ETV Bharat / sports

एक्सक्लूसिव: एथलीट शांति सौंदराजन ने की ओलंपिक में हुए विवादों की निंदा, कहा- 'पुरुषों के लिए लिंग परीक्षण क्यों नहीं' - Paris Olympics 2024 - PARIS OLYMPICS 2024

Paris Olympics 2024: लिंग विवाद पर प्रयोग विश्व पटल पर एक गलत उदाहरण है. मैं लिंग परीक्षण जैसे मेडिकल परीक्षणों को महिलाओं पर हमले के रूप में देखती हूं. तमिलनाडु की एथलीट संथी ने ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर ऐसी चीजें जारी रहीं तो भविष्य में कई महिलाएं खेलों के मैदान में उतरेंगी या नहीं, इस पर सवाल उठेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Santhi Soundarajan
शांति सौंदराजन (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 9, 2024, 5:46 PM IST

त्रिची (तमिलनाडु): साल 2006 में एशिया के प्रमुख खेल स्थल पर लिंग परीक्षण में कथित रूप से विफल होने के बाद तमिलनाडु की खिलाड़ी शांति सौंदराजन से उनका पदक छीन लिया गया. 800 मीटर की दौड़ में रजत पदक जीतने के बाद उनकी खुशी घर लौटने तक नहीं टिकी थी. ऐसे ही घटना अब पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के पास हुई है. वही ऐसा कुछ 18 साल पहले भी हुआ था. इस सारी उलझन से पहले तमिलनाडु सरकार ने 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी.

शांति को मुख्यमंत्री करुणानिधि से मिला था समर्थन
शांति मुख्यमंत्री करुणानिधि से मिलने मुख्य सचिवालय आ रही थीं. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री करुणानिधि को उनके अयोग्य होने की जानकारी दी. पदक न होने पर पुरस्कार राशि किसी ऐसे व्यक्ति को देना? जब सवाल उठा, तो करुणानिधि ने शांति को व्यक्तिगत रूप से बुलाया और उपहार दिया. 18 साल बाद इतिहास की ऐसी घटना फिर से घटी है.

ऐसे में थूथुकुडी की सांसद कनिमोझी ने कुछ दिन पहले अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ के समर्थन में अपने इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट किया था. पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'जो महिलाएं हमेशा आगे रहती हैं उनके नारीत्व पर हमेशा सवाल उठाए जाएंगे. यही बात हमारी एथलीट संथी और अब इमान खलीफ पर भी लागू होती है. आपकी ताकत और दृढ़ संकल्प हम सभी को प्रेरित करता है'.

Santhi Soundarajan
शांति सौंदराजन और विनेश फोगाट (ETV Bharat)

शांति सौंदराजन से ईटीवी से की खास बातचीत
इसके बाद ईटीवी भारत ने एशियाई एथलीट शांति सौंदराजन से संपर्क किया और उनसे इस बारे में बातचीत की हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था. वह मेरी आखिरी प्रतियोगिता थी. लिंग विवाद से जुड़ा प्रयोग विश्व मंच पर गलत कामों का उदाहरण है. लिंग परीक्षण जैसे चिकित्सा प्रयोग नहीं किए जाने चाहिए. मैं इसे महिलाओं के खिलाफ हमले के रूप में देखती हूं'.

उन्होंने आगे कहा, 'अगर इस तरह की चीजें जारी रहीं, तो यह संदिग्ध होगा कि भविष्य में कई महिलाएं खेल उद्योग में प्रवेश करेंगी या नहीं. इसके बाद कोई भी यह नहीं सोचता कि महिलाओं पर इसका क्या असर पड़ता है और वे लिंग विवाद पर हमला करते रहते हैं. हालांकि, पुरुषों के लिए ऐसा कोई परीक्षण नहीं किया जाता है'.

आगे बात करते हुए शांति ने कहा, 'हमें इस दुनिया में पैदा हुए सभी इंसानों को समान रूप से देखना चाहिए. इसके बावजूद कोई भी व्यक्ति नाराज हो जाता है और प्रलोभन के नाम पर उसका जीवन बर्बाद हो जाता है. सभी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार करना चाहिए'.

मनोवैज्ञानिक प्रभाव - मैं अब तक जिन मनोवैज्ञानिक समस्याओं से पीड़ित थी उनसे उबर नहीं पाई हूं. ऐसी समस्या से उबरना आसान नहीं है. इसके बाद व्यक्ति का जीवन एक बड़ा प्रश्नचिह्न बन जाता है और शांतिहीन जीवन बन जाता है'.

जब मैं एशियाई खेलों में लिंग परीक्षण के बाद तमिलनाडु में आई, करुणानिधि जो उस समय मुख्यमंत्री थे उन्होंने मुझे 15 लाख रुपये दिए और मुझे एक घर दिया और मेरी जान बचाई. जैसे तमिलनाडु सरकार ने उस समय मेरे जीवन का समर्थन किया, वैसे ही सरकार को उन सभी खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जो मेरी तरह पीड़ित हैं'.

टेस्टोस्टेरोन - किसी व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पुरुषों में अधिक और महिलाओं में कम होता है. विशेष रूप से महिला एथलीटों में पुरुषों की तुलना में प्रशिक्षण के दौरान इस हार्मोन का स्तर अधिक होता है. फिर हम उस महिला को पुरुष नहीं कह सकते है. साथ ही, कुछ पुरुष जो खेलों के लिए प्रशिक्षण लेते हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है जो उन्हें स्त्रीत्वहीन बनाता है. टेस्टोस्टेरोन एक ऐसी चीज है जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुई है. इस आधार पर महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना गलत मिसाल कायम करता है और गलत कार्रवाई है.

थूथुकुडी सांसद कनिमोझी - थूथुकुडी सांसद कनिमोझी ने मुक्केबाज इमान खलीफ और मेरे समर्थन में बात की है. यह एक खुशी की बात है. ऐसे राजनीतिक नेताओं, वैश्विक हस्तियों को प्रभावित एथलीटों का समर्थन करना चाहिए. तभी प्रभावित खिलाड़ियों की स्थिति बाहरी दुनिया को पता चलेगी.

विनेश फोगाट का अयोग्य घोषित होना - हर भारतीय के लिए वास्तव में खेदजनक बात है. भारत पदक से चूक गया. यह बहुत बड़ी क्षति है. शांति ने दुखी होकर कहा, 'हर कोई अलग-अलग खबरें बता रहा है. हमें नहीं पता कि वास्तविक स्थिति क्या है'.

ये खबर भी पढ़ें : भारतीय हॉकी टीम के 8 खिलाड़ी हैं सरकारी विभागों में अधिकारी, कोई डीएसपी तो कोई पीसीएस अधिकारी

त्रिची (तमिलनाडु): साल 2006 में एशिया के प्रमुख खेल स्थल पर लिंग परीक्षण में कथित रूप से विफल होने के बाद तमिलनाडु की खिलाड़ी शांति सौंदराजन से उनका पदक छीन लिया गया. 800 मीटर की दौड़ में रजत पदक जीतने के बाद उनकी खुशी घर लौटने तक नहीं टिकी थी. ऐसे ही घटना अब पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के पास हुई है. वही ऐसा कुछ 18 साल पहले भी हुआ था. इस सारी उलझन से पहले तमिलनाडु सरकार ने 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी.

शांति को मुख्यमंत्री करुणानिधि से मिला था समर्थन
शांति मुख्यमंत्री करुणानिधि से मिलने मुख्य सचिवालय आ रही थीं. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री करुणानिधि को उनके अयोग्य होने की जानकारी दी. पदक न होने पर पुरस्कार राशि किसी ऐसे व्यक्ति को देना? जब सवाल उठा, तो करुणानिधि ने शांति को व्यक्तिगत रूप से बुलाया और उपहार दिया. 18 साल बाद इतिहास की ऐसी घटना फिर से घटी है.

ऐसे में थूथुकुडी की सांसद कनिमोझी ने कुछ दिन पहले अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ के समर्थन में अपने इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट किया था. पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'जो महिलाएं हमेशा आगे रहती हैं उनके नारीत्व पर हमेशा सवाल उठाए जाएंगे. यही बात हमारी एथलीट संथी और अब इमान खलीफ पर भी लागू होती है. आपकी ताकत और दृढ़ संकल्प हम सभी को प्रेरित करता है'.

Santhi Soundarajan
शांति सौंदराजन और विनेश फोगाट (ETV Bharat)

शांति सौंदराजन से ईटीवी से की खास बातचीत
इसके बाद ईटीवी भारत ने एशियाई एथलीट शांति सौंदराजन से संपर्क किया और उनसे इस बारे में बातचीत की हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था. वह मेरी आखिरी प्रतियोगिता थी. लिंग विवाद से जुड़ा प्रयोग विश्व मंच पर गलत कामों का उदाहरण है. लिंग परीक्षण जैसे चिकित्सा प्रयोग नहीं किए जाने चाहिए. मैं इसे महिलाओं के खिलाफ हमले के रूप में देखती हूं'.

उन्होंने आगे कहा, 'अगर इस तरह की चीजें जारी रहीं, तो यह संदिग्ध होगा कि भविष्य में कई महिलाएं खेल उद्योग में प्रवेश करेंगी या नहीं. इसके बाद कोई भी यह नहीं सोचता कि महिलाओं पर इसका क्या असर पड़ता है और वे लिंग विवाद पर हमला करते रहते हैं. हालांकि, पुरुषों के लिए ऐसा कोई परीक्षण नहीं किया जाता है'.

आगे बात करते हुए शांति ने कहा, 'हमें इस दुनिया में पैदा हुए सभी इंसानों को समान रूप से देखना चाहिए. इसके बावजूद कोई भी व्यक्ति नाराज हो जाता है और प्रलोभन के नाम पर उसका जीवन बर्बाद हो जाता है. सभी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार करना चाहिए'.

मनोवैज्ञानिक प्रभाव - मैं अब तक जिन मनोवैज्ञानिक समस्याओं से पीड़ित थी उनसे उबर नहीं पाई हूं. ऐसी समस्या से उबरना आसान नहीं है. इसके बाद व्यक्ति का जीवन एक बड़ा प्रश्नचिह्न बन जाता है और शांतिहीन जीवन बन जाता है'.

जब मैं एशियाई खेलों में लिंग परीक्षण के बाद तमिलनाडु में आई, करुणानिधि जो उस समय मुख्यमंत्री थे उन्होंने मुझे 15 लाख रुपये दिए और मुझे एक घर दिया और मेरी जान बचाई. जैसे तमिलनाडु सरकार ने उस समय मेरे जीवन का समर्थन किया, वैसे ही सरकार को उन सभी खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जो मेरी तरह पीड़ित हैं'.

टेस्टोस्टेरोन - किसी व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पुरुषों में अधिक और महिलाओं में कम होता है. विशेष रूप से महिला एथलीटों में पुरुषों की तुलना में प्रशिक्षण के दौरान इस हार्मोन का स्तर अधिक होता है. फिर हम उस महिला को पुरुष नहीं कह सकते है. साथ ही, कुछ पुरुष जो खेलों के लिए प्रशिक्षण लेते हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है जो उन्हें स्त्रीत्वहीन बनाता है. टेस्टोस्टेरोन एक ऐसी चीज है जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुई है. इस आधार पर महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना गलत मिसाल कायम करता है और गलत कार्रवाई है.

थूथुकुडी सांसद कनिमोझी - थूथुकुडी सांसद कनिमोझी ने मुक्केबाज इमान खलीफ और मेरे समर्थन में बात की है. यह एक खुशी की बात है. ऐसे राजनीतिक नेताओं, वैश्विक हस्तियों को प्रभावित एथलीटों का समर्थन करना चाहिए. तभी प्रभावित खिलाड़ियों की स्थिति बाहरी दुनिया को पता चलेगी.

विनेश फोगाट का अयोग्य घोषित होना - हर भारतीय के लिए वास्तव में खेदजनक बात है. भारत पदक से चूक गया. यह बहुत बड़ी क्षति है. शांति ने दुखी होकर कहा, 'हर कोई अलग-अलग खबरें बता रहा है. हमें नहीं पता कि वास्तविक स्थिति क्या है'.

ये खबर भी पढ़ें : भारतीय हॉकी टीम के 8 खिलाड़ी हैं सरकारी विभागों में अधिकारी, कोई डीएसपी तो कोई पीसीएस अधिकारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.