नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 के बीच विवादों में घिरी अल्जीरिया की इमान खलीफ ने स्वर्ण पदक जीत लिया है. इमान ने 66 किग्रा वर्ग में चीनी बॉक्सर विश्व चैंपियन यांग लियू को 5-0 से हराकर पेरिस 2024 में ओलंपिक महिला मुक्केबाजी का स्वर्ण पदक जीता. गोल्ड जीतने के बाद इमान रो पड़ी इसके बाद उनके सहयोगी स्टाफ ने खलीफ को कंधे पर उठा लिया.
Imane Khelif crying after getting her gold medal 🥹 She deserves it so much pic.twitter.com/K62irrJRsb
— Women Posting W's (@womenpostingws) August 10, 2024
इमान खलीफ की मौजूदा उम्र 25 साल है. पिछले 8 साल से वह ओलंपिक मेडल के लिए अथक मेहनत कर रही थीं. इस दौरान उन्हें कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. फाइनल मैच के बाद बोलते हुए महिला मुक्केबाज ने कहा कि 'यह पिछले 8 सालों से मेरा सपना था और अब मैं एक ओलंपिक चैंपियन और स्वर्ण विजेता हूं. मेरी सफलता ने मुझे और अधिक शांति दी है.
हाल ही में अपने लिंग को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा, 'हम ओलंपिक में एथलीट के रूप में प्रदर्शन करने के लिए हैं और मुझे उम्मीद है कि हमें भविष्य में ओलंपिक में इस तरह के विवाद नहीं देखने को मिलेंगे.
पेरिस ओलंपिक की यात्रा कठिन थी
इमान खलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक तक का सफर बहुत कठिन था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष होने के कारण काफी ट्रोल किया गया. उनका काफी विरोध हुआ, यहां तक कि उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग भी की गई. इन सब बातों को झेलते हुए खलीफ का ध्यान अपने मैचों पर केंद्रित रहा. हालांकि फाइनल में उन्हें काफी समर्थन मिलता नजर आया. फाइनल मैच के दौरान कई प्रशंसक उनके नाम के नारे लगा रहे थे. जीत के बाद खलीफ ने समर्थन करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। इस दौरान वह काफी इमोशनल नजर आईं.
खलीफ ने रचा इतिहास
बॉक्सिंग के फाइनल में सभी जजों की सर्वसम्मति से जीत हासिल कर इमान ने इतिहास भी रच दिया है. क्योंकि वह मुक्केबाजी में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली अफ्रीका और अरब दुनिया की पहली महिला बन गईं. खलीफ ने अपने विरोधी के खिलाफ शुरुआत में ही आक्रमक रवैये से नियंत्रण हासिल कर पहले दो राउंड में बढ़त बना ली.
सभी जजों ने खलीफ के पक्ष में सुनाया फैसला
जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, चीनी मुक्केबाद यांग ने स्कोर के अंतर कम करने की कोशिश की. इसके साथ ही उम्मीद में अपनी आक्रामकता बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन खलीफ की बेहतर तकनीक और दृढ़ संकल्प पर काबू पाना उनके लिए बहुत मुश्किल साबित हुआ. अंतिम राउंड में, खलीफ ने एक बार फिर शानदार पंच किए और उसने सभी पांच जजों के स्कोरकार्ड पर हर राउंड जीता.
खलीफ के लिए यह ओलंपिक जीत न केवल व्यक्तिगत जीत थी, बल्कि प्रतीकात्मक भी थी. उनको एक साल पहले लिंग पात्रता विवाद के कारण विश्व चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इटली की खिलाड़ी के खिलाफ अपने मैच के दौरान वह एक बार विवादों में आ गई थी और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इटली की खिलाड़ी एक दो पंच के बाद ही मुकाबले से हट गई थी और उनके वापस हटने के बाद इमान खलीफ को विजेता घोषित किया गया था.