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भारत के पूर्व फुटबॉलर भूपिंदर सिंह रावत का हुआ निधन, 85 साल की उम्र में कहा अलविदा - FOOTBALL - FOOTBALL

भारतीय फुटबॉल जगत के लिए एक दुखद खबर सामने आई है. पूर्व भारतीय फुटबॉलर भूपिंदर सिंह रावत का निधन हो गया है. उन्होंने 85 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

bhupinder singh rawat
फुटबॉलर भूपिंदर सिंह (IANS PHOTOS)
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By IANS

Published : Jun 30, 2024, 7:13 PM IST

सूरत: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने भारत के पूर्व विंगर भूपिंदर सिंह रावत के निधन की पुष्टि की है, जिनका संक्षिप्त बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया. वह 85 वर्ष के थे. रावत के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है. 1960 और 1970 के दशक के तेज तर्रार खिलाड़ी, रावत 1969 में मलेशिया में मर्डेका टूर्नामेंट में भारतीय टीम के सदस्य थे. घरेलू फुटबॉल में, उन्होंने दिल्ली गैरीसन, गोरखा ब्रिगेड और मफतलाल जैसी शीर्ष टीमों के लिए खेला.

उन्होंने संतोष ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल चैम्पियनशिप में सर्विसेज और महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया. अपनी छोटी कद-काठी के बावजूद प्रतिद्वंद्वी डिफेंस को भेदने की अपनी गति और क्षमता के कारण भीड़ के चहेते रावत को स्टैंड में उनके प्रशंसकों द्वारा "स्कूटर" उपनाम दिया गया था. अब वो हमारे बीच नहीं रहे हैं. उनका न होना फुटबॉल जगत के लिए भारी क्षति है.

एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने एआईएफएफ मीडिया टीम से कहा, 'भूपिंदर सिंह रावत एक उत्कृष्ट विंगर और एक शानदार स्कोरर थे, जिन्होंने खेल को उत्कृष्टता के साथ सेवा प्रदान की. दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं'.

इसके साथ ही एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव एम सत्यनारायण ने कहा, 'भूपिंदर सिंह रावत अपने समय के एक कुशल फुटबॉलर थे और दर्शक उन्हें खेलते देखना पसंद करते थे. भारतीय फुटबॉल बिरादरी की ओर से, मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं'.

उनके निधन के अवसर पर कई लोग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं और रावत के लिए अपने भाव व्यक्त कर रहे हैं.

ये खबर भी पढ़ें : कर्नाटक : राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की नेत्रहीन खिलाड़ी मानसा की हावेरी सड़क हादसे में मौत

सूरत: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने भारत के पूर्व विंगर भूपिंदर सिंह रावत के निधन की पुष्टि की है, जिनका संक्षिप्त बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया. वह 85 वर्ष के थे. रावत के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है. 1960 और 1970 के दशक के तेज तर्रार खिलाड़ी, रावत 1969 में मलेशिया में मर्डेका टूर्नामेंट में भारतीय टीम के सदस्य थे. घरेलू फुटबॉल में, उन्होंने दिल्ली गैरीसन, गोरखा ब्रिगेड और मफतलाल जैसी शीर्ष टीमों के लिए खेला.

उन्होंने संतोष ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल चैम्पियनशिप में सर्विसेज और महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया. अपनी छोटी कद-काठी के बावजूद प्रतिद्वंद्वी डिफेंस को भेदने की अपनी गति और क्षमता के कारण भीड़ के चहेते रावत को स्टैंड में उनके प्रशंसकों द्वारा "स्कूटर" उपनाम दिया गया था. अब वो हमारे बीच नहीं रहे हैं. उनका न होना फुटबॉल जगत के लिए भारी क्षति है.

एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने एआईएफएफ मीडिया टीम से कहा, 'भूपिंदर सिंह रावत एक उत्कृष्ट विंगर और एक शानदार स्कोरर थे, जिन्होंने खेल को उत्कृष्टता के साथ सेवा प्रदान की. दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं'.

इसके साथ ही एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव एम सत्यनारायण ने कहा, 'भूपिंदर सिंह रावत अपने समय के एक कुशल फुटबॉलर थे और दर्शक उन्हें खेलते देखना पसंद करते थे. भारतीय फुटबॉल बिरादरी की ओर से, मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं'.

उनके निधन के अवसर पर कई लोग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं और रावत के लिए अपने भाव व्यक्त कर रहे हैं.

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