नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की नॉर्दन रेंज-II की टीम ने 200 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर करीब 7 करोड़ रुपए हड़पने वाले दो वांटेड फरार अपराधियों को धर दबोचा है. आरोपियों की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने प्रत्येक पर 25,000 रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था. इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में आईपीसी की धारा 406/420/120 बी के तहत मामला दर्ज था. दोनों अपराधियों की पहचान गोयला डेयरी, दिल्ली के रहने वाले रविंदर कुमार पांडे और उनके बेटे प्रसून पांडे के रूप में की गई.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी सतीश कुमार ने बताया कि दिल्ली के गोयला डेयरी के निवासियों ने आरोपी शख्स रविंदर कुमार पांडे और उनके बेटे प्रसून पांडे के खिलाफ मेहनत की कमाई को हड़पने और 200 लोगों से लगभग 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि आरोपी बाप-बेटे ने लोगों को दोगुना ब्याज देने का झांसा देकर अपने पास पैसा जमा करवाया था. धोखाधड़ी के शिकार लोगों से इन दोनों ने करीब 7 करोड़ रुपये हड़प लिए थे और इसके बाद दोनों ने गोयला डेयरी से अपनी प्रॉपर्टी को ठिकाने लगाकर मोबाइल फोन बंद कर फरार हो गए थे.
तकनीकी मदद से दोनों आरोपी गिरफ्तारः एसीपी नरेंद्र सिंह की देखरेख में टीम ने मुखबिरों को सक्रिय किया और गुप्त जानकारी हासिल करने के हरसंभव प्रयास किए. इस दौरान टीम के मेंबर एएसआई प्रदीप गोदारा के साथ उनकी तकनीकी मदद के लिए और जवान को लगाया गया. जिनको सूचना मिली कि एक फरार अपराधी पुणे में है. इसके बाद सूचना को और पुख्ता किया गया. िसके बाद पता चला वांछित अपराधी प्रसून पांडे है, जिसको कोर्ट ने फरार अपराधी घोषित कर रखा है और पुणे, महाराष्ट्र में कहीं शरण लिए हुए हैं.
पुणे में रेंट के मकान में रह रहा था फरार बेटाः इसके बाद टीम ने संबंधित मोबाइल नंबरों की जानकारी एकत्र की और इंस्पेक्टर नीरज कुमार शर्मा की देखरेख में एएसआई प्रीतम चंद, नवीन, रविंदर और कृष्ण की टीम पुणे महाराष्ट्र रवाना हुई. टीम ने पुणे पहुंचकर आरोपी शख्स का पता लगाने के काम में जुट गई और आखिर में भगोड़े प्रसून पांडे की लोकेशन पुणे के लोनीकांड थाना क्षेत्र में पाई गई और उसको प्रिस्टिन सिटी, फेज-1, बाकोरी से उसके किराए के मकान से धरदबोच लिया गया.
फरार पिता को लखनऊ से दबोचाः पूछताछ करने पर आरोपी प्रसून पांडे ने लखनऊ में अपने पिता/सह-अभियुक्त रविंदर कुमार पांडे के ठिकानों का खुलासा किया और इस सूचना पर एसआई सचिन डबास, हेड कांस्टेबल नवीन, विकास डबास और कांस्टेबल कृष्ण की एक और टीम गठित की गई. टीम को लखनऊ रवाना किया गया और एएसआई प्रदीप गोदारा की तकनीकी सहायता और कांस्टेबल कृष्ण के मैनुअल इनपुट के जरिये सह-आरोपी की पता लखनऊ के सरदौना इलाके में चला और उसको वहां से दबोच लिया गया.
प्लॉट बेचकर मोटी रकम हासिल करने वालों को बनाते थे निशानाः पूछताछ के दौरान आरोपी रविंदर कुमार पांडे ने खुलासा किया कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के गोयला डेयरी इलाके में रहता था. उसने फाइनेंस का कारोबार शुरू किया और कम समय में पैसा कमाना चाहता था, इसलिए कम समय में चिटफंड और कमेटी के जरिए पैसा दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया. उसने करीब 200 से ज्यादा लोगों को लालच दिया और करीब 7-8 करोड़ रुपए ठग लिए. इस अपराध में उसका बेटा प्रसून पांडे भी उसकी मदद करता था. उन्होंने ऐसे लोगों की पहचान की जिनके पास प्लॉट आदि को बेचने के बाद से अच्छा पैसा था.
दिल्ली से नोएडा जाने पर पीड़ितों ने लगा लिया था आरोपियों का पताः शुरुआती दौर में कुछ रकम वापस कर दी गई और जब उनके पास अच्छी रकम जमा हो गई तो उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी को बेच दिया और दिल्ली से फरार हो गए. अपने मोबाइल सिम भी नष्ट कर दिए. प्रारंभ में नोएडा गए थे, लेकिन कुछ पीड़ितों ने उनका पता लगा लिया. इसके बाद उन्होंने अपना ठिकाना बदल दिया और पुणे चले गए. आरोपियों ने खुद की पहचान छुपाने के लिए रेंट पर बार-बार मकान बदला ताकि उनके बारे में कुछ पता ना लगाया जा सके. आरोपी ने लखनऊ के पास अपनी पैतृक जगह पर जमीन में पैसा इन्वेस्ट किया.
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आरोपी पिता यूपी में गैंगस्टर एक्ट में पहले हो चुका है गिरफ्तारः आरोपियों की प्रोफाइल खंगालने के बाद पता चला कि आरोपी रविंदर कुमार पांडे पहले भी यूपी में गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है. उस पर अपने सहयोगियों की मदद करने के आरोप लगे थे, जो अपराधी थे. आरोपी के दो बेटे हैं. उनका एक बेटा आरोपी प्रसून पांडे (33) बीबीए पास है. साल 2017 में आरोपी रविंदर और उसके दोनों बेटों को दिल्ली के छावला थाने में दर्ज मारपीट/हाथापाई के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्त रविंदर कुमार पांडे के खिलाफ 2 और उसके आरोपी बेटे प्रसून पांडे की एक मामले में संलिप्तताएं सामने आई हैं.
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