जयपुर. 31 तोपों की गर्जना और बरसते हुए बादलों के बीच जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में भगवान का प्राकट्य हुआ. जैसे ही घड़ी में 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों से छोटी काशी गूंज उठी और पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. बारिश के बीच भी कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास कम नहीं हुआ.
गोविंद देवजी मंदिर से लेकर कृष्ण बलराम मंदिर तक नंदलाल के आने की खुशी में छोटी काशी नंदगांव बन गई. रात 12 बजे 31 तोपो की सलामी और विशेष रंगीन आतिशबाजी की गई. रात 12 बजे गोविंद अभिषेक के दर्शन खुले. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मंगल गीत गाए गए. हर कोई भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन दिखा. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों में भी ठाकुरजी की एक झलक पाने की होड़ मची रही. इस दौरान 6 पंडितों ने वेद पाठ किया. श्री शालिग्राम पूजन और पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया गया. ठाकुर जी का 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से अभिषेक किया गया. इस दौरान सिर्फ देशी नस्ल की गाय का दूध, दही, घी ही इस्तेमाल किया गया. वहीं, अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्लड़ का भोग अर्पित किया गया. अभिषेक के बाद जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से सभी भक्तों में निःशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरित किया गया. गोविंद देवजी मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों में भी श्रीकृष्ण का मध्यरात्रि जन्माभिषेक हुआ.
जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में मनाए जाने वाले श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के हजारों भक्त साक्षी बनते हैं. इस खास मौके पर मंदिर प्रबंधन की ओर से खास इंतजाम किए गए थे. जब रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो उन्हें 31 तोपों की सलामी देकर कान्हा का स्वागत किया गया.