अमृतसर (पंजाब) : पेरिस ओलंपिक में शानदार खेल का प्रदर्शन करने वाली स्टार भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आज सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) पहुंचकर माथा टेकते हुए गुरु का धन्यवाद किया. इस अवसर पर विनेश ने दरबार साहिब में माथा टेका और गुरबाणी कीर्तन करते हुए खुशहाली की अरदास की. इस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने विनेश फोगाट को सम्मानित किया. तख्त श्री दमदमा साहिब से जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी वहां मौजूद थे.
यहां आना मेरा सपना था: विनेश फोगाट
पत्रकारों से बातचीत करते हुए 30 वर्षीय पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि सचखंड श्री दरबार साहिब में जाकर माथा टेकना उनके दिल का सपना था और आज उनका सपना पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि मुझे यहां आकर अच्छा लग रहा है, मेरी इच्छा है कि भगवान मुझे यहां बुलाएं. विनेश ने कहा कि उनकी एक ही प्रार्थना है कि देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े. भगवान भी उन्हें शक्ति दे ताकि वे मजबूत बने रहें.
विनेश हर सम्मान की हकदार
वहीं तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि विनेश फोगाट ने भारत का नाम रोशन किया है, इसीलिए आज उन्हें सम्मानित किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार भी विनेश ओलंपिक से हारकर नहीं, बल्कि जीतकर आई हैं. इस कारण वे हर सम्मान की हकदार हैं.
पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक से चूकीं
बता दें कि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा से अयोग्य ठहराया गया था, क्योंकि स्वर्ण पदक मुकाबले की सुबह उनका वजन निर्धारित वजन से 100 ग्राम अधिक पाया गया था. इस घटना के बाद, उन्होंने कोर्ट फॉर आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए, जिसे कोर्ट ने 14 अगस्त को एक लाइन के बयान के साथ खारिज कर दिया था. फिर वतन वापसी पर उनका जोरदार स्वागत हुआ था.