नई दिल्ली : फुटबॉल जगत में सुनील छेत्री एक बड़ा नाम है. सुनील इकलौते भारतीय फुटबॉलर हैं, जिनकी तुलना फैंस रोनाल्डो और मेसी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से करते हैं. यह वही खिलाड़ी हैं जिसने भारतीय फुटबॉल को नए मुकाम तक पहुंचाया है.
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को संन्यास लेने का ऐलान किया है. वह कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप क्वालीफायर के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेंगे. जब छेत्री से कोलकाता में घरेलू दर्शकों से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपने फैंस से बड़ी संख्या में स्टेडियम पहुंचने और खेल का आनंद लेने की अपील की.
सुनील छेत्री ने कहा, 'बस आएं और हमें प्रोत्साहित करें. हमारे देश में कई शानदार मैदान हैं जिन्होंने इस खेल को और मजेदार बना दिया, लेकिन इन सब में साल्ट लेक शीर्ष पर है. यह मैदान अविश्वसनीय है. यहां ऐसे प्रशंसक हैं जो मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, मोहम्मडन एससी या स्थानीय क्लबों के समर्थक हैं, लेकिन अजीब बात है कि ये क्लब उस वर्ष कैसा भी प्रदर्शन कर रहे हों, वे राष्ट्रीय टीम के लिए बड़ी संख्या में आते हैं और अपनी टीम को सपोर्ट करते हैं'.
शुक्रवार को एआईएफएफ द्वारा आयोजित किए गए एक वर्चुअल बातचीत में सुनील छेत्री ने आईएएनएस से कहा, 'घबराएं नहीं, मुझे पता है कि यह एक बड़ा मैच है. बड़ी संख्या में यहां आएं और मैच का आनंद लें'.
भारतीय फुटबॉल के 39 वर्षीय दिग्गज खिलाड़ी देश के शीर्ष गोल स्कोरर के रूप में खेल से संन्यास लेंगे. अनुभवी स्ट्राइकर ने ब्लू टाइगर्स के लिए 150 मैच खेले हैं और 94 गोल किए हैं. सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय गोल की सूची में अर्जेंटीना के स्टार लियोनेल मेसी (180 मैचों में 106 गोल) और पुर्तगाल के महान क्रिस्टियानो रोनाल्डो (205 मैचों में 128 गोल) के बाद सुनील छेत्री (150 मैच में 94 गोल) तीसरे स्थान पर हैं.
जब छेत्री से भारत की जर्सी में अंतिम मुकाबले पर उनकी भावनाओं के बारे में पूछा गया, तो कप्तान ने कहा, 'फिलहाल, हम सिर्फ कुवैत के बारे में सोच रहे हैं'.
अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने के फैसले के बारे में छेत्री ने कहा कि वह फिटनेस या उम्र नहीं बल्कि 'मानसिक पहलू' के कारण इस फैसले पर पहुंचे हैं. छेत्री ने कहा, 'संन्यास का फैसला शारीरिक पहलू के कारण नहीं था, मैं अभी भी फिट हूं, दौड़ रहा हूं और कड़ी मेहनत कर सकता हूं, लेकिन मेरे संन्यास लेने के फैसले का कारण मानसिक पहलू है'.