नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कल्याण चौबे को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उन्हें अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के संयुक्त सचिव के पद से मुक्त कर दिया जाए. यह कदम चौबे द्वारा अदालत के आदेशों की कथित अवहेलना और चल रही कानूनी कार्यवाही में सहयोग की कमी के आरोपों के बीच उठाया गया है.
जस्टिस सूर्यकांत और पी.एस. नरसिम्हा ने पाया कि चौबे जानबूझकर अदालत के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं और उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की चेतावनी दी.
कोर्ट ने कहा, 'हम संतुष्ट हैं कि वह जानबूझकर अदालत के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं. अगर वो उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा'.
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि चौबे कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उनके द्वारा दायर चुनाव याचिका में उपस्थित नहीं थे और सहयोग नहीं कर रहे थे.
उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका में, चौबे ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मानिकतला निर्वाचन क्षेत्र से अपने प्रतिद्वंद्वी, अब दिवंगत साधन पांडे के चुनाव को चुनौती दी थी.