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मानव तस्करीः ट्रेन से अमृतसर ले जा रहे थे 26 नाबालिग, आरपीएफ ने दो ठेकेदारों को दबोचा - Human Trafficking - HUMAN TRAFFICKING

राजधानी लखनऊ में एक ट्रेन से 26 बच्चों को रेस्क्यू कर बचाया है. इन्हें दो तस्कर अपने साथ पंजाब के अमृतसर ले जा रहे थे. फिलहाल बच्चे चाइल्ड लाइन के पास हैं.

आरपीएफ ने मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाए 26 बच्चे.
आरपीएफ ने मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाए 26 बच्चे. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 8:47 PM IST

लखनऊ: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों की सतर्कता से उत्तर प्रदेश और बिहार से बाल मजदूरी के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर ले जाए जा रहे 26 बच्चों को बेगमपुरा एक्सप्रेस से बरामद किया है. इन बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया. मानव तस्करी में संलिप्त दो ठेकेदारों को धर दबोचा गया है.

उत्तर रेलवे लखनऊ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त देवांश शुक्ल के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों के सभी कोच में ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते चलाया जा रहा है. मानव तस्करी को लेकर विशेष सक्रियता बरती जा रही है. अभियान के तहत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू ) टीम, आरपीएफ टीम और बचपन बचाओ आंदोलन के साथ शुक्रवार को लखनऊ स्टेशन पर ट्रेनों की जांच हो रही थी.

इसी बीच ट्रेन 12237 जब वाराणसी-जम्मूतवी बेगमपुरा एक्सप्रेस लखनऊ स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर शाम 5:15 बजे आई. बेगमपुरा एक्सप्रेस के जनरल कोच में दो संदिग्ध व्यक्ति के साथ कुछ नाबालिग बच्चे नजर आए. आरपीएफ ने इन लोगों से पूछताछ की. जानकारी मिली कि बच्चे ठेकेदार के साथ अमृतसर में नाशपाती का काम करने के लिए जा रहे थे. इसके बाद आरपीएफ की टीम ठेकेदार के पास पहुंची. ट्रेन से नीचे उतारकर ठेकेदार से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि बच्चों के माता- पिता व परिजनों को पैसों का लालच और कुछ एडवांस देकर बाल श्रम के लिए उत्तर प्रदेश के चंदौली, वाराणसी व जौनपुर और बिहार के भभुआ से अमृतसर ले जा रहे हैं. इसके बाद आरपीएफ की टीम ने सभी बच्चों को ट्रेन उतरा और चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंप दिया. वहीं, दोनों ठेकेदारों को मानव तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर जेल भेज दिया गया.

इसे भी पढ़ें-मानव तस्करी करने वाली दो महिलाएं गिरफ्तार, चार दिन पहले 2 साल के बच्चे का किया था अपहरण

लखनऊ: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों की सतर्कता से उत्तर प्रदेश और बिहार से बाल मजदूरी के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर ले जाए जा रहे 26 बच्चों को बेगमपुरा एक्सप्रेस से बरामद किया है. इन बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया. मानव तस्करी में संलिप्त दो ठेकेदारों को धर दबोचा गया है.

उत्तर रेलवे लखनऊ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त देवांश शुक्ल के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों के सभी कोच में ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते चलाया जा रहा है. मानव तस्करी को लेकर विशेष सक्रियता बरती जा रही है. अभियान के तहत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू ) टीम, आरपीएफ टीम और बचपन बचाओ आंदोलन के साथ शुक्रवार को लखनऊ स्टेशन पर ट्रेनों की जांच हो रही थी.

इसी बीच ट्रेन 12237 जब वाराणसी-जम्मूतवी बेगमपुरा एक्सप्रेस लखनऊ स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर शाम 5:15 बजे आई. बेगमपुरा एक्सप्रेस के जनरल कोच में दो संदिग्ध व्यक्ति के साथ कुछ नाबालिग बच्चे नजर आए. आरपीएफ ने इन लोगों से पूछताछ की. जानकारी मिली कि बच्चे ठेकेदार के साथ अमृतसर में नाशपाती का काम करने के लिए जा रहे थे. इसके बाद आरपीएफ की टीम ठेकेदार के पास पहुंची. ट्रेन से नीचे उतारकर ठेकेदार से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि बच्चों के माता- पिता व परिजनों को पैसों का लालच और कुछ एडवांस देकर बाल श्रम के लिए उत्तर प्रदेश के चंदौली, वाराणसी व जौनपुर और बिहार के भभुआ से अमृतसर ले जा रहे हैं. इसके बाद आरपीएफ की टीम ने सभी बच्चों को ट्रेन उतरा और चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंप दिया. वहीं, दोनों ठेकेदारों को मानव तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर जेल भेज दिया गया.

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