जयपुर : एक महीने पहले प्रदेश की भजनलाल सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया, जिसमें रोजगार और नौकरियों का पिटारा खोला गया. 10 लाख रोजगार की बात कही गई, 5 साल में 4 लाख सरकारी नौकरियां देने की घोषणा की. ऐसे में युवा बेरोजगारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर सरकार के बजट के किस आंकड़े को सही माना जाए. इस रिपोर्ट में समझिए सरकार के नौकरी और रोजगार शब्दों के मायने.
सरकारी और निजी क्षेत्रों में 10 लाख रोजगार : राजस्थान सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते वक्त 5 साल में 4 लाख पदों पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. इस साल के 70 हजार टारगेट को बढ़ा कर एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया. हालांकि, सरकारी और निजी तंत्र को मिलाकर युवा बेरोजगारों को कुल 10 लाख रोजगार उपलब्ध कराने का घोषणा की है.
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने हर साल समयबद्ध तरीके से भर्ती परीक्षाएं करवाकर युवाओं को रोजगार देने और युवा नीति 2024 लाने की घोषणा भी की थी. साथ ही अपने शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि सरकारी और निजी क्षेत्रों में 10 लाख रोजगार दिए जाएंगे, यानी कि युवाओं के विकास के लिए सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं बल्कि प्राइवेट नौकरी, स्टार्टअप और स्किल अपग्रेडेशन करते हुए 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.
ऐसे मिलेंगे 10 लाख रोजगार : सरकार ने बजट में जिन 10 लाख रोजगार के अवसर का ऐलान किया है, उसके तहत सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में स्किल अपग्रेडेशन के साथ रोजगार के अवसर दिए जाएंगे. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित काउंसलिंग की सुविधा, स्टेट स्किल पॉलिसी के जरिए पाठ्यक्रमों को प्रासंगिक बनाकर 2 साल में डेढ़ लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने, अप्रेंटिस या इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाने, स्टार्टअप स्थापित करने के लिए अटल एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम चलाने, स्टार्टअप को इक्विटी फंडिंग के फंड ऑफ फंड के जरिए आर्थिक सहायता देने और आई स्टार्ट फंड के तहत 10 करोड़ की फंडिंग करना शामिल है.
बहरहाल, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नौकरी और रोजगार दो अलग-अलग बातें हैं. आगामी दिनों में सरकार रोजगार के कई साधन और अवसर उपलब्ध कराएगी, जिसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर शामिल होंगे. ये रोजगार सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य और देश-विदेश में भी हो सकते हैं. साथ ही युवाओं का स्टार्टअप भी इसी श्रेणी में रखा गया है.