मेरठः जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां 4 साल की मासूम अपनी ने अपने 74 साल के बुजुर्ग पिता को मुखाग्नि दी है. अंतिम संस्कार में मौजूद लोगों की यह देखकर आंखें नम हो गईं. वहीं, पिता को चिता पर लेटे हुए देखकर बच्ची पूछती रही कि पापा को क्या हो गया? पापा बोल क्यो नहीं रहे? लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं था और कोई भी सच बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. दरअसल, शास्त्री नगर निवासी सेल टैक्स विभाग से रिटायर्ड देवेंद्र त्यागी और उनकी पत्नी शादीशुदा बेटे और बेटी की मौत की मौत के बाद अकेले पड़ गए थे. अकेलेपन और परिवार को आगे बढ़ाने के लिए दंपत्ति ने 4 साल पहले आईवीएफ के जरिए बच्ची को जन्म दिया था.
बेटा-बेटी की मौत के बाद बहू और दामाद ने कर ली शादी
जानकारी के मुताबिक, सेल टैक्स विभाग से रिटायर्ड देवेंद्र त्यागी देवेंद्र त्यागी का हंसता-खेलता परिवार था. परिवार में पति-पत्नी, बेटा और बेटी थे. बेटा-बेटी की शादी हो चुकी थी. 2018 में ब्रेन हेमरेज के चलते 36 साल के बेटे राहुल की मौत हो गई थी. इसके ठीक ठीक 1 महीने बाद बेटी प्राची (39) की भी बीमारी से मौत हो गई थी. बेटा-बेटी अपने पीछे छोटे-छोटे 2 बच्चे छोड़ गए. इसके बाद बहू और दामाद बुजुर्ग दंपत्ति का कुछ दिन ख्याल रखने के लिए देवेंद्र के घर पर रहने लगे. इसी बीच देवेंद्र के बहू और दामाद में प्यार हो गया. फिर दोनों ने धीरे-धीरे बुजुर्ग दंपत्ति से दूरी बना ली. देवेंद्र के साले राजीव का कहना है कि दामाद ने बहू से शादी कर ली. इसके बाद दोनों अपने बच्चों को लेकर साथ रहने लगे. जिसकी वजह से बुजुर्ग दंपत्ति अकेले हो गए.
66 साल की उम्र में बनी मां
राजीव का कहना है कि देवेंद्र और उनकी पत्नी मधु अकेले हो गए और धीरे-धीरे टूटने लगे. उम्र के आखिरी पड़ाव पर जब कोई नहीं बचा तो पति-पत्नी ने वंश चलाने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी का सहारा लिया. 2020 में 66 साल की उम्र में देवेंद्र की पत्नी मधु ने बेटी को जन्म दिया. अब परिवार में सिर्फ मां और 4 साल की बेटी बची हैं. देवेंद्र की रविवार को अचानक मौत से 4 साल की बच्ची पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. पिता की मौत के बाद अब 70 साल की मां ही बच्ची का सहारा है.
बच्ची के सवालों से हर किसी की आंखे हुईं नम
पिता की मौत हुई तो लोग उनके घर आने लगे. सोमवार को जब देवेंद्र का शव अंतिम संस्कार के लिये लोग ले जाने लगे तो बच्ची पूछने लगी के पापा को कहां ले जा रहे हो. पापा बोल क्यों नहीं रहे हैं. इनसब बातों का जवाब किसी के पास नहीं था. वहीं, परिवार में कोई और नहीं होने के कारण रिश्तेदारों ने 4 साल की बेटी से पिता को मुखाग्नि दिलाई. मुखाग्नि देते वक्त भी बच्ची के सवालों पर लोगों की आंखों में आंसू और दुख साफ नजर आ रहा था.