नई दिल्ली: दिल्ली टैक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) का ग्यारहवां दीक्षांत समारोह बवाना स्थित परिसर में धूमधाम से आयोजित किया गया. इस समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के 3918 छात्रों को उनकी मेहनत के फलस्वरूप डिग्रियां प्रदान की गई. इस अवसर पर, विश्वविद्यालय ने 45 विद्यार्थियों को वाइस-चांसलर गोल्ड मेडल और 30 विद्यार्थियों को लगभग 30,4500 रुपये की स्कॉलरशिप भी दी.
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने की, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि डीटीयू अपने छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों से भी परिचित करा रहा है. इस प्रेरणादायक दृष्टिकोण से छात्रों को अपनी शैक्षणिक यात्रा के बाद सफलतापूर्वक आगे बढ़ने में मदद मिलती है.
डीटीयू के कुलपति प्रोफेसर प्रतीक शर्मा ने विश्वविद्यालय के निरंतर अनुसंधान, नवाचार और सामुदायिक जुड़ाव के प्रयासों पर प्रकाश डाला. उन्होंने पिछले शैक्षणिक वर्ष में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की एक व्यापक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.
समारोह के विशेष अतिथि, पूर्व अध्यक्ष परमाणु ऊर्जा आयोग और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. अनिल काकोदकर ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने स्नातकों को नवोन्मेषक और परिवर्तनकारियों के रूप में नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया.
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इस कार्यक्रम के दौरान, डीटीयू ने 'डीटीयू टाइम्स' और 'बुकलेट ऑफ प्रोग्रेस एंड अचिवमेंट्स (2019-2024)' का विमोचन किया, जो विश्वविद्यालय की यात्रा और वर्षों से इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का दस्तावेजीकरण करता है.
दीक्षांत समारोह में तीन महत्वपूर्ण सुविधाओं का उद्घाटन भी हुआ, जिसमें शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के प्रति डीटीयू की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया. उपराज्यपाल ने सामाजिक चुनौतियों से निपटने और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक विकास और अनुसंधान केंद्र (डब्ल्यूएस-13 और डब्ल्यूएस-16) केरल कार्यशाला के उद्घाटन की भी घोषणा की. इसके साथ ही, ऊर्जा संक्रमण में उत्कृष्टता के लिए नोडल केंद्र का भी उद्घाटन किया गया.
यह समारोह सही मायनों में डीटीयू की उज्जवल भविष्य की दिशा में एक कदम और था, जहां छात्रों ने एक भव्य समारोह में अपनी डिग्री प्राप्त की, जिसमें उत्कृष्ट कलाकारों को चांसलर पदक के माध्यम से विशेष सम्मान भी दिया गया.
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