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Exclusive : दिग्गज भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश के परिवार ने उनके स्वर्ण पदक जीतने पर भरोसा जताया - Paris Olympics 2024

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 6, 2024, 5:19 PM IST

Paris Olympics 2024 Exclusive : भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश के परिवार के सदस्यों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय टीम के साथ स्वर्ण पदक जीतने का उनका समर्थन किया है. उनके पिता और मां ने कहा है कि श्रीजेश आगामी मैच जीतकर फ्रांस की राजधानी में स्वर्ण पदक जीतेंगे. पढे़ं पूरी खबर.

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पीआर श्रीजेश (AP Photo)

एरानाकुलम (केरल) : केरल के एरानाकुलम जिले के पल्लिककारा के परट्टू घर में, पीआर श्रीजेश का परिवार अपने बेटे के लिए हॉकी टीम की जीत में हमेशा की तरह अहम भूमिका निभाने की प्रार्थना कर रहा है. लेकिन इस बार दांव ऊंचे हैं क्योंकि भारत पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुष हॉकी स्पर्धा के सेमीफाइनल में जर्मनी से भिड़ने के लिए तैयार है. उनके पिता, पीवी रवींद्रन, उनकी मां उषा, पत्नी अनिसिया, बेटी अनुश्री और बेटे श्रीयांश को पूरा भरोसा है कि उनके प्रिय देश का नाम रोशन करेंगे.

भारतीय फुटबॉल की 'दीवार' पीआर श्रीजेश
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि श्रीजेश के शानदार खेल के प्रति विश्वास उनके शरीर की भाषा से झलक रहा था. परिवार बेसब्री से सेमीफाइनल मुकाबले का इंतजार कर रहा है और प्रार्थना कर रहा है कि भारतीय गोलकीपर स्वर्ण पदक लेकर घर लौटे.

भारतीय गोलकीपर अब तक चार ओलंपिक में देश के लिए खेले हैं. पिछले ओलंपिक में भारत ने टोक्यो खेलों में जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता था. 4 साल बाद देश को हॉकी टीम से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है जिसमें स्वर्ण पदक जीतना भी शामिल है.

किट खरीदने तक के नहीं थे पैसे: श्रीजेश के पिता
श्रीजेश के पिता रवींद्रन ने कहा, 'यह उनका चौथा ओलंपिक है. अब तक केवल 5 भारतीयों को चार ओलंपिक में प्रदर्शन करने का सौभाग्य मिला है. श्रीजेश उनमें से एक हैं. यह उनके लिए वास्तव में सम्मान की बात है. उन्होंने हॉकी से संन्यास की घोषणा पहले ही कर दी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वह पदक के साथ संन्यास लें. जब तक श्रीजेश ने जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में दाखिला नहीं लिया और खेलना शुरू नहीं किया, तब तक हम हॉकी से अनभिज्ञ थे. मैं एक किसान हूं. एक किसान होने के नाते, मुझे उनके खेल के लिए किट और सभी आवश्यक सामान खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इसकी लागत लगभग 10,000 रुपये थी, जो मेरे जैसे किसान के लिए बहुत बड़ी राशि थी. चूंकि वह इन ओलंपिक खेलों के बाद हॉकी से संन्यास ले लेंगे, इसलिए हम चाहते हैं कि वह स्वर्ण पदक के साथ संन्यास लें'.

रोजाना करती हूं जीत के लिए पूजा: श्रीजेश की मां
श्रीजेश की मां उषा ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरे पास पूरा मैच देखने की हिम्मत नहीं है. मैं हर दिन मंदिर जाती हूं और उसके लिए पूजा करती हूं. जब हमारे दोस्त मेरे बेटे के बारे में बात करते हैं, तो मुझे गर्व महसूस होता है. हम उसके और टीम इंडिया के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. हम तनाव में भी हैं. जब पूरी दुनिया हमारे लिए प्रार्थना कर रही है, तो हमें यकीन है कि वह जीतेगा. बहुत सारे मलयाली उसे और भारतीय टीम का समर्थन करने के लिए पेरिस गए थे और वे स्टेडियम के अंदर उनका उत्साहवर्धन करेंगे'.

रिटायरमेंट मैच में करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत
श्रीजेश की पत्नी डॉ. अनिसिया ने कहा कि वह भी सभी की तरह चाहती हैं कि श्रीजेश पेरिस से स्वर्ण पदक लेकर लौटे. उन्होंने कहा, 'अपने रिटायरमेंट मैच में करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत हासिल करने से बड़ी कोई खुशी नहीं है. श्रीजेश हमेशा कहते हैं कि ओलंपिक में किसी भी टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता. श्रीजेश फिटनेस के दीवाने हैं. वे हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं. मुझे यकीन है कि वे अपने रिटायरमेंट मैच में कांस्य पदक को स्वर्ण पदक में बदल देंगे. वे इन मैचों में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. वे हमेशा कहते हैं कि हम किसी भी टीम को कम नहीं आंक सकते. पिछली बार हमने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता था, इसलिए उम्मीदें हैं'.

पिता स्वर्ण लेकर लौटेंगे: श्रीजेश की बेटी
श्रीजेश के बेटे श्रीयांश और बेटी अनुश्री को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उनके पिता स्वर्ण पदक जीतेंगे. अनुश्री ने कहा, 'मेरे दोस्त भी मैच देखेंगे. मैंने अपने दोस्तों से समर्थन करने को कहा है. पिताजी स्वर्ण पदक लेकर लौटेंगे. मैंने उनसे (श्रीजेश) कहा, 'पापा, हमें पहले ही कांस्य पदक मिल चुका है, इसलिए इस बार हमें स्वर्ण या रजत पदक चाहिए'.

वहीं, बेटे श्रीयांश को भी यकीन है कि उनके पिता स्वर्ण पदक जीतेंगे. उन्होंने कहा, 'पिताजी ने पिछले मैच में अच्छा खेले. मैं आज का मैच देखने का इंतजार कर रहा हूं. निश्चित रूप से वे जीतेंगे'.

श्रीजेश के पिता पीवी रविंद्रन और मां उषा कोच्चि के पल्लीकारा स्थित अपने घर में सेमीफाइनल मैच जीतने पर जश्न मनाने का इंतजार है. श्रीजेश ने अपनी पत्नी अनिसिया और बच्चों श्रीयांश और अनुश्री से वादा किया है कि वह पेरिस से स्वर्ण पदक जीतकर लौटेंगे. क्वार्टर फाइनल मैच में श्रीजेश का प्रदर्शन अच्छा रहा.

मां उषा ने कहा कि वह भारतीय टीम की सफलता के लिए प्रार्थना कर रही हैं. खेल खत्म होने तक वह तनाव में रहीं. पूरा मैच देखने का धैर्य उनमें नहीं है. श्रीजेश तिरुवनंतपुरम में केरल सरकार के शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. उनकी पत्नी डॉ. अनिसिया आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं.

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एरानाकुलम (केरल) : केरल के एरानाकुलम जिले के पल्लिककारा के परट्टू घर में, पीआर श्रीजेश का परिवार अपने बेटे के लिए हॉकी टीम की जीत में हमेशा की तरह अहम भूमिका निभाने की प्रार्थना कर रहा है. लेकिन इस बार दांव ऊंचे हैं क्योंकि भारत पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुष हॉकी स्पर्धा के सेमीफाइनल में जर्मनी से भिड़ने के लिए तैयार है. उनके पिता, पीवी रवींद्रन, उनकी मां उषा, पत्नी अनिसिया, बेटी अनुश्री और बेटे श्रीयांश को पूरा भरोसा है कि उनके प्रिय देश का नाम रोशन करेंगे.

भारतीय फुटबॉल की 'दीवार' पीआर श्रीजेश
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि श्रीजेश के शानदार खेल के प्रति विश्वास उनके शरीर की भाषा से झलक रहा था. परिवार बेसब्री से सेमीफाइनल मुकाबले का इंतजार कर रहा है और प्रार्थना कर रहा है कि भारतीय गोलकीपर स्वर्ण पदक लेकर घर लौटे.

भारतीय गोलकीपर अब तक चार ओलंपिक में देश के लिए खेले हैं. पिछले ओलंपिक में भारत ने टोक्यो खेलों में जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता था. 4 साल बाद देश को हॉकी टीम से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है जिसमें स्वर्ण पदक जीतना भी शामिल है.

किट खरीदने तक के नहीं थे पैसे: श्रीजेश के पिता
श्रीजेश के पिता रवींद्रन ने कहा, 'यह उनका चौथा ओलंपिक है. अब तक केवल 5 भारतीयों को चार ओलंपिक में प्रदर्शन करने का सौभाग्य मिला है. श्रीजेश उनमें से एक हैं. यह उनके लिए वास्तव में सम्मान की बात है. उन्होंने हॉकी से संन्यास की घोषणा पहले ही कर दी है, इसलिए हम चाहते हैं कि वह पदक के साथ संन्यास लें. जब तक श्रीजेश ने जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में दाखिला नहीं लिया और खेलना शुरू नहीं किया, तब तक हम हॉकी से अनभिज्ञ थे. मैं एक किसान हूं. एक किसान होने के नाते, मुझे उनके खेल के लिए किट और सभी आवश्यक सामान खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इसकी लागत लगभग 10,000 रुपये थी, जो मेरे जैसे किसान के लिए बहुत बड़ी राशि थी. चूंकि वह इन ओलंपिक खेलों के बाद हॉकी से संन्यास ले लेंगे, इसलिए हम चाहते हैं कि वह स्वर्ण पदक के साथ संन्यास लें'.

रोजाना करती हूं जीत के लिए पूजा: श्रीजेश की मां
श्रीजेश की मां उषा ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरे पास पूरा मैच देखने की हिम्मत नहीं है. मैं हर दिन मंदिर जाती हूं और उसके लिए पूजा करती हूं. जब हमारे दोस्त मेरे बेटे के बारे में बात करते हैं, तो मुझे गर्व महसूस होता है. हम उसके और टीम इंडिया के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. हम तनाव में भी हैं. जब पूरी दुनिया हमारे लिए प्रार्थना कर रही है, तो हमें यकीन है कि वह जीतेगा. बहुत सारे मलयाली उसे और भारतीय टीम का समर्थन करने के लिए पेरिस गए थे और वे स्टेडियम के अंदर उनका उत्साहवर्धन करेंगे'.

रिटायरमेंट मैच में करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत
श्रीजेश की पत्नी डॉ. अनिसिया ने कहा कि वह भी सभी की तरह चाहती हैं कि श्रीजेश पेरिस से स्वर्ण पदक लेकर लौटे. उन्होंने कहा, 'अपने रिटायरमेंट मैच में करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत हासिल करने से बड़ी कोई खुशी नहीं है. श्रीजेश हमेशा कहते हैं कि ओलंपिक में किसी भी टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता. श्रीजेश फिटनेस के दीवाने हैं. वे हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं. मुझे यकीन है कि वे अपने रिटायरमेंट मैच में कांस्य पदक को स्वर्ण पदक में बदल देंगे. वे इन मैचों में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. वे हमेशा कहते हैं कि हम किसी भी टीम को कम नहीं आंक सकते. पिछली बार हमने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीता था, इसलिए उम्मीदें हैं'.

पिता स्वर्ण लेकर लौटेंगे: श्रीजेश की बेटी
श्रीजेश के बेटे श्रीयांश और बेटी अनुश्री को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उनके पिता स्वर्ण पदक जीतेंगे. अनुश्री ने कहा, 'मेरे दोस्त भी मैच देखेंगे. मैंने अपने दोस्तों से समर्थन करने को कहा है. पिताजी स्वर्ण पदक लेकर लौटेंगे. मैंने उनसे (श्रीजेश) कहा, 'पापा, हमें पहले ही कांस्य पदक मिल चुका है, इसलिए इस बार हमें स्वर्ण या रजत पदक चाहिए'.

वहीं, बेटे श्रीयांश को भी यकीन है कि उनके पिता स्वर्ण पदक जीतेंगे. उन्होंने कहा, 'पिताजी ने पिछले मैच में अच्छा खेले. मैं आज का मैच देखने का इंतजार कर रहा हूं. निश्चित रूप से वे जीतेंगे'.

श्रीजेश के पिता पीवी रविंद्रन और मां उषा कोच्चि के पल्लीकारा स्थित अपने घर में सेमीफाइनल मैच जीतने पर जश्न मनाने का इंतजार है. श्रीजेश ने अपनी पत्नी अनिसिया और बच्चों श्रीयांश और अनुश्री से वादा किया है कि वह पेरिस से स्वर्ण पदक जीतकर लौटेंगे. क्वार्टर फाइनल मैच में श्रीजेश का प्रदर्शन अच्छा रहा.

मां उषा ने कहा कि वह भारतीय टीम की सफलता के लिए प्रार्थना कर रही हैं. खेल खत्म होने तक वह तनाव में रहीं. पूरा मैच देखने का धैर्य उनमें नहीं है. श्रीजेश तिरुवनंतपुरम में केरल सरकार के शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. उनकी पत्नी डॉ. अनिसिया आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं.

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