पंचकुला (हरियाणा) : भाला फेंक खिलाड़ी डीपी मनु को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के निर्देश पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने प्रतियोगिताओं से दूर रहने के लिए कहा है क्योंकि ओलंपिक का टिकट पक्का करने के करीब पहुंच चुका यह खिलाड़ी डोपिंग के संदेह में है.
एशियाई चैम्पियनशिप 2023 में रजत पदक जीतने वाले 24 साल के इस खिलाड़ी का विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से ओलंपिक क्वालीफिकेशन लगभग निश्चित था. इस मामले के सामने आने के बाद हालांकि उनका पेरिस ओलंपिक की दौड़ से बाहर होना लगभग तय है. वह यहां गुरुवार से शुरू हुई राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप के लिए शुरुआती प्रवेश सूची में थे. लेकिन बाद में जारी की गई सूची से उनका नाम हटा दिया गया.
एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने 'पीटीआई' को बताया कि नाडा ने महासंघ से मनु को प्रतियोगिताओं से रोकने के लिए कहा है लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की कि एथलीट ने डोपिंग अपराध किया है या नहीं. सुमरिवाला ने कहा, 'ऐसा कुछ हो सकता है, लेकिन हम अभी नहीं जानते कि वास्तविक कारण क्या है. कल एएफआई कार्यालय (नाडा से) को एक फोन आया था कि उसे (मनु को) प्रतियोगिताओं से रोक दिया जाए'.
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा कोई विवरण (किस तरह के संभावित उल्लंघन पर) नहीं दिया गया है. मुझे लगता है कि एथलीट (डीपी मनु) खुद नाडा से पता लगा रहा है कि इसके पीछे क्या कारण है'.
मनु 15 से 19 मई तक भुवनेश्वर में फेडरेशन कप में 82.06 मीटर के थ्रो के साथ ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 1 जून को ताइपे शहर में ताइवान एथलेटिक्स ओपन में 81.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था.
मनु विश्व एथलेटिक्स 'रोड टू पेरिस' सूची में 15वें स्थान पर थे और पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की राह पर थे क्योंकि 32 एथलीट पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करेंगे. क्वालिफिकेशन की अंतिम तिथि 30 जून है.
चोपड़ा और किशोर जेना ने 85.50 मीटर के क्वालीफाइंग मानक को हासिल कर पहले ही ओलंपिक के लिए स्वत: योग्यता हासिल कर चुके है. ओलंपिक के किसी ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में एक देश में अधिकतम तीन एथलीट भाग ले सकते हैं.