नई दिल्ली : दुनिया के अधिकतम क्रिकेट मैच में स्पोर्ट्स सिटी मेरठ के बने उत्पाद जाते हैं, लेकिन उन्हीं में से जो सबसे बड़ा नाम है वह है सैनस्पेरिल ग्रीनलैंड्स (SG ). शॉर्ट में इसे 'एस जी' के नाम से जाना जाता है. इस कम्पनी की 3 रंग की गेंद हैं जो कि चाहे गेंदबाज हो, चाहे बल्लेबाज सभी को अपना दीवाना बना लेती है. आइये आज जानते हैं विश्व स्तरीय इस कम्पनी की बनी गेंद के बारे में.
एस जी क्रिकेट गेंदों का जलवा
उत्तर प्रदेश के मेरठ को स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर जाना जाता है, यहां के बने खेल उत्पाद दुनिया भर में पसंद किए जाते हैं, इतना ही नहीं क्रिकेट के जो बड़े तमाम टूर्नामेंट होते हैं वहां हर पिच पर मेरठ के बने बल्ले और गेंद की बादशाहत रहती है. आज हम बात क़र रहे हैं उस कम्पनी के बारे में जो दुनिया भर में चर्चित है इस कम्पनी की गेंद न सिर्फ बॉलर को पसंद है बल्कि बैट्समैन भी इस बल पर खूब चौके छक्के जड़ते देखे जा सकते हैं.
हम बात क़र रहे हैं एस जी (सैनस्पेरिल्स ग्रीनलैंड्स) कम्पनी के बारे में. क्रिकेट के उत्पाद बनाने वाली यह एक ऐसी कम्पनी है, जिसको बेहद ही पसंद किया जाता है. इसके पीछे की कई वजहें भी हैं. एस जी की गेंद का तो वर्तमान में बाजार भी बहुत ही बड़ा है. सिर्फ टी20 मैचों में नहीं बल्कि, रणजी, टेस्ट, या फिर वनडे सभी अलग अलग प्रतियोगिताओं में खिलाडियों के हाथ में मेरठ के बने एस जी ब्रांड की बॉल हाथ में होती है.
खिलाड़ियों की पहली पसंद हैं एस जी बॉल
एस जी की मार्केटिंग टीम से जुड़े शिवम शर्मा बताते हैं कि पूरे भारत में यहां की बनी गेंद जाती है. देश भर में कम्पनी के डीलर हैं. सभी टेस्ट मैचों में उनकी बॉल इस्तेमाल होती हैं, डोमेस्टिक सीजन जो स्टार्ट होता है उसमें बड़े पैमाने पर एस जी की बॉल जाती है, जो कि 11 अक्टूबर से स्टार्ट होने वाला है.
इसके अलावा मैच प्रैक्टिस के लिए बॉल जाती हैं, जो क्रिकेटर हैं वो खुद भी समय समय पर कम्पनी में आते हैं. कम्पनी से काफी प्लेयर्स जुड़े हैं जिन्हें यहां के उत्पाद बहुत ज्यादा पसंद हैं. यह बहुत ख़ुशी की बात है कि खिलाड़ी एस जी की बॉल बेहद पसंद करते हैं. शिवम बताते हैं ऋषभ पंत, क्रुणाल पांड्या, हार्दिक पांड्या, संजू सेमसन आदि और भी कई प्लेयर्स हैं जो कि कम्पनी के अपने स्पांसर प्लेयर हैं.
सबसे पहले इसी कम्पनी ने लॉन्च की थी पिंक बॉल
शिवम बताते हैं कि कुछ समय पूर्व तक दो तरह की बॉल यहां बनती थीं, लेकिन अब वर्तमान में कम्पनी तीन तरह की बॉल बनाती हैं. जिनमें रेड, व्हाइट औऱ पिंक बॉल शामिल हैं. जो लाल बॉल है इसका इस्तेमाल टेस्ट मैच में होता है, वहीं जो सफ़ेद बॉल है वह टी20 टूर्नामेंट में इस्तेमाल की जाती है. जबकि पिंक बॉल जो कम्पनी ने तैयार की है अभी जल्द ही लॉन्च की गई है. इसके बारे में वह बताते हैं कि पिंक बॉल का इस्तेमाल सबसे पहले कोलकाता में खेले गए भारत बनाम बांग्लादेश मैच में हुआ था. सबसे पहले पिंक बॉल की शुरुआत भी एस जी ने ही की है.
बॉल बनाने की प्रक्रिया बेहद लंबी है
बता दें कि, पूरी तरह से जो बॉल तैयार करने की प्रक्रिया है वह काफी लंबी है. एक पूरी बॉल जो तैयार होती है वह हेंडमेड है जो कि अलग-अलग कारीगरों के पास पहुंचती है. कुशल कारीगरों के द्वारा ये बॉल तैयार की जाती हैं. जैसे एक कारीगर बॉल के रॉ मटेरियल की कटिंग करेगा, एक कारीगर उसे शेप देगा, एक कारीगर कप की सिलाई करेगा, उससे पहले भी कई प्रक्रिया से गुजरना होता है, उसके बाद पॉलिशिंग की प्रक्रिया से बॉल को गुजरना होता है. हाल ही में कानपुर में हुए क्रिकेट टूर्नामेंट में भी एस जी की ही बॉल गई थी.
कैसे हुई कंपनी की शुरुआत
एस जी के मैनेजिंग डायरेक्टर पारस आनंद बताते हैं कि उनके दादाजी ने 1939 में क्रिकेट उत्पाद बनाने की शुरुआत तब की थी. उस वक्त काफी मेहनत से पहले वे खुद ट्रेंड हुए फिर परिवार ने जुड़कर इस काम की शुरुआत की. दादाजी के पेरेंट्स गुजर गये थे जिसके बाद उनके मामा ने उनकी परवरिश की थी, तभी सियालकोट में लगभग 1920 में उन्होंने ट्रेनिंग ली थी. दादाजी और परिवार को एक जुनून था कि यही करना है, बिजनेस में ही आगे बढ़ना है.
इसके बाद जब विभाजन हुआ तो फिर परिवार सियालकोट से भारत आ गया और इस बीच में काफी उतार चढाव रहे. फिर 1950 से पूरा फोकस परिवार का इसी काम पर था. सभी ने बहुत मेहनत की, खासतौर से यह ध्यान में रखा कि गुणवत्ता के मामले में कैसे भी कोई कोर कसर न रहे. वह कहते हैं कि आज भी परिवार अपने पूर्वजों की परम्परा को निरंतर नए आइडियाज के साथ आगे बढ़ा रहा है.
पारस आनंद कहते हैं कि उनका फोकस प्रोडक्ट पर है, हमारा फोकस इस पर है कि प्रोडक्ट ऐसा बने कि ग्राहक खुश हो. उपयोग करने वाले प्लेयर्स खुश हों. वह कहते हैं कि हमारा उद्देश्य यही है कि एस जी की गेंद हो या अन्य उत्पाद सभी को लेकर हमेशा औऱ बेहतर करने की ललक के साथ काम कर रहे हैं.
एस जी की गेंद के बारे में अहम बातें :-
- मेरठ में हर दिन एसजी 1500 गेंद तैयार करता है.
- एक बॉल तैयार होने के दौरान 12 से 15 कारीगरों के हाथों से गुजरती है.
- एसजी की गेंद की कीमत की अगर बात करें तो 600 रूपये शुरुआती रेंज है, जबकि लगभग 4 हजार 500 रूपये तक की गेंद मार्केट में उपलब्ध रहती है.
- कंपनी का दावा यह भी है कि जहां देश के कोने कोने में उनकी गेंद समेत तमाम क्रिकेट के प्रोडक्ट्स जाते हैं, वही देश के बाहर दुनिया भर में जहां भी क्रिकेट खेला जाता है वहां तक भी इनकी अपनी पकड़ है और वहां तक भी एसजी के प्रोडक्ट्स की डिमांड है.