लखनऊ : लगभग तीन सप्ताह से रहमान खेड़ा के जंगल सहित पड़ोसी गांवों में बाघ और वन विभाग की लुकाछिपी जारी है. बाघ को पकड़ने के लिए कुल 35 टीमें लगी हुई हैं. तीन टीमें लखनऊ की हैं. 4 रेंजर इसमें शामिल हैं. हरिलाल को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. यहां दो पिंजड़े और 12 कैमरे लगा कर रखे गए हैं.
सुर्योदय से पहले और सुर्यास्त के बाद न निकले घरों से बाहर: डीएफओ शीतांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए कुल 35 टीमें लगी हैं. दो टीमें लखीमपुर और सीतपुर से आ गई हैं. तीन टीमें लखनऊ की हैं. 4 रेंजर लखनऊ के लगे हुए हैं. हरिलाल को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. यहां पर दो पिंजड़े और 12 कैमरे लगाए गए हैं. WTI (भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट) की टीम भी यहां पर आ चुकी है. जिन लोगों ने कैमरा ट्रैप में टाइगर को देखा है. बाघ की लोकेशन ज़्यादातर रहमान खेड़ा इंस्टीट्यूट से 4 से 5 किलोमीटर के रेंज में पाई जा रही है. बाघ की लोकेशन सुबह मंडौली और उलरापुर गांव के पास मिली है. नोडल अधिकारी हरिलाल गांव जाकर ग्राम प्रधानों को जागरूक किया. कहा कि लोग सुर्योदय से पहले और सुर्यास्त के बाद बाहर न निकलें डीएफओ ने ईटीवी के माध्यम से ग्रामीणों से अपील की है कि वह लोग अपनी सुरक्षा खुद रखें. रात को अगर बेहद जरुरी है तो झुंड में निकलें.
मंडौली और उलरापुर गांव येलो जोन में: डीएफओ ने बताया कि बाघ के आसपास के एरिया को येलो जोन बोला जाता है. इस समय मंडौली और उलरापुर गांव को येलो जोन में हैं. रेड जोन नहीं, क्योंकि बाघ अभी गांव के अंदर नहीं जा रहा है. केवल नाले के आसपास के एरिया में वह है. इसी के आसपास उसकी लोकेशन ट्रेस हो रही है
बाघ ने एक नीलगाय को बनाया शिकार: बाघ ने अभी तक एक नीलगाय का शिकार 12 दिसबंर को किया है, जो कि व्यस्क थी. 17 दिसम्बर को भी नीलगाय के शिकार की बात सामने आई लेकिन शिकार की पुष्टि नहीं हुई है. टाइगर ने शिकार को खाया भी नहीं है, लेकिन इस पर हम लोगों ने एक जांच बैठाई है. फिलहाल हम लोग टाइगर को पकड़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
दो नहीं, केवल एक ही टाइगर: क्षेत्र में एक सावक व एक बाघ की अफ़वाह पर डीएफओ ने बताया कि ऎसा नहीं है. जो पग मार्क के डाइमेंशन पाए गए हैं, वह 13 से 14 सेंटीमीटर के हैं. चाहे कटौली गांव हो गुरुदीन खेड़ा या मीठेंगर, हर जगह एक ही जैसे पगमार्क पाए गए हैं. जिससे यह स्प्ष्ट है कि एक ही टाइगर है.