नई दिल्ली: प्रसिद्ध भारतीय वकील हरीश साल्वे, पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का प्रतिनिधित्व करेंगे. विवाद के कानूनी और प्रक्रियात्मक पहलुओं को संबोधित करने में साल्वे की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण होगी.
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसल साल्वे ने समाचार एजेंसी एएनआई को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्हें कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में फोगाट का प्रतिनिधित्व करने के लिए IOA की ओर से नियुक्त किया गया है. जानकारी के मुताबिक, विनेश के लिए साल्वे के अलावा पेरिस बार के चार वकील भी होंगे जो उनका प्रतिनिधित्व करेंगे.
CAS में तदर्थ सुनवाई शुक्रवार यानी आज पेरिस के समयानुसार सुबह 9:00 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे) शुरू होने वाली है. CAS ने ओलंपिक के दौरान मामलों को संभालने के लिए अध्यक्ष माइकल लेनार्ड के नेतृत्व में पेरिस में एक तदर्थ प्रभाग की स्थापना की है. यह प्रभाग 17वें अरोन्डिसमेंट में पेरिस न्यायिक न्यायालय के भीतर स्थित है.
पेरिस ओलंपिक के फाइनल से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा की. एक्स पर एक भावुक पोस्ट में, फोगट ने हार और कृतज्ञता की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि मां कुश्ती मुझसे जीत गई, मैं हार गई. मुझे माफ कर दो, तुम्हारा सपना और मेरी हिम्मत टूट गई. अब मुझमें और ताकत नहीं है. अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं हमेशा आप सभी की माफी के लिए ऋणी रहूंगी.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने फोगाट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए प्रतिक्रिया दी. एएनआई से बात करते हुए, सिंह ने जोर देकर कहा कि फोगाट की घोषणा जल्दबाजी में की गई लगती है और सुझाव दिया कि उन्हें भारत लौटने पर अपने परिवार, महासंघ और अन्य खेल अधिकारियों के साथ अपने संन्यास पर चर्चा करनी चाहिए. उन्होंने खेल में उनके महत्वपूर्ण योगदान और प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह का फैसला लेना जल्दबाजी होगी.