कैथल: शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूलने वाले गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जल्द ही कैथल जिले के 26 स्कूलों पर ताले लटक सकते हैं. जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने जिले में चल रहे बिना मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने का नोटिस जारी किया है, जिसके बाद गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालकों में हड़कंप मच गया है.
कैथल में लम्बे समय से गैर मान्यता प्राप्त स्कूल चलाने का एक प्रचलन चला हुआ था. स्कूल संचालक शिक्षा के नाम पर मनमर्जी किताबें, वर्दी, खेल के सामान, आई-कार्ड, स्मार्ट क्लास, डायरी आदि के नाम पर स्कूली बच्चों से मोटी फीस वसूल कर रहे थे. बिना मान्यता प्राप्त स्कूल किराए के अलावा ऐसे प्राइवेट परिसर में भी चलाए जा रहें हैं जिनके पास फायर की एनओसी तक नहीं है. ये सभी स्कूल शहर के गांव, कॉलोनियों में चल रहे हैं जो किसी भी नियम और कानूनों पर खरे नहीं उतरते हैं.
इन स्कूलों में कई ऐसे भी हैं, जिनमें सिर्फ 20 से 50 विद्यार्थी ही पढ़ते हैं. इसके अलावा कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 500 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं. विभाग के पास लगातार इनकी शिकायतें आ रही थी. जिस पर कार्रवाई करने में अधिकारी असमर्थ थे, लेकिन अब निदेशालय द्वारा तुरंत प्रभाव से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी भी एक्शन मोड में आ गए हैं. जिले में अब करीब दो दर्जन स्कूलों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है.
साल 2017 में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने राज्य में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य में बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई ना करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को 26 फरवरी तक का समय देते हुए इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया था.
कोर्ट की सख्ती के बाद कैथल जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने जिले के 26 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं. इसके साथ जिले के सभी बीईओ को 26 के अलावा अन्य सभी स्कूलों की भी विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने बताया कि जिले में 26 ऐसे स्कूल है जो बिना मान्यता के चल रहे हैं. विभाग ऐसे स्कूलों के प्रति गंभीर है. खंड शिक्षा अधिकारीयों के माध्यम से सभी स्कूलों के संचालकों को चेतावनी दी गई है कि वे या तो स्कूल खुद बंद कर लें अन्यथा विभाग द्वारा उनके ऊपर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. शिक्षा अधिकारी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा है कि वे किसी भी विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाने से पहले उसकी मान्यता के बारे में पूरी जानकारी कर लें.
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