लखनऊः भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ का 38वां दीक्षांत समारोह शनिवार को हुआ. इस समारोह में संस्थान के 576 छात्रों को मैनेजमेंट की उपाधि प्रदान की गई. 38 वे दीक्षांत समारोह में टैफे की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मल्लिका श्रीनिवासन मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई. दीक्षांत समारोह में उन्होंने छात्रों को सफलता हासिल करने के सिद्धांतों के बारे में जानकारी दी साथ ही देश में महिलाओं के उत्थान को लेकर काम करने ही सलाह दी. दीक्षांत समारोह में कुल 785 स्टूडेंट्स को डिग्री अवॉर्ड की गई.
![एक छात्रा को अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने 1.23 करोड़ रुपए का सालाना पैकेज भी ऑफर किया](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-03-2024/up-luc-iim-luc-03-7211380_16032024173517_1603f_1710590717_288.jpg)
इनमें 504 को एमबीए की डिग्री, 56 को एमबीए-एबीएम और 18 को पीएचडी की उपाधि दी गई. इसके अलावा 6 स्टूडेंट्स को एग्जीक्यूटिव फेलो प्रोग्राम की पीएचडी उपाधि, 41 को सस्टेनेबल मैनेजमेंट में एमबीए डिग्री, इंटरनेशनल प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एग्जीक्यूटिव के 106 और वर्किंग एग्जीक्यूटिव के 54 स्टूडेंट्स शामिल हैं. डिग्री पाने वाले सभी छात्रों का प्लेसमेंट पहले ही हो चुका है. एक छात्रा को अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने 1.23 करोड़ रुपए का सालाना पैकेज भी ऑफर किया है. वही उच्चतम घरेलू पैकेज 65 लाख सालाना दिया गया है जो औसत वेतन लगभग 30 लख रुपए प्रति वर्ष का है.
![टैफे की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मल्लिका श्रीनिवासन मुख्य अतिथि](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-03-2024/up-luc-iim-luc-03-7211380_16032024173517_1603f_1710590717_226.jpg)
टीएफए अध्यक्ष पद्मश्री मल्लिकार्जुन श्रीनिवासन ने दिया कॉन्वोकेशन ओरेशन देते हुए कहा कि मुझे गर्व हैं कि आईआईएम लखनऊ के 850 से ज्यादा स्टूडेंट्स विदेशों में हैं, देश के इकनोमिक पॉवर बना रहे हैं.आज के दौर में कस्टमर्स की हैबिट स्पेंडिंग मोर पर हैं वही सेविंग लेस पर फोकस हैं. भारत में तमाम खूबियां हैं. मौजूदा समय 48 प्रतिशत स्टार्टअप टियर 2 और 3 सिटीज से हैं.
![38th convocation of IIM Lucknow 785 students got degrees](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-03-2024/up-luc-iim-luc-03-7211380_16032024173517_1603f_1710590717_1069.jpg)
दुनिया में लार्जेस्ट वर्किंग ऐज पॉपुलेशन भारत में हैं. आज का भारत दशकों पहले के भारत से बहुत अलग हैं. हमारी जनरेशन में बहुत कैरियर चॉइस नही थी आज हैं. आज एक्सेस टू फंडिंग इज, टैलेंट इज ओपन एट मार्केट हैं. उन्होंने कहा कि मेरा ये मानना हैं कि लीडरशिप क्वालिटी अंदर से आती हैं. जैसे दुनिया बदल रही हैं, वैसे ही लीडर्स में भी बदलाव आ रहा हैं. 98 देशों ऑफ वर्ल्ड बॉर्डर्स टेंशन में इन्वॉल्व हैं. इसलिए बेहद सतर्कता से काम करने की जरूरत हैं.