नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत में अब केवल 7 दिनों का समय बाकी है. 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक आपको देश और दुनिया भर के 10,500 एथलीटों का जलवा ओलंपिक खेलों में देखने के लिए मेलगा, लेकिन इन खिलाड़ियों ने कैसे ओलंपिक खेलों में जगह बनाई और इन खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों के लिए चयन कैसे होता है, आज हम आपको इस बारे में बताने वाले हैं.
ओलंपिक खेलों के लिए एथलीट कैसे चुने जाते हैं
ओलंपिक खेलों के लिए चुने जाने की संभावना अधिकांश एथलीटों का सपना है. इस तरह के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कई वर्षों के समर्पित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. खेलों के लिए क्वालीफाई प्राप्त करने वाले एथलीट खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक मान सकते हैं. वे पदक जीतें या न जीतें, वे ओलंपियन बनेंगे. खेलों में भाग लेना अधिकांश प्रतियोगियों के लिए मायने रखता है, अपने देश का प्रतिनिधित्व करने और उद्घाटन समारोह में अपने झंडे के पीछे मार्च करने का सम्मान, शीर्ष एथलीटों के साथ घुलना-मिलना और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अवसर मिलना. ओलंपिक खेलों की भावना यही है.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय समितियां पर निर्भर करता है चुनाव
ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए एथलीटों को ओलंपिक चार्टर और अपने खेल के लिए जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय महासंघ (आईएफ) के नियमों का पालन करना होता है. आईएफ योग्यता कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जबकि एथलीट के देश की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) एथलीटों को खेलों में प्रवेश देने के लिए जिम्मेदार होती है.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ में मौजूद 206 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां को ओलंपिक के उदघाटन समारोह से एक साल पहले एक नोटिस भेजती है. इसके बाद राष्ट्रीय समितियां अपने-अपने देशों से एथलीटों की एक लिस्ट तैयार कर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ को भेजती हैं. इस लिस्ट के आधार पर अंतरराषट्रीय ओलंपिक संघ तय करता है कि किस एथलीट का चयन होना चाहिए और किसका नहीं होना चाहिए.
कोटा सिस्टम के तहत भी मिलती है जगह
राष्ट्रीय समिति कई बार कोटा सिस्टम का भी इस्तेमाल करती हैं और उसके आधार पर तय करती है कि कौनसा एथलीट ओलंपिक में जाएगा कौनसा नहीं. कोटा सिस्टम कुश्ती और शूटिंग बहुत ही पुराने समय से चलता चला आ रहा है, इसके खिलाड़ी के हालिया प्रदर्शन और प्रतियोगिता जीतने से तय होता है कि वो ओलंपिक में जाएगा या नहीं. इसके चलते कभी-कभी कई होनहार खिलाड़ी ओलंपिक खेलने से चूक जाते हैं.
खेलों के हिसाब से एक मापदंड़ तय किया जाता है, जिसे पार करने वाली खिलाड़ी को कोटा हासिल हो जाता है. क्वालीफिकेशन मार्क को हासिल ना करने वाले एथलीट क्वालीफाई नहीं कर पाते हैं. इसके अलावा वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर भी कई खिलाड़ी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लते हैं.
ओलंपिक क्वालिफिकेशन के कुछ अन्य बिंदु
- एक से ज्यादा राष्ट्रीयता वाले एथलीट अपनी पसंद के देश के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. हालाँकि, अगर वे पहले से ही खेलों या किसी अन्य प्रमुख खेल आयोजन में किसी एक देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, तो वे तीन साल बीत जाने से पहले किसी दूसरे देश के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते है.
- ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, सिवाय उस सीमा के जो स्वास्थ्य कारणों से व्यक्तिगत आईएफ द्वारा लगाई जाती है. घुड़सवारी, तलवारबाजी और नौकायन जैसे कुछ खेलों में एथलीट बहुत लंबे ओलंपिक करियर का आनंद ले सकते हैं, कभी-कभी 40 साल तक भी वो भाग ले सकते हैं.
- ओलंपिक खेलों में भाग लेकर एथलीट ओलंपिक मूल्यों का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जताते हैं और डोपिंग परीक्षण से गुजरने के लिए सहमत होते हैं. खेलों के दौरान, परीक्षण आईओसी और उसके मेडिकल आयोग के अधिकार के तहत किए जाते हैं.
- खेलों से पहले या खेलों के दौरान परीक्षण किए जा सकते हैं. व्यक्तिगत खेलों के लिए प्रत्येक एथलीट पर परीक्षण किए जाते हैं जो प्रत्येक स्पर्धा में शीर्ष पांच में आता है. इसके साथ ही दो अन्य एथलीट (हीट्स या फाइनल में) रेंडम रूप से चुने जाते हैं.
- टीम खेलों या अन्य खेलों के लिए जिनमें टीमों को पुरस्कृत किया जाता है, ओलंपिक खेलों की पूरी अवधि के दौरान परीक्षण किया जाता है.