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डैहनासर झील में नहीं होगा 20 भादो का स्नान, देवताओं ने दी है चेतावनी - 20 bhado snan Dehnasar lake - 20 BHADO SNAN DEHNASAR LAKE

डैहनासर झील में इस बार भी 20 भादो का स्नान नहीं होगा. देवताओं ने आम जनमानस को झील की पवित्रता बनाए रखने के लिए कहा है. देव आदेश की अवहेलना करने पर इसके खतरनाक परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.

डैहनासर झील
डैहनासर झील (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 1, 2024, 6:13 PM IST

कुल्लू: तीन जिलों कुल्लू, मंडी और कांगड़ा के पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली डैहनासर झील में इस साल बाद भी 20 भादो का पवित्र स्नान नहीं होगा. इसके बारे में जिला कुल्लू, मंडी की चौहार घाटी और कांगड़ा के भंगाल इलाके के देवी देवताओं ने निर्देश जारी किए हैं. देव आदेश के मुताबिक आम जनमानस झील के पवित्रता को बनाए रखें.

देवताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि देव आदेश की अवहेलना करने पर जनमानस को इसके खतरनाक परिणाम भुगतने होंगे. ढालपुर में लग घाटी की प्रसिद्ध देवी माता फुंगनी के कारदार ठाकुर रामलाल ने बताया कि इससे पहले भी देवी देवताओं ने डैहनासर झील में स्नान करने पर रोक लगाई है, लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग देव आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. इस साल भी सभी लोगों से आग्रह करते हैं कि वो देव नियमों का पालन करें, क्योंकि डैहनासर झील देवी देवताओं की एक पवित्र झील है और लोग वहां पर जाकर गंदगी फैला रहे हैं, जिससे देवी देवता भी काफी नाराज चल रहे हैं.

ठाकुर रामलाल ने बताया कि, 'इस झील का इतिहास भगवान शिव के साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि किसी समय यहां पर एक डायन का राज हुआ करता था, जब भगवान शिव मणिमहेश जाते हुए इस स्थान पर रुके तो डायन ने उन्हें युद्ध के लिए ललकारा और भगवान शिव ने इस पूरे इलाके को डायन के आतंक से मुक्ति दिलाई. उन्होंने बताया कि इस पवित्र झील में देवी देवता स्नान करते हैं, लेकिन कुछ समय से लोग इस झील में जाकर स्नान कर रहे हैं और वहां पर गंदगी भी फैला रहे हैं. ऐसे में देवी देवताओं ने एक बार फिर से अपना आदेश जारी किया और कहा है कि अगर जनमानस इसी तरह से देव आदेश की अवहेलना करता रहा तो आने वाले समय में जनमानस को इसके खतरनाक परिणाम भी भुगतने होंगे.

ये भी पढ़ें: "कर्मचारियों की भविष्य निधि को गिरवी रख कर कर्ज ले रही सरकार, आर्थिक दिवालियापन की ओर जा रहा हिमाचल"

कुल्लू: तीन जिलों कुल्लू, मंडी और कांगड़ा के पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली डैहनासर झील में इस साल बाद भी 20 भादो का पवित्र स्नान नहीं होगा. इसके बारे में जिला कुल्लू, मंडी की चौहार घाटी और कांगड़ा के भंगाल इलाके के देवी देवताओं ने निर्देश जारी किए हैं. देव आदेश के मुताबिक आम जनमानस झील के पवित्रता को बनाए रखें.

देवताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि देव आदेश की अवहेलना करने पर जनमानस को इसके खतरनाक परिणाम भुगतने होंगे. ढालपुर में लग घाटी की प्रसिद्ध देवी माता फुंगनी के कारदार ठाकुर रामलाल ने बताया कि इससे पहले भी देवी देवताओं ने डैहनासर झील में स्नान करने पर रोक लगाई है, लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग देव आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. इस साल भी सभी लोगों से आग्रह करते हैं कि वो देव नियमों का पालन करें, क्योंकि डैहनासर झील देवी देवताओं की एक पवित्र झील है और लोग वहां पर जाकर गंदगी फैला रहे हैं, जिससे देवी देवता भी काफी नाराज चल रहे हैं.

ठाकुर रामलाल ने बताया कि, 'इस झील का इतिहास भगवान शिव के साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि किसी समय यहां पर एक डायन का राज हुआ करता था, जब भगवान शिव मणिमहेश जाते हुए इस स्थान पर रुके तो डायन ने उन्हें युद्ध के लिए ललकारा और भगवान शिव ने इस पूरे इलाके को डायन के आतंक से मुक्ति दिलाई. उन्होंने बताया कि इस पवित्र झील में देवी देवता स्नान करते हैं, लेकिन कुछ समय से लोग इस झील में जाकर स्नान कर रहे हैं और वहां पर गंदगी भी फैला रहे हैं. ऐसे में देवी देवताओं ने एक बार फिर से अपना आदेश जारी किया और कहा है कि अगर जनमानस इसी तरह से देव आदेश की अवहेलना करता रहा तो आने वाले समय में जनमानस को इसके खतरनाक परिणाम भी भुगतने होंगे.

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