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लगातार दूसरे साल भी 37 हजार स्टूडेंट स्कॉलरशिप से वंचित, अब 30 सितंबर तक मिलने की उम्मीद - UP Scholarship Scheme 2024

बीते साल छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए 37 हजार छात्रों को फिर मायूस होना पड़ा, समाज कल्याण मंत्री के विशेष प्रयास पर इस साल इन छात्रों को छात्रवृत्ति देने की तैयारी थी लेकिन 30 अगस्त की डेट निकलने के बाद भी छात्रवृत्ति नहीं मिली, तो वहीं दूसरी तरफ फॉर्म फॉरवर्ड ना होने और रिजल्ट के ना आने के कारण हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति फंस गई.

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37 हजार छात्रों को स्कॉलरशिप का इंतजार (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 4:59 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बारहवीं और उसके बाद के 37 हजार से अधिक छात्र छात्राओं को अगस्त में भी स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिली. यहीं नहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से ये सभी स्टूडेंट छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. इसकी वजह पब्लिक फाइनेंशियल सिस्टम मैनेजमेंट यानी PFMS का समय से रेस्पॉन्स न मिलना प्रमुख कारण बताया जा रहा है. अब विभाग एक बार फिर से स्कॉलरशिप के लिए समय सीमा बढ़ाने की कवायद शुरू कर दिया है. इसके लिए समाज कल्याण निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें 30 सिंतबर तक समय देने की मांग की गई है.

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2023-24 में समय से परीक्षा के रिजल्ट न घोषित होने सहित कई अन्य करणों से दसवीं बाद के कक्षाओं के 37,793 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. विभाग के नियम के अनुसार छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति अगले वित्तीय वर्ष में नहीं मिलती, लेकिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की पहल पर सरकार की ओर से इन 37,793 छात्रों को 30 अगस्त तक भुगतान होना था लेकिन पीएफएमएस में देरी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति समय से नहीं मिल सकी, अब 30 सितंबर तक का समय मांगा गया है.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते साल छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी तो उन्होंने विभाग में मंत्री से मिलकर इसकी गुहार लगाई थी. जिसके बाद मंत्री ने विशेष तौर पर सरकार से अनुमति लेकर छात्र-छात्राओं को इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में छात्रवृत्ति देने के लिए इजाजत ली थी. इसी आदेश के बाद 15 जुलाई से 24 जुलाई 2024 के बीच इन छात्रों के लिए दोबारा से पोर्टल खोला गया था. तय टाइम टेबल के मुताबिक दस्तावेज जमा करना और उनका सत्यापन सहित अन्य प्रक्रिया 22 अगस्त तक पूरी करके 30 अगस्त तक खातों में छात्रवृत्ति का पैसा पहुंचना था. लेकिन तय डेट भी निकल जाने के बाद छात्रों को पैसा नहीं मिला. समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि, पीएफएमएस के जल्द रेस्पॉन्स न करने से कई जगहों पर छात्रवृत्ति प्रदान करने की प्रक्रिया वाधित हुई है. जिसको देखते हुए छात्रवृत्ति की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 सितंबर तक का समय मांगा गया है. संभावना है कि शासन की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी.

वहीं दूसरी ओर इस साल भी करीब 1 लाख से अधिक छात्रों की छात्रवृत्ति फिर से लटक गई है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम लेट होने के कारण छात्रों के फॉर्म समय से फॉरवर्ड नहीं हो पाए. जिसके कारण इन छात्रों की छात्रवृत्ति लटक गई है. समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि, हमारी पहली प्राथमिकता है सभी पुराने मामलों का निपटारा करके इस सत्र के लिए जल्द से जल्द अक्टूबर में स्कॉलरशिप का पोर्टल शुरू किया जाए. जिससे इस सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके.

यह भी पढ़ें : पॉलीटेक्निक छात्र ने रची अपने ही अपहरण की कहानी, हाथ-पैर बांधकर भेजा वीडियो, पिता से मांगी एक लाख की फिरौती - false story of kidnapping

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बारहवीं और उसके बाद के 37 हजार से अधिक छात्र छात्राओं को अगस्त में भी स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिली. यहीं नहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से ये सभी स्टूडेंट छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. इसकी वजह पब्लिक फाइनेंशियल सिस्टम मैनेजमेंट यानी PFMS का समय से रेस्पॉन्स न मिलना प्रमुख कारण बताया जा रहा है. अब विभाग एक बार फिर से स्कॉलरशिप के लिए समय सीमा बढ़ाने की कवायद शुरू कर दिया है. इसके लिए समाज कल्याण निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें 30 सिंतबर तक समय देने की मांग की गई है.

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2023-24 में समय से परीक्षा के रिजल्ट न घोषित होने सहित कई अन्य करणों से दसवीं बाद के कक्षाओं के 37,793 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे. विभाग के नियम के अनुसार छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति अगले वित्तीय वर्ष में नहीं मिलती, लेकिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की पहल पर सरकार की ओर से इन 37,793 छात्रों को 30 अगस्त तक भुगतान होना था लेकिन पीएफएमएस में देरी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति समय से नहीं मिल सकी, अब 30 सितंबर तक का समय मांगा गया है.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते साल छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी तो उन्होंने विभाग में मंत्री से मिलकर इसकी गुहार लगाई थी. जिसके बाद मंत्री ने विशेष तौर पर सरकार से अनुमति लेकर छात्र-छात्राओं को इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में छात्रवृत्ति देने के लिए इजाजत ली थी. इसी आदेश के बाद 15 जुलाई से 24 जुलाई 2024 के बीच इन छात्रों के लिए दोबारा से पोर्टल खोला गया था. तय टाइम टेबल के मुताबिक दस्तावेज जमा करना और उनका सत्यापन सहित अन्य प्रक्रिया 22 अगस्त तक पूरी करके 30 अगस्त तक खातों में छात्रवृत्ति का पैसा पहुंचना था. लेकिन तय डेट भी निकल जाने के बाद छात्रों को पैसा नहीं मिला. समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि, पीएफएमएस के जल्द रेस्पॉन्स न करने से कई जगहों पर छात्रवृत्ति प्रदान करने की प्रक्रिया वाधित हुई है. जिसको देखते हुए छात्रवृत्ति की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 सितंबर तक का समय मांगा गया है. संभावना है कि शासन की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी.

वहीं दूसरी ओर इस साल भी करीब 1 लाख से अधिक छात्रों की छात्रवृत्ति फिर से लटक गई है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम लेट होने के कारण छात्रों के फॉर्म समय से फॉरवर्ड नहीं हो पाए. जिसके कारण इन छात्रों की छात्रवृत्ति लटक गई है. समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि, हमारी पहली प्राथमिकता है सभी पुराने मामलों का निपटारा करके इस सत्र के लिए जल्द से जल्द अक्टूबर में स्कॉलरशिप का पोर्टल शुरू किया जाए. जिससे इस सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके.

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