नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया. इस बार रेल बजट में दिल्ली को 2582 करोड़ रुपए मिले हैं. इन पैसों से राजधानी के 13 रेलवे स्टेशनों को 'अमृत भारत स्टेशन' के तहत विकसित किया जाएगा. साथ ही दिल्ली से वंदे भारत, अमृत भारत और स्लीपर वंदे भारत जैसी नई ट्रेनों के चलाने की भी योजना है. ट्रेनों के चलने से सीटों के लिए मारामारी कम होगी और यात्रियों को राहत मिलेगी.
बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे के कुल बजट से दिल्ली को सिर्फ 2477 करोड़ रुपये मिले थे. तब रेलवे का का कुल बजट 2 लाख 40 हजार 200 करोड़ रुपये था. इस बार रेलवे का कुल बजट 2 लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपये है. इसमें से दिल्ली को 2582 करोड़ रुपये मिले हैं. इससे विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी. इस बजट में विभिन्न राज्यों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ट्रेनें चलाने, यात्रियों के लिए सुविधा, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास पर काम होगा.
13 स्टेशनों को विकसित कर बढ़ाई जाएंगी सुविधाएंः दिल्ली में 13 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित किया जाएगा. जहां पर अच्छे वेटिंग रूम, डिजिटल डिस्प्ले, प्लेटफार्म तक यात्रियों के आने जाने के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट, पार्किंग आदि की सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी. इन स्टेशनों में आनंद विहार, बिजवासन, दिल्ली, दिल्ली कैंट, दिल्ली सराय रोहिल्ला, शहदरा, हजरत निजामुद्दीन, नरेला, नई दिल्ली, आजादपुर सब्जी मंडी, सफदरजंग, तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन शामिल है. दिल्ली में 100 प्रतिशत रेलवे लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है.
चलाई जाएंगी नई ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगी राहतः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि वंदे भारत, अमृत भारत जैसी ट्रेनों की संख्या देश में एक से दूसरे राज्य के बीच चलाई जाएंगी. अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से पहली अमृत भारत ट्रेन बिहार तक चलाई जा रही है. जिसमें 22 कोच हैं. 11 स्लीपर और 11 जनरल कोच हैं. आज देश में करीब 52 अमृत भारत ट्रेनें चल रही हैं. दोनों तरह की ट्रेनों को इस वित्तीय वर्ष में दिल्ली से चलाए जाने की योजना है. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी.
बनाए जा रहे अतिरिक्त कोचः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, देश में जनरल कोच में बीते वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ लोगों ने सफर किया. जनरल कोच और स्लीपर कोच की डिमांड ज्यादा है. ऐसे में और ज्यादा जनरल और स्लीपर कोच बनाए जाएंगे. उन्हें ट्रेनों में लगाया जाएगा.