देहरादून: देश के एकमात्र नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स (NIWS) गोवा के प्रशिक्षक, उत्तराखंड के 18 प्रशिक्षणार्थियों को लाइफ सेविंग और व्हाइट वाटर कयाकिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनमें चार लड़कियां भी शामिल हैं. प्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स को प्रमोट करने के लिए यह एक बड़ी छलांग है.
उत्तराखंड के युवा सीख रहे वाटर स्पोर्ट्स में लाइफ सेविंग टेक्नीक: उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही एडवेंचर टूरिज्म में सेफ्टी मेजरमेंट पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा नेशनल इंस्टिट्यूट आफ वाटर स्पोर्ट्स गोवा के एक्सपर्ट को बुलाकर मदद ली जा रही ही. प्रदेश के 18 युवाओं को गोवा के एक्सपर्ट द्वारा लाइफ सेविंग टेक्नीक एंड व्हाइट वाटर कयाकिंग में निपुण बनाया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि थ्रिल से भरे इस सेक्टर में केवल युवक ही नहीं युवतियां भी बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं. उत्तराखंड में NIWS गोवा द्वारा करवाई जा रही लाइफ सेविंग टेक्नीक एंड व्हाइट वॉटर कयाकिंग की 18 प्रशिक्षकों को 18 नवंबर 2024 से 25 दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है.
गोवा के प्रशिक्षक कर रहे हैं ट्रेंड: यह ट्रेनिंग कार्यक्रम उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाटर गोवा के साथ किए गए एक करार के तहत चलाया जा रहा है. इसे SIDB से वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है. इसी अनुबंध के तहत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के द्वारा NIWS GOA के माध्यम से Life Saving Technique & White Water Kayaking के 25 दिवसीय कोर्स की शुरुआत 18 नवम्बर, 2024 को की गयी जो कि 14 दिसम्बर, 2024 तक चलेगा. इस प्रशिक्षण में NIWS के 04 प्रशिक्षकों द्वारा शिवपुरी और नीमबीच गंगा नदी में White Water Kayaking का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें उत्तराखंड से 14 युवक व 04 युवतियां प्रतिभाग कर रही हैं.
राफ्टिंग के दौरान करेंगे रेस्क्यू कार्य: इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को लेकर उत्तराखंड प्रर्यटन विकास परिषद में साहसिक शाखा के प्रमुख कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि इस प्रशिक्षण को कराये जाने का उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं को ह्वाइट वाटर कयाकर्स बनाना है, जो कि राफ्टिंग के दौरान गाइड बनकर रेस्क्यू सम्बन्धित कार्य करेंगे. इससे राफ्टिंग के दौरान हो रही दुर्घटनाओं में कमी आएगी. इस प्रकार के प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद वे स्वयं का रोजगार भी कर सकते हैं.
ये हैं राफ्टिंग के दौरान सेफ्टी मानक: आपको बता दें कि सेफ्टी मानकों के अनुसार राफ्टिंग के दौरान या तो दो राफ्ट एक साथ होनी चाहिए. या फिर एक राफ्ट के साथ एक कायाकरस होना अनिवार्य है. रात के साथ चलने वाला कयाक हाईली ट्रेंड व्यक्ति होता है, जिसके ऊपर दुर्घटना की स्थिति में पूरी राफ्ट को बचाने की जिम्मेदारी होती है. अब तक उत्तराखंड में कयाकिंग की ट्रेनिंग पाए लोग कम थे. उस तरह का माहौल भी नहीं था. अब धीरे-धीरे सरकार अपने सभी सेफ्टी मेजरमेंट को पूरा करने की दिशा में कदम उठा रही है. इसी के चलते इस साल उत्तराखंड में 200 नए कयाकर तैयार कर दिए जाएंगे, जिन्हें पर्यटन विभाग की एडवेंचर विंग सर्टिफिकेट जारी करेगी.
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