नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को बुधवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के स्वर्ण पदक मैच से अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि बुधवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में अंतिम मुकाबले की सुबह उनका वजन 100 ग्राम अधिक था. अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश ने दो मामलों में अपील की. पहली याचिका में उन्हें स्वर्ण पदक मुकाबले की शुरुआत से पहले वजन करने की अनुमति देने की मांग की गई थी, जबकि दूसरी याचिका में उन्हें संयुक्त रजत पदक देने की मांग की गई थी, क्योंकि उन्होंने मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान निर्धारित वजन सीमा के भीतर इसे अर्जित किया था.
सीएएस (कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट) ने पहली याचिका को तुरंत खारिज कर दिया, लेकिन गुरुवार को दूसरी याचिका को स्वीकार कर लिया और शुक्रवार शाम को सुनवाई की और शनिवार को रात 9:30 बजे परिणाम घोषित होने की उम्मीद है.
हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब भारतीय एथलीट को ओलंपिक में आयोजनों से अयोग्य घोषित किया गया हो. देश में लगभग 10 एथलीटों को प्रमुख खेल आयोजनों से अयोग्य घोषित किया जा चुका है. तो चलिए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं और उन एथलीटों के बारे में जानते हैं, जिनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक छीन लिए गए हैं.
एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक में पदक छीने गए भारतीयों की सूची
परवीन हुड्डा: परवीन हुड्डा शुरू में 2024 ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय दल का हिस्सा थीं और उन्हें 57 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करना था. हालांकि, बाद में डोपिंग में फंसने के कारण परवीन को अंतरराष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (ITA) द्वारा निलंबित कर दिया गया और निलंबन के बाद उनसे 2022 हांग्जो एशियाई खेलों का कांस्य पदक भी छीन लिया गया. उनके निलंबन के बाद भारत ने एक ओलंपिक कोटा खो दिया, जिसे बाद में जैस्मीन लेम्बोरिया ने थाईलैंड में दूसरे ओलंपिक क्वालीफायर में जीत हासिल करके जीता.
सीमा अंतिल: भारत की डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) खिलाड़ी सीमा अंतिल, जो चार बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता रही हैं, उनसे 2002 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक छीन लिया गया था तथा राष्ट्रीय महासंघ ने उन्हें सार्वजनिक चेतावनी जारी की थी, क्योंकि उन्हें स्यूडोएफेड्रिन नामक दवा के सेवन का दोषी पाया गया था, जिसका उपयोग अक्सर नाक/साइनस की सूजन कम करने वाली तथा उत्तेजक दवा के रूप में किया जाता है.
सुनीता रानी: भारत की लंबी दूरी की धावक सुनीता रानी, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हैं, जो कि चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हैं. उनसे भी 2002 एशियाई खेलों में स्वर्ण (1,500 मीटर दौड़) और कांस्य (5,000 मीटर) पदक छीन लिया गया, क्योंकि वह डोपिंग परीक्षण में विफल रहीं, हालांकि, जांच के बाद पदक बहाल कर दिए गए.
अनिल कुमार और नीलम सिंह: अर्जुन पुरस्कार विजेता और डिस्कस थ्रोअर अनिल कुमार और नीलम सिंह, जो राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट थीं, जो डोपिंग के लिए दो साल का निलंबन दिया गया. दोनों को क्रमशः नैंड्रोलोन के व्युत्पन्न नोरेंड्रोस्टेरोन और पेमोलाइन के लिए सकारात्मक पाया गया. अनिल कुमार को इंचियोन में एशियाई चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनका कांस्य पदक छीन लिया गया जबकि नीलम से मैनचेस्टर में राष्ट्रमंडल खेलों में उनका रजत पदक छीन लिया गया.
शांति सौन्दरजन: शांति सौन्दरजन, जो महाद्वीपीय खेलों में पदक जीतने वाली पहली तमिल महिला हैं. उन्होंने 2006 के दोहा एशियाई खेलों में महिलाओं की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था. इसके बाद में लिंग परीक्षण में विफल होने के कारण उनसे पदक छीन लिया गया.
सौरभ विज: शॉट पुटर सौरभ विज ने 2012 एशियाई इनडोर खेलों में रजत पदक जीता था और 2010 में नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में जगह बनाई थी. एशियाई खेलों के एक महीने बाद, उन्हें प्रतिबंधित उत्तेजक पदार्थ मिथाइलहेक्सेनेमाइन के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया और दो साल का प्रतिबंध लगाया गया. हालांकि, भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने उन्हें कुछ ही हफ्तों में बरी कर दिया और उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने की अनुमति दे दी गई.
हरिकृष्णन मुरलीधरन, मंदीप कौर, सिनी जोस, अश्विनी अकुंजी: 2011 में भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने छह महिला एथलीटों पर एक साल का प्रतिबंध लगाया, जिसमें 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में 4x400 मीटर रिले में तीन स्वर्ण पदक विजेता, के साथ ही लंबी कूद खिलाड़ी हरिकृष्णन मुरलीधरन शामिल थीं. प्रतिबंधित एथलीटों में मंदीप कौर, सिनी जोस और अश्विनी अकुंजी शामिल थीं, जो सभी 4x400 रिले टीम का हिस्सा थीं. अकुंजी को कोबे, जापान में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप से पहले एनाबॉलिक स्टेरॉयड के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था. जोस ने एनाबॉलिक स्टेरॉयड मेथेन्डिएनोन के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, और मंदीप ने मेथेन्डिएनोन और स्टैनोज़ोलोल के लिए सकारात्मक परीक्षण किया.