लखनऊ: हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े में हिजबुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह के चालीसवें की मजलिस आयोजित की गई. हैदरी टास्क फोर्स (एचटीएफ) द्वारा आयोजित इस शोक सभा को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने संबोधित किया.
मौलाना यासूब अब्बास ने कुरान, पैगंबर हजरत मोहम्मद और अहले’बैत की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा, कि अत्याचार के खिलाफ खड़े रहना और कमजोरों का समर्थन करना इस्लामी शिक्षाओं का हिस्सा है. उन्होंने सैयद हसन नसरल्लाह को मानवता के लिए कुर्बान होने का प्रतीक बताया.
फिलिस्तीन और लेबनान पर इस्राइली हमलों की निंदा करते हुए मौलाना ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को "नरसंहार का दोषी" ठहराया. उन्होंने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से इस्राइल को हथियार देना बंद करने की मांग की, ताकि फिलिस्तीन और लेबनान में बेगुनाह नागरिकों का खून बहना रोका जा सके.
मजलिस में मौलाना यासूब ने नसरल्लाह की बहादुरी को याद करते हुए कहा, "उनकी नेतृत्व क्षमता ने सीरिया में आईएसआईएस को हराने और हजरत जैनब के रौजे की रक्षा में अहम भूमिका निभाई. उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता." इस अवसर पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना साएम मेहंदी नकवी, मौलाना जाफर अब्बास, मौलाना इंतिजाम हैदर समेत देशभर के प्रमुख उलेमा, शोअरा, वाएजीन और हजारों की संख्या में स्थानीय मौजूद थे.
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