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यूपी के कई जिलों में 36 घंटे से बारिश, जलभराव के कारण आवाजाही में परेशानी, 100.2 मिमी वर्षा हुई - Waterlogging in Gorakhpur

यूपी के गोरखपुर जिले में 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश से (Heavy rain in Gorakhpur) जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. आपदा प्रबंधन की ओर से एक एडवाइजरी भी जारी की गई है.

गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव
गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 4:05 PM IST

Updated : Sep 28, 2024, 8:05 PM IST

गोरखपुर/अंबेडकरनगर/रायबरेली/सुल्तानपुर : जिले में गुरुवार से शुरू हुई बारिश लगभग 36 घंटे से लगातार जारी है. बारिश की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव का संकट उत्पन्न हो गया है. यहां तक की जिलाधिकारी कार्यालय और जिला अस्पताल परिसर के साथ-साथ विजय चौक से होते हुए एडी मॉल को जाने वाली सड़क पर भारी जलजमाव हो गया. जलभराव के चलते एंबुलेंस और अन्य गाड़ियां फंस गईं. कई मोहल्ले में जलभराव की स्थिति ऐसी थी कि लोग घर से नहीं निकल पाए. इस बीच नगर निगम की टीम और कुछ वार्डों के पार्षद जल निकासी के लिए भी प्रयत्नशील दिखाई दिए.

गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव (Video credit: ETV Bharat)

भारी बारिश के बाद जलभराव वाले क्षेत्रों का नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने निरीक्षण किया. बारिश और बज्रपात को लेकर जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन ने चेतावनी देते हुए लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है. जिला प्रशासन ने दिन में 10:00 बजे स्कूलों की बंदी के निर्देश दिए हैं. बारिश के दौरान बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम लेडुआबारी में एक कच्चा मकान और एक दीवार ढहने की खबर सामने आई है. सभी लोग सुरक्षित हैं.

गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव
गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

आपदा प्रबंधन की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, भारी बारिश और वज्रपात के चलते लोगों से जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है. साथ ही बारिश की वजह से हुए जलभराव की निकासी की व्यवस्था में भी प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है. अपर जिलाधिकारी विनीत कुमार सिंह ने भी शहरवासियों से अपील की है. गोरखपुर क्षेत्र में तीन दिन में अधिकतम तापमान में 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है.

बारिश के बाद गिरा पेड़
बारिश के बाद गिरा पेड़ (Photo credit: ETV Bharat)

जिले में पिछले एक सप्ताह के तापमान की बात करें तो 23 सितंबर को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस था. 24 सितंबर को भी अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक था, लेकिन इसके बाद मौसम में बादल छाने और तेज पुरवा हवा चलने से मौसम सुहाना हो गया, जिसके चलते 25 सितंबर का तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. गुरुवार को दिन का तापमान सामान्य से नीचे पहुंचकर 29.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके साथ ही बारिश शुरू हो गई है, जिसके बाद तापमान में थोड़ी और गिरावट महसूस की जा रही है. लोग गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं.

बारिश के बाद गिरा खंभा
बारिश के बाद गिरा खंभा (Photo credit: ETV Bharat)

जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ बीके सुमन ने कहा कि लोग सावधानी अपनाएं नहीं तो संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. मौसम में बदलाव के चलते बुखार, जुकाम और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी. शुक्रवार को पूरे दिन झमाझम बारिश होने से मौसम सुहाना रहा. मौसम विभाग ने शाम तक 100.2 एमएम बारिश दर्ज की. सितंबर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने से लोग एक पखवारे से उमस भरी गर्मी से परेशान थे.

बारिश से जलभराव
बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

अंबेडकरनगर में छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत : जैतपुर थाना इलाके में शुक्रवार रात छप्पर गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. ग्रामीणों के मुताबिक, जैतपुर थाना इलाके के लखमीपुर गांव निवासी राजदेई (80) पत्नी शीतला प्रसाद अपने छप्पर नुमा घर मे सोई हुई थी. बारिश होने की वजह से रात में छप्पर गिर गया. जिससे वह उसी में दब गई. छप्पर गिरने की आवाज सुनकर आस पास के लोग इकट्ठा हो गये और महिला को छप्पर से निकाल कर इलाज के लिए सीएचसी ले गये, जहां डॉक्टरो नें उसे मृत घोषित कर दिया. अपर जिलाधिकारी सदानंद गुप्ता ने बताया कि राजस्व टीम ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. जल्द ही सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत
छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत (Photo credit: ETV Bharat)

रायबरेली में बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर : जिले के वीवीआईपी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण का लक्ष्य फेल होता नजर आ रहा है. दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों के लिए बनाए गए अत्याधुनिक एस्केलेटर बना तो दिए गए, लेकिन चलित न होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बरसात ने भी शेड निर्माण में घटिया स्तर का कार्य होने की पोल खोल कर रख दी है. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें बरसात के कारण एस्केलेटर व लिफ्ट के ऊपर बने शेड से पानी टपक रहा है. इससे साफ कहा जा सकता है कि शेड के निर्माण में कार्यदाई संस्था द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है.

भारी बारिश से जलभराव
भारी बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

बता दें कि एस्केलेटर को प्लेटफार्म नंबर एक पर लगाया गया है, जिसमें दो स्वचालित सीढ़ियां लगाई गई हैं. इनमें एक सीढ़ी ऊपर जाने और दूसरी नीचे आने वाली है. इसे तैयार करने में ढिलाई बरती गई. काफी प्रयास के बाद एस्केलेटर तैयार हुआ, लेकिन पहले गुणवत्ता परीक्षण और फिर हैंडओवर प्रक्रिया में देर हुई. मई 2023 के शुरुआत में रेलवे को दोनों सुविधाएं हैंडओवर कर दी गईं, लेकिन सुरक्षा मानकों का बोर्ड नहीं लगा. सुरक्षा मानकों का बोर्ड लगते ही दोनों सुविधाएं आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी गईं. दिसंबर 2023 में ही इन दोनों सुविधाओं को लाभ यात्रियों को मिल जाना चाहिए था, लेकिन किसी न किसी अवरोध और ढिलाई के चलते इतना समय लगा.

सुल्तानपुर में भारी बारिश से जलभराव
सुल्तानपुर में भारी बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

इस मामले में स्टेशन अधीक्षक रवि रंजन कुमार का कहना है कि एस्केलेटर के ऊपर बने शेड से बरसात के चलते पानी गिर रहा है, जिसके कारण एस्केलेटर को अस्थाई तौर पर बंद किया गया है. लिफ्ट चल रही है. जब शेड का कार्य हो जाएगा तो इसे शुरू कर दिया जाएगा.

भारी बारिश से कट गई सड़क
भारी बारिश से कट गई सड़क (Photo credit: ETV Bharat)

सुल्तानपुर में तीन दिन की बरसात से 100 से अधिक गांवों में जलभराव : जिले में बारिश का कहर देखने को मिला है. करीब 36 घंटे से ज्यादा हुई भारी बारिश से सात लाख से अधिक की आबादी बिजली से प्रभावित हुई है. 100 से अधिक गांवों में जलभराव से आवागन की समस्या उत्पन्न हुई है. लगभग 500 बीघे से अधिक अगेती धान की फसल व इतनी ही सब्जियों की फसल बर्बाद हुई है. जगह-जगह जलभराव से सड़कें काटी गई हैं,

बारिश के बाद गिरी दीवार
बारिश के बाद गिरी दीवार (Photo credit: ETV Bharat)

ग्रामीणों ने बताया कि 'जयसिंहपुर तहसील के मोतिगरपुर ब्लॉक क्षेत्र के दियरा उपकेंद्र पर 35 घंटे से अंधेरा है, यहां 50 हजार की आबादी बिना बिजली के है. मोतिगरपुर के ढेमा उपकेंद्र पर 33 हजार की लाइन में फाल्ट है, इससे 30 हजार की आबादी अंधेरे में जी रही है. यहां अगेटती धान और गन्ने की 15-20 फीसदी फसल बर्बाद हुई है. मलिकपुर बखरा से ढेमा मार्ग पर रास्ता कट गया है. सुल्तानपुर कला में दलित बस्ती में दो ढाई फीट का जलभराव है. जयसिंहपुर ब्लॉक क्षेत्र में तीन फीडर, बरौसा, बगिया में जहां 40 गांव हजार की आबादी तो वहीं उघड़पुर फीडर पर 33 हजार में फाल्ट के चलते 70 गांव की कुल 2 लाख की आबादी प्रभावित है. उधर क्षेत्र की 1/3 अगेती धान की फसल बर्बाद हो गई हैं. हयातनगर, उघड़पुर, माधवपुर छतौना, सुरौली आदि गांव में जलभराव से जन जीवन अस्त व्यस्त है.'

बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर
बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर (Photo credit: ETV Bharat)


कादीपुर तहसील के अखंडनगर ब्लॉक क्षेत्र में लाखों की आबादी बिजली से प्रभावित है, जबकि करौदीकला में 36 घंटे से दो फीडर बंद हैं. इसी क्रम में लम्भुआ के भदैया ब्लॉक में चार फीडर की ढाई लाख की आबादी अंधेरे में जीवन जी रही है. यहां 50 गांव में पानी से रास्ता बंद है, जबकि 70 गांव में 4-5 फीट का जलभराव है. खेती खासकर सब्जी की 400 बीघे की फसल तहस नहस हो गई है. लम्भुआ ब्लॉक क्षेत्र में तेज बारिश के चलते शाहगढ़ कुटीवा निवासी राम मिलन का कच्चा मकान गिर गया एवं घर में पानी भर गया, जिससे परिवार किसी दूसरे के घर में रहने को मजबूर है.

करनपुर निवासी लल्लन वर्मा का भी कच्चा मकान गिर गया, जिससे मवेशी की भी मौत हो गई. वहीं दुल्हापुर ग्रामसभा में कई बस्तियां जलमग्न हो गई एवं कई लोगों के घरों में पानी घुस गया, जिसको देखते हुए ग्राम प्रधान कैलाश चंद दुबे ने अपने लोगों के साथ पहुंचकर लोगों की मदद की. पूर्व प्रधान संजय सिंह ने बताया कि उनके गांव गौतम का पुरवा में जाने की एकमात्र सड़क थी जो बारिश में कटकर बह गई है.

सराय मंगा किंदीपुर की सड़क भी कट कर बह गई, वहीं लंभुआ नगर पंचायत समेत कई वार्ड जलमग्न हो गया है. राणा नगर (बूधापुर) दलित बस्ती भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गई है एवं कई लोगों के कच्चे मकान भी गिर गए हैं, जो नगर पंचायत की विकास की पोल खोल रही है. कई रेलवे के बने अंडरपास में भी पानी भर गया है, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों की कई बीघे धान की फसलें भी जलमग्न हो गईं, जिससे किसान परेशान हैं.



नगर पंचायत लंभुआ के तुलसी नगर वार्ड में स्थित 51 बीघे का तालाब था जो पूरी तरीके से डूब गया है और बगल में स्थित गौशाला भी जलमग्न हो गया, जिसमें करीब 100 से ज्यादा गोवंश फंसे नजर आए. जिसकी जानकारी होने पर एसडीएम, सीओ एवं नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मौके पर पहुंचकर गोवंश के बचाव कार्य में कर्मियों को लगा दिया है. तेज बारिश के चलते लंभुआ तहसील क्षेत्र के नौगवां, चौपरिया, जमखुरी, शाहगढ़, कुटीवा, लोटिया, चौकिया, मकसूदन, नरेंद्रपुर मामपुर आदि दर्जन घर से ज्यादा गांव प्रभावित हैं.



सुल्तानपुर जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने बताया कि फिलहाल हालात काबू में हैं. जनपद की राजस्व की टीम को अलर्ट किया गया है. जनहानि की सूचना मिलते शासन के निर्देशानुसार सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. नुकसान का आंकलन कर जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाएगी. एसडीआरएफ की टीम को हाईअलर्ट पर रखा गया है, उनको भी आवश्यकता अनुसार लगाया जाएगा.

प्रयागराज में बरसात से सड़कें हुई जलमग्न: प्रयागराज में शहर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइन में सर्विस लेन से लेकर सड़कों पर कई जगह जल भराव हो गया. सिविल लाइंस से लेकर कोतवाली, जार्जटाउन, मुट्ठीगंज समेत तमाम इलाकों में लोगों के घुटनों तक पानी भर गया. यही नहीं प्रयागराज जंक्शन के बाहर और रामबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रैक तक पर बरसात का पानी भरा दिखने लगा. लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सिविल लाइन से कोतवाली को जोड़ने वाली सड़क पर निरंजन डाट के पुल के नीचे कमर तक पानी भर गया.

बस्ती में दो दिन से बारिश, कोतवाली-अस्पताल में जलभराव से परेशानी: बस्ती जिला अस्पताल, महिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण अंचल के हॉस्पिटल में बारिश के कारण जलभराव हो गया है. जिला अस्पताल के ओपीडी के बाहर घुटने भर पानी भर गया है. महिला अस्पताल के परिसर में पानी ही पानी नजर आ रहा है. मरीजों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. वही कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल में भी जल जमाव से मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी हुई. वहीं कोतवाली में भी पानी भर गया. पुलिस कर्मी बड़ी मुश्किल से कोतवाली में दाखिल हुए.

अमेठी में लगातार हो रही बारिश को लेकर प्रशासन ने जारी किया एडवाइजरी: अमेठी में लगातार बारिश के कारण स्कूल कॉलेज बंद किये गये हैं. आपदा में राहत और बचाव के लिए डीएम निशा अनंत ने कंट्रोल रूम बना कर हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं. जिला प्रशासन ने बिजली ब्रेकडाउन आदि समस्या के लिया हेल्प लाइन नंबर-1912 जारी किया है. चिकित्सीय आपातकाल में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से संपर्क करने या हेल्प लाइन नंबर 112 पर सूचित करने को कहा गया है. जिलाधिकारी ने आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आपदा विशेषज्ञ का नंबर 7830318428 जारी किया है.

भारी बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदिया उफान पर, महराजगंज डीएम अनुनय झा ने किया निरीक्षण: नेपाल में पिछले 36 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है. नेपाल ने करीब 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. इससे महराजगंज में कई नदियां उफान पर हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण सोहगीबरवा क्षेत्र में प्रशासन ने मुनादी कराई. लोगों को बाढ़ को लेकर अलर्ट किया गया. एसएसबी के झिंगटी कैंप कार्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया. जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. महाराजगंज के जिलाधिकारी अनुनय झा ने अन्य अधिकारियों के साथ महाव और दूसरी नदियों के पास इलाकों का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

कुशीनगर में नारायणी नदी खतरे के निशान से केवल 8 सेमी नीचे: नेपाल में भारी बारिश के बाद शनिवार सुबह वाल्मिकी गंडक बैराज से पानी का डिस्चार्ज बढकर 3.65 लाख क्यूसेक हो गया. इसके बाद नारायणी नदी खतरे के निशान 96 मी से केवल 8 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. अचानक वाल्मीकि गडंक बैराज से छोडा गया. पानी शनिवार को भोर में खड्डा रेता क्षेत्र के निचले इलाकों में पहुंच गया. अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो, महादेवा, मरिचहवा, सलीगपुर, विंध्याचल पुर समेत रेता के छह गावों में भी पानी पहुंच जाएगा।

अयोध्या नगर निगम ने ट्रैक्टर से 200 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया: शनिवार सुबह जलवानपुरा में नगर निगम ने फंसे हुए लोगों घरों से बाहर निकालने के लिए दो ट्रैक्टर भेजे. तीन दिनों से बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जल भराव की समस्या है. जलवानपुरा में करीब 12 घरों में 3 फीट से अधिक पानी भरा हुआ है. इस कारण लोग अपने घरों में कैद हो गये थे. ट्रैक्टर चालक शिवपूजन ने बताया इन घरों से करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.


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यह भी पढ़ें : यूपी में मूसलाधार बारिश का कहर; 8 जिलों में स्कूल बंद, सुल्तानपुर के 1000 घरों में, अमेठी एसी ऑफिस में घुसा पानी - Heavy Rain in UP

गोरखपुर/अंबेडकरनगर/रायबरेली/सुल्तानपुर : जिले में गुरुवार से शुरू हुई बारिश लगभग 36 घंटे से लगातार जारी है. बारिश की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव का संकट उत्पन्न हो गया है. यहां तक की जिलाधिकारी कार्यालय और जिला अस्पताल परिसर के साथ-साथ विजय चौक से होते हुए एडी मॉल को जाने वाली सड़क पर भारी जलजमाव हो गया. जलभराव के चलते एंबुलेंस और अन्य गाड़ियां फंस गईं. कई मोहल्ले में जलभराव की स्थिति ऐसी थी कि लोग घर से नहीं निकल पाए. इस बीच नगर निगम की टीम और कुछ वार्डों के पार्षद जल निकासी के लिए भी प्रयत्नशील दिखाई दिए.

गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव (Video credit: ETV Bharat)

भारी बारिश के बाद जलभराव वाले क्षेत्रों का नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने निरीक्षण किया. बारिश और बज्रपात को लेकर जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन ने चेतावनी देते हुए लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है. जिला प्रशासन ने दिन में 10:00 बजे स्कूलों की बंदी के निर्देश दिए हैं. बारिश के दौरान बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम लेडुआबारी में एक कच्चा मकान और एक दीवार ढहने की खबर सामने आई है. सभी लोग सुरक्षित हैं.

गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव
गोरखपुर में 36 घंटे की लगातार बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

आपदा प्रबंधन की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, भारी बारिश और वज्रपात के चलते लोगों से जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है. साथ ही बारिश की वजह से हुए जलभराव की निकासी की व्यवस्था में भी प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है. अपर जिलाधिकारी विनीत कुमार सिंह ने भी शहरवासियों से अपील की है. गोरखपुर क्षेत्र में तीन दिन में अधिकतम तापमान में 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है.

बारिश के बाद गिरा पेड़
बारिश के बाद गिरा पेड़ (Photo credit: ETV Bharat)

जिले में पिछले एक सप्ताह के तापमान की बात करें तो 23 सितंबर को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस था. 24 सितंबर को भी अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक था, लेकिन इसके बाद मौसम में बादल छाने और तेज पुरवा हवा चलने से मौसम सुहाना हो गया, जिसके चलते 25 सितंबर का तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. गुरुवार को दिन का तापमान सामान्य से नीचे पहुंचकर 29.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके साथ ही बारिश शुरू हो गई है, जिसके बाद तापमान में थोड़ी और गिरावट महसूस की जा रही है. लोग गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं.

बारिश के बाद गिरा खंभा
बारिश के बाद गिरा खंभा (Photo credit: ETV Bharat)

जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ बीके सुमन ने कहा कि लोग सावधानी अपनाएं नहीं तो संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. मौसम में बदलाव के चलते बुखार, जुकाम और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी. शुक्रवार को पूरे दिन झमाझम बारिश होने से मौसम सुहाना रहा. मौसम विभाग ने शाम तक 100.2 एमएम बारिश दर्ज की. सितंबर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने से लोग एक पखवारे से उमस भरी गर्मी से परेशान थे.

बारिश से जलभराव
बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

अंबेडकरनगर में छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत : जैतपुर थाना इलाके में शुक्रवार रात छप्पर गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. ग्रामीणों के मुताबिक, जैतपुर थाना इलाके के लखमीपुर गांव निवासी राजदेई (80) पत्नी शीतला प्रसाद अपने छप्पर नुमा घर मे सोई हुई थी. बारिश होने की वजह से रात में छप्पर गिर गया. जिससे वह उसी में दब गई. छप्पर गिरने की आवाज सुनकर आस पास के लोग इकट्ठा हो गये और महिला को छप्पर से निकाल कर इलाज के लिए सीएचसी ले गये, जहां डॉक्टरो नें उसे मृत घोषित कर दिया. अपर जिलाधिकारी सदानंद गुप्ता ने बताया कि राजस्व टीम ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. जल्द ही सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत
छप्पर गिरने से वृद्ध महिला की दबकर मौत (Photo credit: ETV Bharat)

रायबरेली में बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर : जिले के वीवीआईपी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण का लक्ष्य फेल होता नजर आ रहा है. दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों के लिए बनाए गए अत्याधुनिक एस्केलेटर बना तो दिए गए, लेकिन चलित न होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बरसात ने भी शेड निर्माण में घटिया स्तर का कार्य होने की पोल खोल कर रख दी है. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें बरसात के कारण एस्केलेटर व लिफ्ट के ऊपर बने शेड से पानी टपक रहा है. इससे साफ कहा जा सकता है कि शेड के निर्माण में कार्यदाई संस्था द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है.

भारी बारिश से जलभराव
भारी बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

बता दें कि एस्केलेटर को प्लेटफार्म नंबर एक पर लगाया गया है, जिसमें दो स्वचालित सीढ़ियां लगाई गई हैं. इनमें एक सीढ़ी ऊपर जाने और दूसरी नीचे आने वाली है. इसे तैयार करने में ढिलाई बरती गई. काफी प्रयास के बाद एस्केलेटर तैयार हुआ, लेकिन पहले गुणवत्ता परीक्षण और फिर हैंडओवर प्रक्रिया में देर हुई. मई 2023 के शुरुआत में रेलवे को दोनों सुविधाएं हैंडओवर कर दी गईं, लेकिन सुरक्षा मानकों का बोर्ड नहीं लगा. सुरक्षा मानकों का बोर्ड लगते ही दोनों सुविधाएं आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी गईं. दिसंबर 2023 में ही इन दोनों सुविधाओं को लाभ यात्रियों को मिल जाना चाहिए था, लेकिन किसी न किसी अवरोध और ढिलाई के चलते इतना समय लगा.

सुल्तानपुर में भारी बारिश से जलभराव
सुल्तानपुर में भारी बारिश से जलभराव (Photo credit: ETV Bharat)

इस मामले में स्टेशन अधीक्षक रवि रंजन कुमार का कहना है कि एस्केलेटर के ऊपर बने शेड से बरसात के चलते पानी गिर रहा है, जिसके कारण एस्केलेटर को अस्थाई तौर पर बंद किया गया है. लिफ्ट चल रही है. जब शेड का कार्य हो जाएगा तो इसे शुरू कर दिया जाएगा.

भारी बारिश से कट गई सड़क
भारी बारिश से कट गई सड़क (Photo credit: ETV Bharat)

सुल्तानपुर में तीन दिन की बरसात से 100 से अधिक गांवों में जलभराव : जिले में बारिश का कहर देखने को मिला है. करीब 36 घंटे से ज्यादा हुई भारी बारिश से सात लाख से अधिक की आबादी बिजली से प्रभावित हुई है. 100 से अधिक गांवों में जलभराव से आवागन की समस्या उत्पन्न हुई है. लगभग 500 बीघे से अधिक अगेती धान की फसल व इतनी ही सब्जियों की फसल बर्बाद हुई है. जगह-जगह जलभराव से सड़कें काटी गई हैं,

बारिश के बाद गिरी दीवार
बारिश के बाद गिरी दीवार (Photo credit: ETV Bharat)

ग्रामीणों ने बताया कि 'जयसिंहपुर तहसील के मोतिगरपुर ब्लॉक क्षेत्र के दियरा उपकेंद्र पर 35 घंटे से अंधेरा है, यहां 50 हजार की आबादी बिना बिजली के है. मोतिगरपुर के ढेमा उपकेंद्र पर 33 हजार की लाइन में फाल्ट है, इससे 30 हजार की आबादी अंधेरे में जी रही है. यहां अगेटती धान और गन्ने की 15-20 फीसदी फसल बर्बाद हुई है. मलिकपुर बखरा से ढेमा मार्ग पर रास्ता कट गया है. सुल्तानपुर कला में दलित बस्ती में दो ढाई फीट का जलभराव है. जयसिंहपुर ब्लॉक क्षेत्र में तीन फीडर, बरौसा, बगिया में जहां 40 गांव हजार की आबादी तो वहीं उघड़पुर फीडर पर 33 हजार में फाल्ट के चलते 70 गांव की कुल 2 लाख की आबादी प्रभावित है. उधर क्षेत्र की 1/3 अगेती धान की फसल बर्बाद हो गई हैं. हयातनगर, उघड़पुर, माधवपुर छतौना, सुरौली आदि गांव में जलभराव से जन जीवन अस्त व्यस्त है.'

बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर
बारिश के पानी की वजह से बंद किया एस्केलेटर (Photo credit: ETV Bharat)


कादीपुर तहसील के अखंडनगर ब्लॉक क्षेत्र में लाखों की आबादी बिजली से प्रभावित है, जबकि करौदीकला में 36 घंटे से दो फीडर बंद हैं. इसी क्रम में लम्भुआ के भदैया ब्लॉक में चार फीडर की ढाई लाख की आबादी अंधेरे में जीवन जी रही है. यहां 50 गांव में पानी से रास्ता बंद है, जबकि 70 गांव में 4-5 फीट का जलभराव है. खेती खासकर सब्जी की 400 बीघे की फसल तहस नहस हो गई है. लम्भुआ ब्लॉक क्षेत्र में तेज बारिश के चलते शाहगढ़ कुटीवा निवासी राम मिलन का कच्चा मकान गिर गया एवं घर में पानी भर गया, जिससे परिवार किसी दूसरे के घर में रहने को मजबूर है.

करनपुर निवासी लल्लन वर्मा का भी कच्चा मकान गिर गया, जिससे मवेशी की भी मौत हो गई. वहीं दुल्हापुर ग्रामसभा में कई बस्तियां जलमग्न हो गई एवं कई लोगों के घरों में पानी घुस गया, जिसको देखते हुए ग्राम प्रधान कैलाश चंद दुबे ने अपने लोगों के साथ पहुंचकर लोगों की मदद की. पूर्व प्रधान संजय सिंह ने बताया कि उनके गांव गौतम का पुरवा में जाने की एकमात्र सड़क थी जो बारिश में कटकर बह गई है.

सराय मंगा किंदीपुर की सड़क भी कट कर बह गई, वहीं लंभुआ नगर पंचायत समेत कई वार्ड जलमग्न हो गया है. राणा नगर (बूधापुर) दलित बस्ती भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गई है एवं कई लोगों के कच्चे मकान भी गिर गए हैं, जो नगर पंचायत की विकास की पोल खोल रही है. कई रेलवे के बने अंडरपास में भी पानी भर गया है, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों की कई बीघे धान की फसलें भी जलमग्न हो गईं, जिससे किसान परेशान हैं.



नगर पंचायत लंभुआ के तुलसी नगर वार्ड में स्थित 51 बीघे का तालाब था जो पूरी तरीके से डूब गया है और बगल में स्थित गौशाला भी जलमग्न हो गया, जिसमें करीब 100 से ज्यादा गोवंश फंसे नजर आए. जिसकी जानकारी होने पर एसडीएम, सीओ एवं नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मौके पर पहुंचकर गोवंश के बचाव कार्य में कर्मियों को लगा दिया है. तेज बारिश के चलते लंभुआ तहसील क्षेत्र के नौगवां, चौपरिया, जमखुरी, शाहगढ़, कुटीवा, लोटिया, चौकिया, मकसूदन, नरेंद्रपुर मामपुर आदि दर्जन घर से ज्यादा गांव प्रभावित हैं.



सुल्तानपुर जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने बताया कि फिलहाल हालात काबू में हैं. जनपद की राजस्व की टीम को अलर्ट किया गया है. जनहानि की सूचना मिलते शासन के निर्देशानुसार सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. नुकसान का आंकलन कर जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाएगी. एसडीआरएफ की टीम को हाईअलर्ट पर रखा गया है, उनको भी आवश्यकता अनुसार लगाया जाएगा.

प्रयागराज में बरसात से सड़कें हुई जलमग्न: प्रयागराज में शहर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइन में सर्विस लेन से लेकर सड़कों पर कई जगह जल भराव हो गया. सिविल लाइंस से लेकर कोतवाली, जार्जटाउन, मुट्ठीगंज समेत तमाम इलाकों में लोगों के घुटनों तक पानी भर गया. यही नहीं प्रयागराज जंक्शन के बाहर और रामबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रैक तक पर बरसात का पानी भरा दिखने लगा. लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सिविल लाइन से कोतवाली को जोड़ने वाली सड़क पर निरंजन डाट के पुल के नीचे कमर तक पानी भर गया.

बस्ती में दो दिन से बारिश, कोतवाली-अस्पताल में जलभराव से परेशानी: बस्ती जिला अस्पताल, महिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण अंचल के हॉस्पिटल में बारिश के कारण जलभराव हो गया है. जिला अस्पताल के ओपीडी के बाहर घुटने भर पानी भर गया है. महिला अस्पताल के परिसर में पानी ही पानी नजर आ रहा है. मरीजों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. वही कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल में भी जल जमाव से मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी हुई. वहीं कोतवाली में भी पानी भर गया. पुलिस कर्मी बड़ी मुश्किल से कोतवाली में दाखिल हुए.

अमेठी में लगातार हो रही बारिश को लेकर प्रशासन ने जारी किया एडवाइजरी: अमेठी में लगातार बारिश के कारण स्कूल कॉलेज बंद किये गये हैं. आपदा में राहत और बचाव के लिए डीएम निशा अनंत ने कंट्रोल रूम बना कर हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं. जिला प्रशासन ने बिजली ब्रेकडाउन आदि समस्या के लिया हेल्प लाइन नंबर-1912 जारी किया है. चिकित्सीय आपातकाल में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से संपर्क करने या हेल्प लाइन नंबर 112 पर सूचित करने को कहा गया है. जिलाधिकारी ने आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आपदा विशेषज्ञ का नंबर 7830318428 जारी किया है.

भारी बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदिया उफान पर, महराजगंज डीएम अनुनय झा ने किया निरीक्षण: नेपाल में पिछले 36 घंटे से मूसलाधार बारिश हो रही है. नेपाल ने करीब 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. इससे महराजगंज में कई नदियां उफान पर हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण सोहगीबरवा क्षेत्र में प्रशासन ने मुनादी कराई. लोगों को बाढ़ को लेकर अलर्ट किया गया. एसएसबी के झिंगटी कैंप कार्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया. जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. महाराजगंज के जिलाधिकारी अनुनय झा ने अन्य अधिकारियों के साथ महाव और दूसरी नदियों के पास इलाकों का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

कुशीनगर में नारायणी नदी खतरे के निशान से केवल 8 सेमी नीचे: नेपाल में भारी बारिश के बाद शनिवार सुबह वाल्मिकी गंडक बैराज से पानी का डिस्चार्ज बढकर 3.65 लाख क्यूसेक हो गया. इसके बाद नारायणी नदी खतरे के निशान 96 मी से केवल 8 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. अचानक वाल्मीकि गडंक बैराज से छोडा गया. पानी शनिवार को भोर में खड्डा रेता क्षेत्र के निचले इलाकों में पहुंच गया. अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो, महादेवा, मरिचहवा, सलीगपुर, विंध्याचल पुर समेत रेता के छह गावों में भी पानी पहुंच जाएगा।

अयोध्या नगर निगम ने ट्रैक्टर से 200 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया: शनिवार सुबह जलवानपुरा में नगर निगम ने फंसे हुए लोगों घरों से बाहर निकालने के लिए दो ट्रैक्टर भेजे. तीन दिनों से बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जल भराव की समस्या है. जलवानपुरा में करीब 12 घरों में 3 फीट से अधिक पानी भरा हुआ है. इस कारण लोग अपने घरों में कैद हो गये थे. ट्रैक्टर चालक शिवपूजन ने बताया इन घरों से करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.


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Last Updated : Sep 28, 2024, 8:05 PM IST
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