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Rajasthan: रणथंभौर से लापता हुए 25 बाघों में से 11 मिले, 14 की तलाश जारी, 2 माह में रिपोर्ट देगी कमेटी - 14 TIGERS MISSING

रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लापता 14 टाइगर्स की तलाश के लिए कमेटी गठित की गई है. कमेटी 2 माह में रिपोर्ट देगी.

14 Tigers Missing
11 बाघ मिले, 14 की तलाश जारी (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 5, 2024, 6:23 PM IST

भरतपुर: सवाई माधोपुर जिले का रणथंभौर टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों की मौत और उनके लापता होने को लेकर चर्चा में है. टी-86 की मौत के बाद अब रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघों के लापता होने की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन सप्ताह के अंदर इनमें से 11 टाइगर फिर से लौट कर आ गए हैं. रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर का कहना है कि टाइगर रिजर्व से फिलहाल सिर्फ 14 टाइगर लापता हैं, जिनकी जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी दो माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. आइए जानते हैं आखिर टाइगर रिजर्व से बाघ क्यों और कैसे लापता हो रहे हैं.

रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघ लापता हो गए हैं. यह तथ्य वन विभाग की 14 अक्टूबर तक की रिपोर्ट में सामने आया है. इस संबंध में जब सीसीएफ अनूप केआर से बात की तो उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर के बाद 11 टाइगर हमारे कैमरा ट्रैप में फिर से नजर आ गए हैं. ऐसे में अब लापता बाघों की संख्या सिर्फ 14 है. इनमें से कई बाघ ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र औसत से काफी अधिक है.

पढ़ें: Rajasthan: पोस्टमार्टम के बाद हुई टाइगर टी-86 की हत्या की पुष्टि, सीसीएफ बोले- आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

टाइगर रिजर्व से लापता हुए इन बाघों के मामले में जांच के लिए एपीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) राजेश गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है, जिसमें सीसीएफ (वाइल्डलाइफ) जयपुर टी मोहनराज, डीसीएफ (वाइल्डलाइफ) मानस सिंह भी शामिल हैं. यह कमेटी दो माह में लापता बाघों के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसमें बाघों के लापता होने की वजह को तलाशा जाएगा.

पढ़ें: Rajasthan: सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीव चिकित्सालय जल्द शुरू होने की उम्मीद, मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव

सीसीएफ अनूप केआर ने बताया कि अभ्यारण्य से लापता बाघों में से कुछ बाघों की उम्र औसत से अधिक है. कई तो 22-22 साल के भी हैं, जबकि बाघ की औसत आयु 12 से 14 वर्ष होती है. ऐसे में कई बार बाघों की औसत आयु पूरी होने पर जंगल में उनकी प्राकृतिक मौत हो जाती है. बाघ का शव यदि समय पर नहीं मिले तो एक सप्ताह में डीकंपोज हो जाता है और उसे बाद में मिसिंग की श्रेणी में माना जाता है. कई बार बाघ पड़ोसी जिलों और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के जंगलों तक चले जाते हैं, जिसकी वजह से नजर नहीं आते और उन्हें मिसिंग मान लिया जाता है.

पढ़ें: Rajasthan: पर्यटकों को लुभा रहा सरिस्का का युवराज, खूब हो रही ST-21 की साइटिंग

पड़ताल करेगी कमेटी: रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लापता हुए बाघों को लेकर गठित की गई कमेटी इसके पीछे के कारणों का पता लगाएगी. अभ्यारण्य से बाघ किस वजह से लापता हुए, उनकी प्राकृतिक मौत हुई या आपसी संघर्ष में मारे गए, कहीं शिकार हुआ और या फिर कहीं अन्यत्र पलायन कर गए. कमेटी इन सभी पहलुओं पर पड़ताल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

भरतपुर: सवाई माधोपुर जिले का रणथंभौर टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों की मौत और उनके लापता होने को लेकर चर्चा में है. टी-86 की मौत के बाद अब रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघों के लापता होने की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन सप्ताह के अंदर इनमें से 11 टाइगर फिर से लौट कर आ गए हैं. रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर का कहना है कि टाइगर रिजर्व से फिलहाल सिर्फ 14 टाइगर लापता हैं, जिनकी जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी दो माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. आइए जानते हैं आखिर टाइगर रिजर्व से बाघ क्यों और कैसे लापता हो रहे हैं.

रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघ लापता हो गए हैं. यह तथ्य वन विभाग की 14 अक्टूबर तक की रिपोर्ट में सामने आया है. इस संबंध में जब सीसीएफ अनूप केआर से बात की तो उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर के बाद 11 टाइगर हमारे कैमरा ट्रैप में फिर से नजर आ गए हैं. ऐसे में अब लापता बाघों की संख्या सिर्फ 14 है. इनमें से कई बाघ ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र औसत से काफी अधिक है.

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टाइगर रिजर्व से लापता हुए इन बाघों के मामले में जांच के लिए एपीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) राजेश गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है, जिसमें सीसीएफ (वाइल्डलाइफ) जयपुर टी मोहनराज, डीसीएफ (वाइल्डलाइफ) मानस सिंह भी शामिल हैं. यह कमेटी दो माह में लापता बाघों के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसमें बाघों के लापता होने की वजह को तलाशा जाएगा.

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सीसीएफ अनूप केआर ने बताया कि अभ्यारण्य से लापता बाघों में से कुछ बाघों की उम्र औसत से अधिक है. कई तो 22-22 साल के भी हैं, जबकि बाघ की औसत आयु 12 से 14 वर्ष होती है. ऐसे में कई बार बाघों की औसत आयु पूरी होने पर जंगल में उनकी प्राकृतिक मौत हो जाती है. बाघ का शव यदि समय पर नहीं मिले तो एक सप्ताह में डीकंपोज हो जाता है और उसे बाद में मिसिंग की श्रेणी में माना जाता है. कई बार बाघ पड़ोसी जिलों और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के जंगलों तक चले जाते हैं, जिसकी वजह से नजर नहीं आते और उन्हें मिसिंग मान लिया जाता है.

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पड़ताल करेगी कमेटी: रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लापता हुए बाघों को लेकर गठित की गई कमेटी इसके पीछे के कारणों का पता लगाएगी. अभ्यारण्य से बाघ किस वजह से लापता हुए, उनकी प्राकृतिक मौत हुई या आपसी संघर्ष में मारे गए, कहीं शिकार हुआ और या फिर कहीं अन्यत्र पलायन कर गए. कमेटी इन सभी पहलुओं पर पड़ताल कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

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