रोहतास: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट के लिए रोहतास के शिवसागर प्रखंड के बड्डी गांव के रहने वाले आकाशदीप का चयन हुआ है. अब आकाशदीप इंग्लैड के खिलाफ अपनी तेज गेंदबाजी का जौहर दिखायेंगे. इससे पहले आकाशदीप आईपीएल में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के लिए खेल चुके हैं. साउथ अफ्रीका दौरे पर गई भारतीय वनडे टीम के लिए भी इनका चयन हुआ था. बड़ी बात यह है कि आकाशदीप को नई एवं पुरानी गेंद से स्विंग हासिल करने में महारत हासिल है.
टीम में तेज गेंदबाज के रूप में हुए शामिल : दरअसल, रोहतास की गलियों में क्रिकेट खेल कर अपनी धार को मजबूत करके आकाशदीप अब इंग्लैंड के खिलाफ तेज गेंदबाजी का प्रतिनिधित्व करेंगे. जिसके लिए आकाशदीप का अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम चयन किया गया है. बड़ी बात यह कि 27 वर्षीय आकाशदीप इंग्लैंड के विरुद्ध आखिरी तीन टेस्ट मैच खेलेंगे. वह 17 सदस्य टीम में चौथे गेंदबाज होंगे. टीम इंडिया में इनके अलावा जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और गोपालगंज के मुकेश कुमार भी गेंदबाज हैं.
टीम इंडिया में चयन के बाद मां से लिया आशीर्वाद : पिता स्व रामजी सिंह के निधन के बाद गांव पर अकेली मां लड्डूमा देवी रहती है. तीन बहनों तथा एक भाई और माता लड्डूमां देवी का यह परिवार गांव में ही रहते हैं. आकाशदीप के तीन बहनों की शादी हो चुकी है. ऐसे में उनकी माता जी अकेले गांव में रहती है. उन्हें जब सूचना मिली कि उनका बेटा का चयन अब भारतीय टीम में टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए हो गया है तो लड्डूमां देवी के खुशी का ठिकाना नहीं रहा है.
"बेटा का प्रतिदिन एक दो बार फोन करता है. फोन पर ही प्रणाम कर अपने लिए आशीर्वाद मांगता है. बचपन में आकाशदीप खेत खलिहान में खेलता था यह तक कि गांव में खेल के मैदान भी नहीं थे. उसकी बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी. उसकी शुरू से ही ख्वाहिश थी कि या तो एक सफल क्रिकेटर बनें या फिर सफल बिजनेस मैन. मेरा आकाशदीप के साथ हमेशा आशीर्वाद है. आगे वह और खेले देश दुनिया मे नाम रोशन करे. एक मां होने पर गर्व है."- लडुमा देवी, आकाशदीप की मां
"कभी सोचा नही था उम्मीद से बढ़कर ख़ुशी मिली है. जिसका कोई ठिकाना नहीं है. बगल में ही हाईस्कूल का मैदान है. इसी मैदान में वह अभ्यास करता था. क्रिकेट का नशा है और जूनन है. उन्हें इसी का प्रतिफल है कि आज उनका टीम इंडिया में सेलेक्शन हुआ है." - श्यामलाल सिंह, आकाशदीप के भाई
"पढ़ाई में भी शुरू से ठीक ठाक थे पर क्रिकेट से एक अलग लगाव था. जब भी देखा बैट और बाल हांथ में पकड़ा रहता था. यहां तक कि पढ़ने भी जाते थे तब भी हाथ मे बैट लिए जाते थे. इधर क्लास चल रहा है, उधर वह मैदान में क्रिकेट खेल रहें हैं. क्रिकेट के शौक व कड़ी मेहनत ने आज उन्हें इस मुकाम पर पहुचाया है."-बिपिन सिंह, बचपन के दोस्त
मेडल व ट्रॉफियों से सजा है आकाशदीप का कमरा: बड्डडी गांव में प्रवेश करते ही आकाशदीप का अपना घर है. घर के दरवाजे पर ही उनकी पसंद वाली कार खड़ी है. हालांकि कार पर धूल पड़ी है. घर मे कमरा आकाशदीप के द्वारा लाए गए मैडल व ट्रॉफियों से सजा है. वहीं कमरे के एक कोने में उनके स्वर्गीय पिता की तस्वीर भी टंगी है.
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