नई दिल्ली : एक छोटे से स्टेडियम से पेरिस की रिंग तक का सफर बॉक्सर निशांत देव के लिए आसान नहीं था. इसके लिए उनकी कड़ी मेहनत और वर्षों का परिवार का सहयोग लगा. ये निशांत की कड़ी मेहनत का ही फल है कि आज वो ओलंपिक में गोल्ड पर पंच लगाने के लिए तैयार हैं. निशांत देव (71 किग्रा) मुक्केबाजी में देश के लिए मेडल लाने के लिए सबसे बड़े उम्मीदवारों में से एक हैं.
करनाल के कर्ण स्टेडियम की रिंग से निशांत ने अपने सफर की शुरुआत की थी और अब ओलंपिक के मंच पर हैं. निशांत के माता पिता और कोच भी उनका मुकाबला देखने के लिए पेरिस पहुंच गए हैं. वहीं, जिन बॉक्सर्स के साथ निशांत ने शुरुआती दौर में प्रैक्टिस की है और काफी समय बिताया है, अब उन सब के लिए निशांत एक प्रेरणा बन गए हैं. हर कोई निशांत को शुभकामनाएं दे रहा है और उनकी तरह ओलंपिक के मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं.
कर्ण स्टेडियम में मौजूद युवा बॉक्सर्स ने बताया कि निशांत देव की मेहनत रंग लेकर आई है. धूप हो या बारिश उन्होंने पूरी मेहनत की और यहां तक पहुंचे हैं. निशांत देव 71 किलोग्राम वर्ग में बॉक्सिंग करते हैं और इससे पहले जब वर्ल्ड चैंपियनशिप थी तो उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
निशांत देव ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में क्यूबा के बॉक्सर को चारों खाने चित कर दिया था, ये उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. निशांत के पंच से एक और मेडल कुछ ही मैच की दूरी पर है. पहले मुकाबले में उन्हें बाई मिल गई है जबकि दूसरा मुकाबला उनका 1 अगस्त को खेला जाएगा, जिसको लेकर वो पूरी तरह तैयार हैं. उम्मीद है कि भारत की झोली में पदक डालने में निशांत की भूमिका रहेगी.
जूनियर बॉक्सिंग कोच रवि ने निशांत के शुरुआती दिनों पर कहा, 'निशांत देव ओलंपिक में गोल्ड लेकर देश लौंटेगे. वो एक अच्छे स्वभाव का लड़का है. उसने 3-4 साल बेसिक ट्रेनिंग यही ली है. हमें उनसे काफी उम्मीदें हैं. सिर्फ निशांत ही नहीं हमारे यहां और भी खिलाड़ी जल्द ओलंपिक में नजर आएंगे, खास तौर पर यहां कई ऐसी लड़कियां है जो भविष्य में देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड लाएंगी.
एक युवा बॉक्सर तमन्ना ने कहा कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारे यहां से निशांत भैया ओलंपिक खेल रहे हैं. हमें पूरा विश्वास है कि निशांत भैया गोल्ड जीतेंगे. मैं भी पिछले 6 साल से प्रैक्टिस कर रही हूं. मेरा और मेरे परिवार का भी यही सपना है कि मैं भी ओलंपिक में जाऊं और गोल्ड जीतूं.
एक अन्य युवा बॉक्सर आंचल ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि निशांत भैया ओलंपिक खेल रहे हैं. मुझे भी ढाई साल हो गए प्रैक्टिस करते हुए और मेरी आइडल मेरी कॉम हैं. मेरा सपना भी निशांत भैया की तरह ओलंपिक खेलना है, क्योंकि अब लड़कियां सिर्फ घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हर चीज में आगे बढ़ रही हैं.