कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा राहुल द्रविड़ की जगह गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किए जाने के बाद सहयोगी स्टाफ को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं. विक्रम राठौर, पारस महाम्ब्रे और टी दिलीप के बीसीसीआई के साथ अनुबंध समाप्त होने के बाद बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच के पदों को लेकर चर्चा हो रही है.
हालांकि, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गंभीर के मुख्य कोच बनने के बाद इस बार सहयोगी स्टाफ के ढांचे में कुछ बदलाव हो सकते हैं. नवनियुक्त कोच गंभीर की सलाह पर बीसीसीआई 'बल्लेबाजी कोच' के पद को खत्म कर सकता है. इसके बजाय, इस पद को 'सहायक कोच' नाम दिया जा सकता है. इस पद के लिए सबसे आगे कोई और नहीं बल्कि भारत और मुंबई के पूर्व ऑलराउंडर अभिषेक नायर हैं.
ऐसे में गंभीर खुद टीम की बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभालेंगे. गेंदबाजी कोच के पद के लिए कुछ नाम दौड़ में हैं. भारत के पूर्व तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार के अलावा जहीर खान का नाम भी चर्चा में है. खबरों के मुताबिक गंभीर ने गेंदबाजी कोच के पद के लिए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल के नाम की भी सिफारिश की है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीसीसीआई ने इस सिफारिश पर काम किया है या नहीं.
मोर्ने मोर्कल इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स के गेंदबाजी कोच थे, जब गंभीर उनके मेंटर थे.
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से कहा, 'सपोर्ट स्टाफ के सभी पदों के लिए कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन अभी तक बीसीसीआई की ओर से कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. देखते हैं, अगले कुछ दिनों में चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं और फिर हम अंतिम निर्णय ले सकते हैं'.
पता चला है कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) जिसमें अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नाइक शामिल हैं, ने अब तक मुख्य कोच के पद के लिए गौतम गंभीर और भारत के पूर्व ऑलराउंडर डब्ल्यूवी रमन के दो साक्षात्कार किए हैं, जिसमें प्रस्तुतियों के बाद गंभीर को प्राथमिकता दी गई थी. लेकिन सपोर्ट स्टाफ के पदों को भरने के लिए कोई साक्षात्कार नहीं हुआ है.
अधिकारी ने आगे कहा, 'सपोर्ट स्टाफ के लिए आगे कोई साक्षात्कार नहीं हो सकता है क्योंकि उन पदों को बीसीसीआई सीधे भर सकता है'. गौरतलब है कि राहुल द्रविड़ को 2021 में तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष और द्रविड़ के समकालीन सौरव गांगुली ने सीधे भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में चुना था.