नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट खेलने की प्रतिबद्धता पूरा नहीं करने के कारण केंद्रीय अनुबंध नहीं देने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ खिलाड़ियों को तकलीफ होगी तो होने दो क्योंकि देश से बढ़कर कोई नहीं है. कपिल ने साथ ही कहा कि यह प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्राफी को बचाये रखने के लिए जरूरी कदम है.
इशान किशन और श्रेयस अय्यर को बुधवार को 2023-24 सत्र के लिए बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर कर दिया गया था. इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया मिल रही हैं जिसमें कीर्ति आजाद और इरफान पठान ने इन दोनों खिलाड़ियों का समर्थन किया है. कपिल ने किसी का नाम लेने से बचते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट की अहमियत बरकरार रखने के लिए बीसीसीआई को फैसला लेना ही था.
कपिल देव ने कहा, ‘हां, कुछ खिलाड़ियों को परेशानी होगी. कुछ लोगों को तकलीफ होगी, होने दो लेकिन देश से बढ़कर कोई नहीं है. बहुत अच्छा फैसला. मैं बीसीसीआई को घरेलू क्रिकेट का दर्जा बचाने के मद्देनजर जरूरी कदम उठाने के लिए बधाई देता हूं. मुझे यह देखकर दुख होता था कि एक बार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को स्थापित कर लेते हैं तो वे घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना बंद कर देते थे’
कपिल ने आगे कहा कि, 'यह संदेश पहले ही दिया जाना चाहिए था. बीसीसीआई का यह कड़ा कदम है जो घरेलू क्रिकेट की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए फायदेमंद होगा. मैं हमेशा से इस प्रक्रिया में भरोसा करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने संबंधित राज्य के लिए खुद को उपलब्ध करायें. इससे घरेलू खिलाड़ियों को उनका समर्थन मिलने से मदद मिलती है. साथ ही यह राज्य संघ द्वारा दी गयी सेवाओं को वापस लौटाने का भी अच्छा तरीका है. मैं खुश हूं कि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों की पेंशन की राशि बढ़ा दी है जो उनके लिए फायदेमंद रहेगी जिनका परिवार पेंशन पर निर्भर है’.
बीसीसीआई ने केंद्रीय अनुबंध की घोषणा करते हुए खिलाड़ियों से घरेलू प्रतियोगिताओं को अहमियत देने का आग्रह किया था. कपिल ने साथ ही माना कि स्थापित हो चुके स्टार खिलाड़ियों का दायित्व है कि वे घरेलू क्रिकेट खेले क्योंकि उन्हें अपने संबंधित राज्यों की ओर से खेलते हुए ही सफलता मिली है.