नई दिल्ली: भारतीय महिला मुक्केबाजी निकहत जरीन ने पेरिस ओलंपिक 2024 के प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना दर्ज जाहिर किया है. भारत के स्टार बॉक्सर को ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद थी लेकिन वो पूरी नहीं हो पाई, अब हार के बाद उनका दर्ज छलक आया है, उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में 50 किग्रा महिला मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता में शीर्ष वरीयता प्राप्त एशियाई खेलों की चैंपियन चीन की वू यू से हार मिली थी, इसकी के साथ वो बाहर हो गईं थी.
कड़ी मेहनत के बाद मेरा सपना टूट गया - जरीन
ओलंपिक का सपना जो मैंने इतने लंबे समय से संजोया था, वह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने उम्मीद की थी. अनगिनत घंटों की ट्रेनिंग, त्याग और दृढ़ निश्चय के बाद, यह पल मेरे हाथ से फिसल गया. यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन हार है, यह बहुत गहरा और लगभग असहनीय है. मेरा दिल भारी है, लेकिन यह टूटा नहीं है. मैं इसे विनम्रता से स्वीकार करती हूं और अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की पूरी कोशिश करूंगी.
The Olympic dream I’ve cherished for so long didn’t unfold as I had hoped. After countless hours of training, sacrifices, and unwavering determination, this moment slipped through my fingers. This defeat is the hardest I’ve ever faced; it cuts deep and is almost unbearable. My… pic.twitter.com/qfsWUCwooP
— Nikhat Zareen (@nikhat_zareen) August 3, 2024
ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था, और मैंने यहां तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी थी, एक साल की चोट से जूझना, अपना स्थान वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए संघर्ष करना और अनगिनत बाधाओं को पार करना, यह सब इस वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के मौके के लिए था.
मैं फिर से वापसी करुंगी - जरीन
मैं अपने सपने को पूरा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हूं, लेकिन नियति ने कुछ और ही योजना बनाई थी. यहां पेरिस में इसे हासिल न कर पाना विनाशकारी है. काश मैं समय को पीछे मोड़ पाती और एक अलग परिणाम के लिए और भी अधिक प्रयास कर पाती, लेकिन यह एक इच्छा ही रह गई.
मैं वादा करती हूं कि यह अंत नहीं है. मैं ठीक होने और अपने दिमाग को शांत करने के लिए घर लौटूंगी. यह सपना अभी भी जीवित है और मैं नए जोश के साथ इसका पीछा करना जारी रखूंगी. यह अलविदा नहीं है, बल्कि वापस लौटने, और भी कठिन संघर्ष करने और आप सभी को गौरवान्वित करने का वादा है. मेरे साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद. यात्रा जारी है.