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Delhi: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 250 युवकों से करोड़ों की ठगी, महिला सहित 3 गिरफ्तार - FRAUD IN NAME OF ABROAD JOBS

नोएडा पुलिस ने विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर एक महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.

नौकरी दिलाने के नाम पर 250 युवकों से करोड़ों की ठगी
नौकरी दिलाने के नाम पर 250 युवकों से करोड़ों की ठगी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 23, 2024, 6:22 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने इस मामले में महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी करीब एक साल से इस काम को नोएडा में कर रहे थे. इनके कब्जे से 6 लाख 90 हजार रुपए नकद, 5 मोबाइल फोन, 1 टैब सैमसंग व 1 पैन ड्राइव बरामद किया गया.

सेंट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पर एक पीड़ित द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें उसने बताया कि 3 माह पूर्व से नोएडा स्थित एच-73 सेक्टर 63 ग्लोबल ट्रैवल्स नाम की कंपनी ने विदेश भेजने के नाम पर तकरीबन 200-250 लोगों से ठगी की. उन्होंने बताया कि 6 सितंबर को 20-30 लोग जिनकी टिकट हो रखी थी, जब लोग इनके कार्यालय पहुचे तो ताला बंद मिला, एक-दूसरे से बात करने पर पता चला की ऑफिस के सभी कर्मचारी फरार है, किसी का भी नंबर नही लग रहा है.

डीसीपी ने बताया कि प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, आज पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर ठगी करने वाले गिरोह के तीन आरोपियों योगेन्द्र उर्फ अनीस, मनोज उर्फ रिजवान और कोमल उर्फ ज्योति को डंपिंग यार्ड के पास ग्रीन बेल्ट ए-ब्लॉक से गिरफ्तार किया. फिलहाल, पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

नौकरी दिलाने के नाम पर 250 युवकों से करोड़ों की ठगी (ETV BHARAT)

अपराध करने का तरीका: गिरफ्तार आरोपी अपनी कंपनी को सोशल मीडिया पर लिस्ट कराकर इच्छुक लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ते थे. जिनके व्हाट्सएप ग्रुप में केवल एडमिन ही मैसेज कर सकता था. आरोपी विदेश में स्थित कंपनी के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर बनाकर आवेदकों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे, आवेदक का पासपोर्ट अपने पास रखकर फर्जी वीजा तैयार करते थे.

अभियुक्त कॉल सेंटर छोड़ने से पहले सभी पासपोर्ट को डिस्ट्रॉय कर देते थे. आरोपियों द्वारा डमी एयर टिकट बनाए जाते थे, जो 3 दिन बाद ही डिस्ट्रॉय हो जाते थे. सभी आवेदकों को एक दिन की ही डमी एयर टिकट देते थे, जिससे सभी आवेदक उनके ऑफिस पर एक दिन ही एकत्र हो जाते थे और यह लोग उनके आने से पहले ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं.

ये भी पढ़ें:

  1. Delhi Crime: फर्जी वीजा बनाकर नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश
  2. नोएडा: विदेश में नौकरी के नाम पर 1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों की ठगी, 11 गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने इस मामले में महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी करीब एक साल से इस काम को नोएडा में कर रहे थे. इनके कब्जे से 6 लाख 90 हजार रुपए नकद, 5 मोबाइल फोन, 1 टैब सैमसंग व 1 पैन ड्राइव बरामद किया गया.

सेंट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पर एक पीड़ित द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें उसने बताया कि 3 माह पूर्व से नोएडा स्थित एच-73 सेक्टर 63 ग्लोबल ट्रैवल्स नाम की कंपनी ने विदेश भेजने के नाम पर तकरीबन 200-250 लोगों से ठगी की. उन्होंने बताया कि 6 सितंबर को 20-30 लोग जिनकी टिकट हो रखी थी, जब लोग इनके कार्यालय पहुचे तो ताला बंद मिला, एक-दूसरे से बात करने पर पता चला की ऑफिस के सभी कर्मचारी फरार है, किसी का भी नंबर नही लग रहा है.

डीसीपी ने बताया कि प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, आज पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर ठगी करने वाले गिरोह के तीन आरोपियों योगेन्द्र उर्फ अनीस, मनोज उर्फ रिजवान और कोमल उर्फ ज्योति को डंपिंग यार्ड के पास ग्रीन बेल्ट ए-ब्लॉक से गिरफ्तार किया. फिलहाल, पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

नौकरी दिलाने के नाम पर 250 युवकों से करोड़ों की ठगी (ETV BHARAT)

अपराध करने का तरीका: गिरफ्तार आरोपी अपनी कंपनी को सोशल मीडिया पर लिस्ट कराकर इच्छुक लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ते थे. जिनके व्हाट्सएप ग्रुप में केवल एडमिन ही मैसेज कर सकता था. आरोपी विदेश में स्थित कंपनी के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर बनाकर आवेदकों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे, आवेदक का पासपोर्ट अपने पास रखकर फर्जी वीजा तैयार करते थे.

अभियुक्त कॉल सेंटर छोड़ने से पहले सभी पासपोर्ट को डिस्ट्रॉय कर देते थे. आरोपियों द्वारा डमी एयर टिकट बनाए जाते थे, जो 3 दिन बाद ही डिस्ट्रॉय हो जाते थे. सभी आवेदकों को एक दिन की ही डमी एयर टिकट देते थे, जिससे सभी आवेदक उनके ऑफिस पर एक दिन ही एकत्र हो जाते थे और यह लोग उनके आने से पहले ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं.

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