समस्तीपुर: मुजफ्फरपुर अप रेलखंड पर एक बड़े ट्रेन हादसे को एक 11 साल के बच्चे ने अपनी सूझबूझ से रोक दिया. यही नहीं उसने उस ट्रेन में सफर कर रहे हजारों जिंदगी को भी बचाया. दरअसल समस्तीपुर के धर्मपुर न्यू कॉलोनी निवासी मोहम्मद शकील का 11 वर्षीय पुत्र मोहम्मद शाहबाज रेलवे ट्रैक के बगल से अपने घर जा रहा था. अचानक उसकी नजर रेलवे ट्रैक पर पड़ी जो जॉइंट के पास एक दूसरे से अलग थी.
बच्चे की बहादुरी से टला बड़ा ट्रेन हादसा: ठीक उसी वक्त उसकी नजर समस्तीपुर जंक्शन की तरफ से आ रही एक ट्रेन पर पड़ी. मोहम्मद शाहबाज की मानें तो उसने जैसे ही ट्रेन को आते देखा , बिना देरी किये धूप से बचने के लिए अपने सर पर रखे गमछे को लहराते हुए ट्रेन की दिशा में दौड़ पड़ा. वैसे इस दौरान वह ट्रैक पर गिर पड़ा, लेकिन फिर भी हिम्मत कर वह ट्रेन को रोकने की कोशिश करता रहा.
"हम सिर पर धूप के कारण गमछा रखकर घर जा रहे थे. हम ट्रैक क्रॉस कर रहे थे तभी देखे कि पटरा टूटा है. नजर वहीं गई. तभी ट्रेन आने लगी. मैंने सोचा ट्रेन रोक देते हैं. हम गमछा लेकर दौड़े लेकिन इंजन टूटा हुआ लाइन पार कर गई. फिर हम गिर गए और पैर में चोट आ गई. ट्रेन ड्राइवर ने मुझे देखा और ट्रेन को रोक दिया.'- मोहम्मद शाहबाज, ट्रेन रुकवाने वाला बच्चा
टूटी थी पटरी...हो सकता था हादसा: इस दौरान समस्तीपुर की तरफ से आ रही हावड़ा काठगोदाम बाग एक्सप्रेस के लोको पायलट ने बच्चे को देख आनन-फानन ट्रेन को रोका. हालांकि बाघ एक्सप्रेस की इंजन समेत तीन कोच टूटी पटरी को क्रॉस कर चुकी थी, लेकिन ट्रेन की रफ्तार कम होने की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ.
शाहबाज ने रुकवायी ट्रेन: शाहबाज की मानें तो , ट्रेन रुकते ही ड्राइवर ने उससे ट्रेन रोकने की वजह पूछी. वहीं हकीकत देख लोको पायलट ने आनन-फानन इसकी सूचना वरीय अधिकारी को दी. हालात की जानकारी मिलते ही रेलवे की टीम मौके पर पहुंची और टूटी ट्रैक को दुरुस्त कर फिर से परिचालन को बहाल किया गया.
गमछा से खतरे का दिया संकेत: मोहम्मद शाहबाज ने कहा कि उसने कई बार लाल कपड़े के जरिए ट्रेन को रोकने की विधि को देखा था. बहरहाल उसने इसी तरह गमछे के मदद से ट्रेन को रोकने का प्रयास किया. वैसे इस दौरान उसे ट्रैक पर गिरने से चोट भी लगी लेकिन फिर भी हुआ प्रयास करता रहा .
बच्चे को किया गया सम्मानित: इस मामले को लेकर संबंधित रेल डिवीजन की तरफ से किसी तरह का कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन इस बहादुर बच्चे की चर्चा खूब हो रही है. वहीं भाजपा नेता समेत कई अन्य लोगो ने इस बहादुर बच्चे को सम्मानित किया है. इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल जरूर उठ रहा कि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर 24 घंटे पेट्रोलिंग के दावे किए जाते हैं क्या वाकई पेट्रोलिंग की जा रही है?
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