श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : कश्मीर की महिलाएं जहां कला, साहित्य, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा से लेकर अन्य क्षेत्रों में अपना हुनर दिखा रही हैं, तो वहीं वो क्रिकेट के क्षेत्र में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कश्मीर की उभरती हुई महिला क्रिकेटर रौनक जहां खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपना जुनून जाहिर किया. वो बचपन से ही क्रिकेट को पसंद करती हैं और क्रिकेट केल रहीं हैं. वो बचपन में स्थानीय मैदानों या गलियों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी, क्योंकि यहां लड़कियों के लिए खेलने के कोई अवसर नहीं थे, किसी महिला क्रिकेट टीम के होने की तो बात ही छोड़ दें.
जहां ने बताया किया कि उन्हें एक दोस्त के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय टीमों के लिए ट्रायल के बारे में पता चला और उन्होंने इसे आजमाने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने अंडर-19 ट्रायल में क्वालीफाई किया और अंततः उन्हें अपना पहला राष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला. इस अनुभव ने उन्हें काफी कुछ सिखाया. अब वो एक स्ट्रीट क्रिकेटर से पेशेवर क्रिकेटर में परिवर्तित हो गईं हैं.
जहां ने अपनी यात्रा पर विचार करते हुए अन्य राज्यों की तुलना में कश्मीर में बुनियादी ढांचे, मैदानों और सुविधाओं पर जोर दिया. इससे पता चलता है कि कश्मीर को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वो सफल होने के लिए कठिन मेहनत कर रहीं हैं. वो अपनी पहचान बनाने की के लिए वर्तमान में अंडर-23 के ट्रायल से गुजर रहीं हैं.
जहां ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि वो लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने और लगातार अभ्यास के माध्यम से धीरे-धीरे अपने गेंदबाजी को बेहतर बना पाईं. उन्होंने शुरुआत में केवल गेंदबाजी पर ध्यान दिया और अपनी गेंदबाजी बेहतर करने के बाद अब उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को भी बेहतर कर लिया है. वह एक ऑलराउंडर बनने और क्रिकेट में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं.
जहां ने अपने गृहनगर श्रीनगर में महिला क्रिकेटरों के लिए सीमित सुविधाओं के बारे में भी बात की है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वो अभ्यास के लिए लगभग 50 किलोमीटर की यात्रा करती हैं. संसाधनों की कमी के बावजूद वो न केवल अपने लिए बल्कि अपने माता-पिता और देश को गौरवान्वित करने के लिए अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना चाहती हैं.
जहां उन आलोचनाओं को स्वीकार करती है जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है लेकिन उसे अपने परिवार और खासकर अपने पिता के समर्थन मिला है. जो हर कदम पर उसके साथ खड़े हैं. जहां ने कहा मैं उनके समर्थन के लिए आभारी, वह खुद को भाग्यशाली मानती है. वो कश्मीर में महिला क्रिकेटर्स को आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हैं.