ETV Bharat / state

कोरोना काल में जेलों से पैरोल पर छूटे कैदी गायब, ढूंढे से भी नहीं रहे मिले, पुलिस-प्रशासन का बढ़ा सिरदर्द

कोविड के टाइम पर पैरोल पर छोड़े गए सैकड़ों कैदी लापता, उधम सिंह नगर पुलिस ने धरपकड़ के लिए चलाया विशेष अभियान.

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

Etv Bharat
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

चंपावत: कोरोना काल में कोविड गाइड लाइनों का पालन करते हुए कुमाऊं मंडल के जेलों से कई कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन समस्या ये है कि इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी 255 कैदी अभी तक वापस नहीं लौटे है, जो पुलिस-प्रशासन के सिर का दर्द बन गए है. ऐसे कैदियों की धरपकड़ के लिए उधमसिंह नगर पुलिस ने अभियान भी शुरू कर दिया है. ताकि कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए फरार कैदियों की फिर से सलाखों के पीछे भेजा जा सके.

दुनिया में भले ही कोरोना काल लोगों के लिए कभी न भूला जाने वाला काल रहेगा, लेकिन कुमाऊं की जेलों में बंद गंभीर अपराधियों के लिए कोरोना स्वर्णिम काल बनकर आया था. उस वक्त कोविड गाइड लाइन का पालन करने हेतु जेल प्रशासन ने लंबी सजा काट चुके कई गंभीर अपराध के कैदियों को पैरोल पर रिहा गया था, लेकिन उस वक्त पैरोल पर रिहा करना अब जेल प्रशासन के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है.

दरअसल, कुमाऊं मंडल की चार जेलों से कोविड काल में छोड़े गए गंभीर अपराध कैदियों में से 255 ने अभी तक पैरोल अवधि समाप्त होने के उपरांत भी जेलों का रुख नहीं किया है. वहीं, उधम सिंह नगर पुलिस-प्रशाशन ने केंद्रीय कारागार सितारगंज जेल में पैरोल के बाद फरार कैदियों की धर पकड़ हेतु विशेष अभियान शुरू कर दिया है. जिले के विभिन्न थानों व कोतवाली की पुलिस फरार कैदियों की धर पकड़ हेतु जिले भर में विशेष चेकिंग अभियान चला रहा है. ताकि कोविड काल का फायदा उठा पैरोल के बहाने फुर्र होने वाले फरार कैदियों को फिर से जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सके.

बता दें कि जेल प्रशासन की ओर से इन कैदियों को रिहा करने के आदेश के बाद पैरोल में छूटे कई कैदी हत्या, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए थे, जो अब तक फरार हैं. अधिकारियों ने बताया कि जेलों में भीड़भाड़ वाली जेलों में कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, जेल नियमों के अनुसार सामान्य एक महीने की अवधि के बजाय, 2020 में इन कैदियों को तीन महीने की पैरोल दी गई थी. हालांकि, पैरोल खत्म होने के बाद वे वापस नहीं लौटे.

अब यह मामला देहरादून मुख्यालय तक पहुंच गया है, जिसने अधिकारियों को इन कैदियों को पकड़ने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं. जेल नियमों के अनुसार कैदियों को अधिकतम एक महीने के लिए पैरोल दी जा सकती है, जिसे करीबी पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु या शादी जैसी विशेष परिस्थितियों में तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है. कुछ मामलों में, लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदियों को राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी से 14 दिनों तक की पैरोल दी जा सकती है.

वहीं उधम सिंह नगर जिले के एसपी सिटी रुद्रपुर मनोज कत्याल के अनुसार अब जिले भर में पैरोल में जाने के उपरांत वापस जेल नही लौटे गंभीर अपराध कैदियों की धर पकड़ हेतु जिले भर में पुलिस टीम द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें---

चंपावत: कोरोना काल में कोविड गाइड लाइनों का पालन करते हुए कुमाऊं मंडल के जेलों से कई कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन समस्या ये है कि इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी 255 कैदी अभी तक वापस नहीं लौटे है, जो पुलिस-प्रशासन के सिर का दर्द बन गए है. ऐसे कैदियों की धरपकड़ के लिए उधमसिंह नगर पुलिस ने अभियान भी शुरू कर दिया है. ताकि कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए फरार कैदियों की फिर से सलाखों के पीछे भेजा जा सके.

दुनिया में भले ही कोरोना काल लोगों के लिए कभी न भूला जाने वाला काल रहेगा, लेकिन कुमाऊं की जेलों में बंद गंभीर अपराधियों के लिए कोरोना स्वर्णिम काल बनकर आया था. उस वक्त कोविड गाइड लाइन का पालन करने हेतु जेल प्रशासन ने लंबी सजा काट चुके कई गंभीर अपराध के कैदियों को पैरोल पर रिहा गया था, लेकिन उस वक्त पैरोल पर रिहा करना अब जेल प्रशासन के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है.

दरअसल, कुमाऊं मंडल की चार जेलों से कोविड काल में छोड़े गए गंभीर अपराध कैदियों में से 255 ने अभी तक पैरोल अवधि समाप्त होने के उपरांत भी जेलों का रुख नहीं किया है. वहीं, उधम सिंह नगर पुलिस-प्रशाशन ने केंद्रीय कारागार सितारगंज जेल में पैरोल के बाद फरार कैदियों की धर पकड़ हेतु विशेष अभियान शुरू कर दिया है. जिले के विभिन्न थानों व कोतवाली की पुलिस फरार कैदियों की धर पकड़ हेतु जिले भर में विशेष चेकिंग अभियान चला रहा है. ताकि कोविड काल का फायदा उठा पैरोल के बहाने फुर्र होने वाले फरार कैदियों को फिर से जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सके.

बता दें कि जेल प्रशासन की ओर से इन कैदियों को रिहा करने के आदेश के बाद पैरोल में छूटे कई कैदी हत्या, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए थे, जो अब तक फरार हैं. अधिकारियों ने बताया कि जेलों में भीड़भाड़ वाली जेलों में कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, जेल नियमों के अनुसार सामान्य एक महीने की अवधि के बजाय, 2020 में इन कैदियों को तीन महीने की पैरोल दी गई थी. हालांकि, पैरोल खत्म होने के बाद वे वापस नहीं लौटे.

अब यह मामला देहरादून मुख्यालय तक पहुंच गया है, जिसने अधिकारियों को इन कैदियों को पकड़ने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं. जेल नियमों के अनुसार कैदियों को अधिकतम एक महीने के लिए पैरोल दी जा सकती है, जिसे करीबी पारिवारिक सदस्यों की मृत्यु या शादी जैसी विशेष परिस्थितियों में तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है. कुछ मामलों में, लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदियों को राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी से 14 दिनों तक की पैरोल दी जा सकती है.

वहीं उधम सिंह नगर जिले के एसपी सिटी रुद्रपुर मनोज कत्याल के अनुसार अब जिले भर में पैरोल में जाने के उपरांत वापस जेल नही लौटे गंभीर अपराध कैदियों की धर पकड़ हेतु जिले भर में पुलिस टीम द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें---

Last Updated : 2 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.