नई दिल्ली : भारत के पंजाब राज्य के बरनाला जिले के गांव काहनेके निवासी 20 वर्षीय अक्षदीप सिंह ओलंपिक में भारत का ओपन रेस वॉकिंग स्पर्धा में प्रतिनिधित्व करने के लिए पेरिस पहुंच गए हैं. अक्षदीप का छोटे से गांव से पेरिस तक पहुंचने का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है. उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में 10 साल लगे हैं. वह अपने शुरुआती दौर में वर्ष 2014-15 के दौरान रजवाहे ट्रैक पर अभ्यास करते थे. इसके बाद उन्होंने बाबा काला मेहर स्टेडियम में अभ्यास किया.
इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण में करीब 4 साल तक तैयारी की. अक्षदीप ने ओपन रेस वॉकिंग में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ते हुए 20 किलोमीटर ओपन रेस वॉकिंग को मात्र 1 घंटा 19 मिनट 38 सेकंड में पूरा कर स्वर्ण पदक जीता. इससे पहले उसका भारतीय रिकॉर्ड 1 घंटा 19 मिनट 55 सेकंड का था. अक्षदीप के परिवार के साथ-साथ कोच जसप्रीत सिंह सभी उनसे ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद लगाए हुए हैं. तैयारी के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई 11 लाख रुपये की सहायता ने भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है.
बता दें कि, इससे पहले पंजाब के बरनाला जिले के दो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय खेलों में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं. 1971 के एशियाई खेलों के दौरान हाकम सिंह भट्टल ने ओपन रेस वॉकिंग में स्वर्ण पदक जीता था और 2006 में मेलबर्न में राष्ट्रमंडल खेलों में हरप्रीत हैप्पी ने मुक्केबाजी में रजत पदक जीता था. अक्षदीप सिंह ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले जिले के पहले खिलाड़ी हैं.