कोरबा : जिले के कटोरीनगोई गांव में आदिवासी विभाग के कन्या आश्रम में मंगलवार की शाम भोजन के बाद लगभग 20 बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई. बच्चियों को उल्टी-दस्त और चक्कर आने की शिकायत मिली. जिसके बाद आनन फानन में रात को सभी बच्चियों को कटघोरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
खाना खाने के बाद बगड़ी तबियत : विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत जटगा के पास गांव कटोरीनगोई में आदिवासी विकास विभाग के कन्या आश्रम का संचालित है. यहां रहकर बच्चियां स्कूल में पढ़ाई-लिखाई करती हैं. मंगलवार की शाम लगभग 4 बजे आश्रम में बच्चियों के लिए खाना बनाया गया, जिसे साम को बच्चियों ने खाया. जिसके थोड़ी देर बाद ही बच्चियों की तबीयत बिगड़ने लगी. कई बच्चियों ने उल्टी की शिकायत की तो किसी को दस्त होने लगा. इसकी जानकारी बच्चियों ने हास्टल की अधीक्षिका को दी. इससे पहले कि अधीक्षिका कुछ समझ पाती एक के बाद एक कई बच्चियों की तबीयत बिगड़ने लगी.
एम्बुलेंस से बच्चियों को पहुंचाया अस्पताल : आश्रम से अनुपस्थित अधीक्षिका ने मामले की जानकारी फौरन पोड़ी विकासखंड के बीईओ को दी. जिसके बाद आदिवासी विकास विभाग से बच्चियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए डायल 108 की मदद मांगी गई. फिर रात में ही एंबुलेंस के जरिये बच्चियों को कटघोरा के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया. यहां अभी सभी बच्चियों का इलाज जारी है. फिलहाल, सभी बच्चियों की हालात सामान्य बताई जा रही है. वहीं अभिभावकों ने बताया कि आश्रम अधीक्षिका सुकन्या भगत आश्रम में मौजूद नहीं थी, जिसके चलते बच्चियां और भी घबरा गई थी.
उल्टी दस्त की शिकायत पर 16 बच्चियों को भर्ती किया गया है, उनका इलाज चल रहा है. सभी बच्चियों की हालात सामान्य है. सभी खतरे से बाहर हैं. लेकिन उन्हें भर्ती कर निगरानी में रखा गया है. बच्चों ने बताया कि शाम का भोजन करने की 1 घंटे बाद सभी को की तबीयत बिगड़ी है. : डॉ बीआर रात्रे, अस्पताल प्रबंधन
फूड पॉइजिनिंग का शक, अभिभावकों में नाराजगी : घटना के पीछे क्या वजह है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. लेकिन जिस प्रकार से आश्रम में रहने वाली बच्चियों ने तबीयत खराब हुई है, उससे फूड पॉइजिनिंग की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, आश्रम की 50 बच्चियों ने वही भोजन खाया था, लेकिन लगभग 20 बच्चियों की ही तबीयत खराब हुई है, जिन्हें अस्पताल लाया गया. बच्चियों के साथ अभिभावक भी रात के समय अस्पताल पहुंचे थे. जिन्होंने अधीक्षिका के आश्रम में निवास नहीं करने और अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जाहिर की. इस बात को लेकर अभिभावकों में गुस्सा है.