हरिद्वार: अग्निकांड को भयावह घटना बनने से रोकने के लिए अग्निशमन विभाग (फायर ब्रिगेड) की अहम जिम्मेदारी होती है. साल 2023 में हरिद्वार में अग्नि की 259 घटनाएं रिकॉर्ड की गई. इसमें गर्मियों में आग लगने की घटनाएं अधिक हैं. ऐसे में अग्निशमन विभाग की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
अग्निशमन विभाग हरिद्वार ने 2023 के अग्निकांड के आंकड़े जारी किए हैं. इसमें बताया गया है कि 2023 में कुल 259 आग की घटनाओं से संबंधित कॉल्स प्राप्त हुईं. उनके द्वारा रिस्पांस देते हुए 54 करोड़ के करीब संपत्ति को बचाया गया है. जबकि इन घटनाओं में 3 करोड़ 50 लाख के करीब संपत्ति का नुकसान हुआ है. अच्छी बात ये है कि इन घटनाओं में किसी भी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है. जबकि 205 लोगों को अग्निशमन विभाग द्वार आग की घटनाओं में बचाया गया है. हालांकि, इन घटनाओं में 7 पालतू जानवरों की जान गई है.
हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अभिनव त्यागी ने बताया कि साल 2023 में दो बड़ी घटनाएं रिकॉर्ड की गई, जिनमें सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी. पहली घटना हरिद्वार के जगदीशपुर क्षेत्र की रही. यहां एलपीजी गैस लीक होने की सूचना मिली थी. लीक गैस आसपास के घरों तक पहुंच गई थी, जो कि विभाग के लिए सबसे बड़ा टास्क बन गया था. डर था कि गैस को कहीं से भी स्पार्क मिल सकता था. इस गैस लीकेज पर बड़ी मुश्किल से काबू पाया गया था.
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दूसरी सबसे बड़ी घटना: आग लगने की दूसरी बड़ी घटना नारायण इंडस्ट्रीज भगवानपुर की थी. इसमें 60 फीसदी से ज्यादा फैक्ट्री जल चुकी थी और आसपास की फैक्ट्रियों को भी खतरा था. इसके लिए हमारे द्वारा सहारनपुर और देहरादून से सहयोग लिया गया. तब जाकर आग पर काबू पाना मुमकिन हो पाया.
लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान: हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अभिनव त्यागी ने बताया कि आमजन को जागरूक करने की काफी आवश्यकता है. उन्हें यह बताना होगा कि किस तरह से एक छोटी सी आग कितना विकराल रूप ले लेती है. जिसके लिए हमें पहले से ही तैयार होना होगा. अभिनव त्यागी ने बताया कि उनके द्वारा लगातार ट्रेनिंग अभियान चलाए जा रहे हैं. अब वह ग्राम प्रधानों और आसपास के पार्षदों से जुड़कर इस ट्रेनिंग अभियान को चलाएंगे.
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हरिद्वार जिले का कराया जाएगा सर्वे: अभिनव त्यागी ने बताया कि वह हरिद्वार का सर्वे कराने जा रहे हैं. जिससे पता चल सके कि कौन से इलाके ऐसे हैं, जहां पर अग्निशमन की गाड़ियों पहुंचने में दिक्कत होगी. इसके लिए विभाग के कर्मचारियों को मौके पर भेजा जाएगा और पहले से ही प्लान तैयार करके रखा जाएगा. ताकि इमरजेंसी आने पर वहां पर जाना आसान हो सके.
फैक्ट्रियों में चलाया जाएगा विशेष अभियान: अभिनव त्यागी ने बताया कि फैक्ट्री एक ऐसा मॉडल होता है जिसमें आग लगने की घटना का विकराल रूप लेने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं. क्योंकि आसपास की फैक्ट्रियों में भी गैस इत्यादि का उपयोग होता है. इसलिए फैक्ट्रीज पर विशेष ध्यान रखते हुए हमारे द्वारा इनकी लगातार चेकिंग की जा रही है. जो भी खामियां फैक्ट्रियों में पाई जा रही हैं, उन्हें दूर करने का कार्य किया जा रहा है. फैक्ट्री ऑनर्स से भी वार्तालाप करके उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह से फायर सेफ्टी की जाए.