नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण (यीडा) ने मथुरा में राया हेरिटेज सिटी स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है, जो न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि श्रीकृष्ण की ऐतिहासिक लीलाओं को भी पुनर्जीवित करेगा. इस परियोजना के तहत 753 एकड़ में फैले 16 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने 650 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है.
ऐतिहासिकता की पुनर्स्थापना: मथुरा की इस नई हेरिटेज सिटी में ऐतिहासिक तालाबों का विशेष महत्व होगा. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि जब इस क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया तो कई प्राचीन और ऐतिहासिक तालाबों की पहचान की गई. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, इन तालाबों का संबंध श्रीकृष्ण की लीलाओं से है, जो उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को दर्शाते हैं.
सौंदर्यीकरण की योजना: प्राधिकरण इसका सौंदर्यीकरण करके इन तालाबों को सुरक्षित रखने की दिशा में कदम उठा रहा है. यहां पर ना केवल बैठने की सुविधाएं, बल्कि लाइटिंग, फाउंटेन और लाइट एंड शो जैसी सुविधाओं का भी समावेश किया जाएगा. प्रत्येक तालाब के किनारे उसकी ऐतिहासिकता को उजागर करने के लिए विवरण बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटक इस समृद्ध विरासत का अनुभव कर सकें. यदि संभव हुआ तो तालाबों के चारों ओर उस विशेष लीला से संबंधित साउंड शो भी प्रस्तुत किया जाएगा.
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ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे: राया हेरिटेज सिटी में यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किलोमीटर से बांके बिहारी मंदिर तक 7 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ लगभग ढाई किलोमीटर तक हेरिटेज सिटी का विकास किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र अधिक सुलभ एवं पर्यटकों के लिए आकर्षक बने.
आर्थिक दृष्टि: इस परियोजना की कुल लागत लगभग 6304 करोड़ रुपए होगी. यह न केवल मथुरा के विकास में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी. राया हेरिटेज सिटी का निर्माण न केवल एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थापित होगा बल्कि यह मथुरा को एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदलने की क्षमता भी रखता है.
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