. इस दौरान लोगों में बीमारी का खतरा अधिक रहता है. इसके इलाज के लिए अस्पतालों में लंबे चक्कर काटने पड़ते हैं. जेब अलग से ढीली होती है. अगर आप इस खर्चे से छुटकारा पाना चाहते हैं तो प्रकृति में ऐसे कई औषधीय पेड़ पौधे हैं, जिनके सेवन से विभिन्न रोगों से निजात पाई जा सकती है.

मानसून में घर ले आएं यह 5 पौधे
मानसून में घर ले आएं यह 5 पौधे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 19, 2024, 5:59 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 6:26 PM IST

नई दिल्ली: बरसात के मौसम में उमस और नमी के कारण डायरिया, फंगल इन्फेक्शन, त्वचा रोग, सांस की समस्या, डेंगू, मलेरिया आदि जैसी बीमारियां गंभीर रूप ले लेती हैं. इसके इलाज के लिए अस्पतालों में लंबे चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, कुछ विशेष पौधे ऐसे हैं जिनको आप अपने किचन गार्डन में आसानी से उगा सकते हैं. इनका नियमित सेवन कर खुद को निरोगी रख सकते हैं. हमने ने पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी में मौजूद एक नर्सरी के मालिक से कुछ विशेष औषधीय पौधों के बारे जानकारी ली. और यह भी जाना कि आप इनको अपने किचन गार्डन में कैसे लगा सकते हैं. आइये जानते हैं उन्होंने क्या बताया?

हार सिंगार के औषधीय लाभ: राज ने बताया कि हार सिंगार का पौधा छोटा होता है. इसको आसानी से गमले में उगाया जा सकता है. आयुर्वेद में बताया गया है कि इसके नियमित सेवन से ईम्युनिटी बढ़ती है. अगर किसी को डेंगू या मलेरिया हो गया है, तो इसके पत्तों को पानी में उबालकर पीना चाहिए. अगर कोई गठिया, साइटिका, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, सूखी खांसी, डायबिटीज जैसी बीमारियां से ग्रस्ति हैं तो आपके लिए भी हरसिंगार सबसे फायदेमंद है. हरसिंगार के पत्ते बुखार में बेहद लाभदायक होते हैं.

हार सिंगार
हार सिंगार (ETV Bharat)

तुलसी के औषधि लाभ: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है. त्योहारों में इनकी पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. ऐसी मान्यता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा देवी मां की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही तुलसी एक बेहतरीन औषधि भी है. राज ने बताया कि तुलसी ऐसा पौधा है, जो सब से ज्यादा बिकता है. यह आस्था का प्रतीक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी है. तुलसी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल के गुण मौजूद होते हैं, जो मानसून में होने वाली बीमारियां जैसे खांसी, सर्दी और अस्थमा की तकलीफ को कम करने में मददगार होता है. इसके पत्तों को चाय, ब्लैक टी और बिना पानी या चाय में उबले कच्चा भी खाया जा सकता है.

तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा (ETV Bharat)

लैमनग्रास के लाभ: लैमनग्रास एक सुगंधित जड़ी बूटी है. इसकी खुशबू नींबू की तरह खट्टा मीठा और हल्का होती है. आयुर्वेद के अनुसार लेमनग्रास में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीपीयरेटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, कैंसर विरोधी और एंटी-एजिंग और कसैले सहित कई चिकित्सीय विशेषताएं होती हैं. इसकी एक खासियत यह भी है कि सूखने के बाद भी इसकी पत्तियों ने सभी तत्व मौजूद रहते हैं. राज ने बताया कि लैमनग्रास को लोग चाय में डाल कर पीना पसंद करते हैं. इसके अलावा इसकी ग्रीन टी भी खूब पी जाती है. लैमनग्रास के सेवन से दर्द और सूजन में राहत मिलती है. साथ ही पेट दर्द , रूसी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मसूड़े की सूजन , थ्रश और कई अन्य स्थितियों के लिए लेमनग्रास का उपयोग करते हैं.

लैमनग्रास
लैमनग्रास (ETV Bharat)

अजवाइन के बेहतरीन फायदे: अजवाइन का बीज एक ऐसा मसाला है, जो हर किसी की रसोई में मिलता है. इससे खाने का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसी तरह अजवाइन के हरे पत्ते भी काफी लाभकारी होते हैं. इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है. राज ने बताया कि अजवाइन के पत्ते खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है. इसका इस्तेमाल चाय, काढ़े और रोज़ बनाने वाली सब्जियों में किया जा सकता है. अजवाइन के पत्ते खाने से भूख बढ़ती है. साथ में स्वाद भी बढ़ाता है. इससे सेवन से पेट सम्बन्धी हर बीमारी से राहत मिलती है.

अजवाइन का पौधा
अजवाइन का पौधा (ETV Bharat)

ब्राह्मी के लाभ: ब्राह्मी एक औषधि पौधा है, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजी दवा बनाने में भी किया जाता है. कई लोग इसको 'ब्रेन बूस्टर' के नाम से भी जानते हैं. नार्थ इंडिया में लोगों का मानना है कि इसके पत्तों का सेवन करने से बुद्धि तेज़ होती है. ब्राह्मी को कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, ब्राह्मी बुद्धिवर्धक, पित्तनाशक, मजबूत याददाश्त, ठंडक देने के साथ शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है. ब्राह्मी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं. ब्राह्मी का उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता आ रहा है. इसके अलावा ब्राह्मी के पत्ते खाने से कफ की समस्या से भी निजात मिलती है. राज ने बताया कि एक महीने में ब्राह्मी के चार से पांच पत्ते खाये जा सकते हैं.

ब्राह्मी का पौधा (ETV Bharat)

घर के वातावरण को रखना चाहते हैं ग्रीन, क्लीन और कूल तो इन 5 पौधों के बारे में जरूर जानें... - World Environment Day 2024

नई दिल्ली: बरसात के मौसम में उमस और नमी के कारण डायरिया, फंगल इन्फेक्शन, त्वचा रोग, सांस की समस्या, डेंगू, मलेरिया आदि जैसी बीमारियां गंभीर रूप ले लेती हैं. इसके इलाज के लिए अस्पतालों में लंबे चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, कुछ विशेष पौधे ऐसे हैं जिनको आप अपने किचन गार्डन में आसानी से उगा सकते हैं. इनका नियमित सेवन कर खुद को निरोगी रख सकते हैं. हमने ने पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी में मौजूद एक नर्सरी के मालिक से कुछ विशेष औषधीय पौधों के बारे जानकारी ली. और यह भी जाना कि आप इनको अपने किचन गार्डन में कैसे लगा सकते हैं. आइये जानते हैं उन्होंने क्या बताया?

हार सिंगार के औषधीय लाभ: राज ने बताया कि हार सिंगार का पौधा छोटा होता है. इसको आसानी से गमले में उगाया जा सकता है. आयुर्वेद में बताया गया है कि इसके नियमित सेवन से ईम्युनिटी बढ़ती है. अगर किसी को डेंगू या मलेरिया हो गया है, तो इसके पत्तों को पानी में उबालकर पीना चाहिए. अगर कोई गठिया, साइटिका, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, सूखी खांसी, डायबिटीज जैसी बीमारियां से ग्रस्ति हैं तो आपके लिए भी हरसिंगार सबसे फायदेमंद है. हरसिंगार के पत्ते बुखार में बेहद लाभदायक होते हैं.

हार सिंगार
हार सिंगार (ETV Bharat)

तुलसी के औषधि लाभ: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है. त्योहारों में इनकी पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. ऐसी मान्यता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा देवी मां की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही तुलसी एक बेहतरीन औषधि भी है. राज ने बताया कि तुलसी ऐसा पौधा है, जो सब से ज्यादा बिकता है. यह आस्था का प्रतीक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी है. तुलसी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल के गुण मौजूद होते हैं, जो मानसून में होने वाली बीमारियां जैसे खांसी, सर्दी और अस्थमा की तकलीफ को कम करने में मददगार होता है. इसके पत्तों को चाय, ब्लैक टी और बिना पानी या चाय में उबले कच्चा भी खाया जा सकता है.

तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा (ETV Bharat)

लैमनग्रास के लाभ: लैमनग्रास एक सुगंधित जड़ी बूटी है. इसकी खुशबू नींबू की तरह खट्टा मीठा और हल्का होती है. आयुर्वेद के अनुसार लेमनग्रास में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीपीयरेटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, कैंसर विरोधी और एंटी-एजिंग और कसैले सहित कई चिकित्सीय विशेषताएं होती हैं. इसकी एक खासियत यह भी है कि सूखने के बाद भी इसकी पत्तियों ने सभी तत्व मौजूद रहते हैं. राज ने बताया कि लैमनग्रास को लोग चाय में डाल कर पीना पसंद करते हैं. इसके अलावा इसकी ग्रीन टी भी खूब पी जाती है. लैमनग्रास के सेवन से दर्द और सूजन में राहत मिलती है. साथ ही पेट दर्द , रूसी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मसूड़े की सूजन , थ्रश और कई अन्य स्थितियों के लिए लेमनग्रास का उपयोग करते हैं.

लैमनग्रास
लैमनग्रास (ETV Bharat)

अजवाइन के बेहतरीन फायदे: अजवाइन का बीज एक ऐसा मसाला है, जो हर किसी की रसोई में मिलता है. इससे खाने का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसी तरह अजवाइन के हरे पत्ते भी काफी लाभकारी होते हैं. इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है. राज ने बताया कि अजवाइन के पत्ते खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है. इसका इस्तेमाल चाय, काढ़े और रोज़ बनाने वाली सब्जियों में किया जा सकता है. अजवाइन के पत्ते खाने से भूख बढ़ती है. साथ में स्वाद भी बढ़ाता है. इससे सेवन से पेट सम्बन्धी हर बीमारी से राहत मिलती है.

अजवाइन का पौधा
अजवाइन का पौधा (ETV Bharat)

ब्राह्मी के लाभ: ब्राह्मी एक औषधि पौधा है, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजी दवा बनाने में भी किया जाता है. कई लोग इसको 'ब्रेन बूस्टर' के नाम से भी जानते हैं. नार्थ इंडिया में लोगों का मानना है कि इसके पत्तों का सेवन करने से बुद्धि तेज़ होती है. ब्राह्मी को कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, ब्राह्मी बुद्धिवर्धक, पित्तनाशक, मजबूत याददाश्त, ठंडक देने के साथ शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है. ब्राह्मी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं. ब्राह्मी का उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता आ रहा है. इसके अलावा ब्राह्मी के पत्ते खाने से कफ की समस्या से भी निजात मिलती है. राज ने बताया कि एक महीने में ब्राह्मी के चार से पांच पत्ते खाये जा सकते हैं.

ब्राह्मी का पौधा (ETV Bharat)

घर के वातावरण को रखना चाहते हैं ग्रीन, क्लीन और कूल तो इन 5 पौधों के बारे में जरूर जानें... - World Environment Day 2024

Last Updated : Jul 19, 2024, 6:26 PM IST
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