रायपुर: राजधानी रायपुर के सिविल लाइन स्थित सर्किट हाउस में गुरुवार को "गंभीर मौसम और मौसम संबंधी सेवाओं" को लेकर एक कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें प्रदेश के मौसम विभाग के साथ ही अन्य विभागों के स्पीकर और वैज्ञानिकों ने तकनीकी अनुभवों को साझा किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेन डेका भी शामिल हुए.
मौसम विज्ञान विभाग का 150वां साल: मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मृत्युंजय महापात्र ने बताया "भारत मौसम विज्ञान विभाग 15 जनवरी 1875 में स्थापित हुआ था. 15 जनवरी 2024 से 15 जनवरी 2025 तक मौसम विज्ञान विभाग अपना 150वां साल सेलिब्रेट कर रहा है. इस सेलिब्रेशन के मौके पर मौसम विभाग भारत में मौसम और जलवायु की जानकारी कैसे विकसित हुई और इसका प्रयोग सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में कैसा रहा. मौसम और जलवायु परिवर्तन की वजह से जान माल का नुकसान हो रहा है. इस नुकसान को कैसे रोका जाए क्या उपाय किया जाए. इन विषयों को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया."
डॉक्टर मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि "मौसम विभाग आने वाले दिनों में मौसम और जलवायु की जानकारी को और सुदृढ़ और सटीक करने की दिशा में काम कर रहा है. लोगों तक मौसम की सही जानकारी कैसे पहुंचाया जाएं, इन्हीं सब विषयों को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई."
रायपुर में मौसम विज्ञान विभाग की कार्यशाला: एक दिवसीय इस कार्यशाला में मौसम विभाग ने विभाग द्वारा दिए जाने वाली मौसम संबंधी सेवाओं पर निर्भरता की जानकारी दी. इसके साथ ही इस वर्कशॉप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और एनआईटी के विद्यार्थियों ने अपना बैनर पोस्टर लगाकर इस कार्यक्रम में अपना योगदान दिया. कार्यक्रम में मौसम विज्ञान विभाग में कार्यरत और सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे.