लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग के पांच ब्लॉक क्षेत्रों से 224 शिक्षकों ने शिक्षण संकुल पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें शिक्षण कार्य और निपुण लक्ष्य हासिल करने की जगह पोस्टमैन बना दिया गया है. जिसकी वजह से विद्यालयों में पठन-पाठन काफी पिछड़ रहा है. वहीं, मानदेय में पिछले चार साल से विसंगतियां है. चार साल से शिक्षकों से बिना अनुमति लिए विभाग रिनुअल कर रहा है.
वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों को जैसे ही शिक्षण संकुल पदों से शिक्षकों के त्यागपत्र देने की जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने बीईओ से लेकर शिक्षकों को फोन मिलाने शुरू किए लेकिन नाराज शिक्षक अपने फैसले पर डटे रहे. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश मीडिया प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि 2018 से शिक्षण संकुल पद बने थे. निपुण लक्ष्य प्राप्ति के लिए बेसिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को एक वर्ष की अवधि के लिए संकुल पद पर तैनाती दी गई थी. उस समय एक न्याय पंचायत में एक शिक्षक को लगाया गया था. अब एक न्याय पंचायत पर तीन से पांच शिक्षक तैनात किए गए हैं. इसके ऊपर एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप) और एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) के पद हैं. तैनाती के समय रिनुअल के लिए सहमति का प्रावधान था लेकिन, पिछले पांच सालों से किसी भी शिक्षक की सहमति नहीं ली गई और ड्यूटी लगाई जा रही है.
शिक्षकों ने बताया कि शिक्षक निपुण लक्ष्य की जगह विभागीय अन्य कार्य जैसे अन्य स्कूलों से यूडायस का डाटा कलेक्शन, चिट्ठी पहुंचाने जैसे कार्य कर रहे हैं. पिछले चार वर्षों से निश्चित मानदेय तक नहीं मिल रहा है. शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति के लिए विद्यालय बंद होने के दो घंटे बाद तक ऑनलाइन रहना पड़ता है. उधर, विभाग ने शिक्षकों की 31 उपार्जित अवकाश, 15 आकस्मिक अर्द्घ अवकाश, महीने में तीन लघु अवकाश, अध्ययन अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश जैसी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. इन्हीं समस्याओं परेशान होकर 5 विकासखंड के 224 शिक्षकों ने मिलकर सामूहिक त्यागपत्र लिखकर बीएसए कार्यालय को भेजे हैं.
कहां से कितने शिक्षकों ने दिए त्यागपत्र
माल विकासखंड – 48
सरोजनी नगर विकासखंड – 45
चिनहट विकासखंड – 25
मलिहाबाद विकासखंड – 46
मोहनलालगंज विकासखंड – 60
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