जयपुर: राजधानी की हरमाड़ा थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश के चार कुख्यात नकबजनों को करीब 600 किलोमीटर तक पीछा कर कानपुर से दबोचा है. ये जयपुर में वारदात के बाद उत्तर प्रदेश भाग जाते और वहां नकबजनी का माल ठिकाने लगाते थे. इस गिरोह के बदमाश दिन में अलग-अलग जाकर सूने मकानों की रैकी करते. जिस मकान पर ताला मिलता. उसकी लोकेशन गूगल मैप के जरिए अपनी गैंग के बाकी बदमाशों से शेयर करते और फिर रात में इकठ्ठा होकर वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस ने इनके कब्जे से दो देशी कट्टे बरामद किए हैं.
डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सुदेश सचान, रोहित साहू, राहुल सैन और कृष्ण मोहन गांधी को दो अवैध देशी कट्टों के साथ उत्तर प्रदेश के कानपुर से दबोचा गया है. इन्होंने 12 जुलाई को चौमू की इंदिरा कॉलोनी, 22 जुलाई को हरमाड़ा की न्यू लोहामंडी, मुहाना थाना इलाके से 11 जुलाई को बाइक चोरी की वारदात अंजाम देने की बात कबूल की है. इसके अलावा जयपुर शहर और कानपुर (उत्तर प्रदेश) में 15-20 वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की है. प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि ये गांजा, स्मैक और अन्य नशे के आदि हैं.
300 सीसीटीवी के फुटेज खंगालकर बनाया रूट: उन्होंने बताया कि 22 जुलाई की रात को हरमाड़ा के न्यू लोहामंडी रोड पर 4 एस कॉलोनी में नकबजनी की बड़ी वारदात के बाद घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए. इसके बाद 300 कैमरों के फुटेज खंगालकर बदमाशों के आने-जाने का रूट तैयार किया और उनकी पहचान की. इस आधार पर इनका उत्तर प्रदेश से कनेक्शन सामने आया.
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कमरा किराए पर लेकर देते वारदात को अंजाम: पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि इस गिरोह के बदमाश उत्तर प्रदेश के हैं. जो जयपुर में कैटरिंग का काम करने के नाम पर कमरा किराए पर लेते हैं. उन्होंने 22 जुलाई को दिन में रैकी की. रैकी के दौरान 4 एस कॉलोनी में एक मकान पर ताला मिला, तो उसकी लोकेशन शेयर की. फिर रात में आकर वारदात को अंजाम दिया और जंगल के रास्ते अपने कमरे पर चले गए.
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जेल से छूटने के बाद जयपुर को बनाया ठिकाना: पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि सुदेश सचान शातिर नकबजन है. वह इस साल मार्च में जेल से छूटकर आया और अप्रैल में जयपुर में अलग-अलग जगह पर मकान किराए पर लेकर वारदात करने लगा. उसके खिलाफ यूपी में चोरी-नकबजनी के 30 मुकदमे दर्ज हैं. वह वारदात में अपने साथी बदलता रहता है और नकबजनी का सामान लेकर उत्तर प्रदेश चला जाता है. वहां सामान ठिकाने लगाकर वापस जयपुर आ जाता.